ट्रैक्टर पलटने से चालक की मौत, मजदूर घायल
नवादा। सिरदला-हिसुआ पथ पर चंदा बिगहा मोड़ के पास ट्रैक्टर के पलटने से चालक की मौत हो गई जबकि साथ रहे एक मजदूर घायल हो गए। दुर्घटना मंगलवार की सुबह 730 बजे करीब चंदा बिगहा मोड़ के समीप हुई। पीएचसी सिरदला में प्राथमिक उपचार के बाद घायल मजदूर को सदर अस्पताल नवादा भेजा गया है।
नवादा। सिरदला-हिसुआ पथ पर चंदा बिगहा मोड़ के पास ट्रैक्टर के पलटने से चालक की मौत हो गई, जबकि साथ रहे एक मजदूर घायल हो गए। दुर्घटना मंगलवार की सुबह 7:30 बजे करीब चंदा बिगहा मोड़ के समीप हुई। पीएचसी सिरदला में प्राथमिक उपचार के बाद घायल मजदूर को सदर अस्पताल नवादा भेजा गया है।
बताया जाता है कि चौबे पंचायत की नवादा गांव निवासी चालक 40 वर्षीय धर्मेंद्र राजवंशी ग्रामीण मजदूर छोटेलाल राजवंशी के साथ ट्रैक्टर लेकर सुबह में बालू घाट जाने के लिए निकले थे। चंदा बिगहा मोड़ से कुछ दूर आगे बढ़ने पर गति पर नियंत्रण नहीं रहने से ट्रैक्टर सड़क किनारे गड्ढे में पलट गया। सड़क किनारे वाहन पलटने से चालक की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि उसपर सवार मजदूर छोटेलाल राजवंशी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। खबर के बाद वाहन मालिक बड़गांव निवासी रणविजय सिंह व आसपास के गांव के लोग घटनास्थल पर पहुंचे। जेसीबी मंगाकर वाहन के नीचे दबे चालक व मजदूर को निकाला गया। हालांकि चालक की मौत हो चुकी थी, वहीं गंभीर रूप से घायल मजदूर को इलाज के लिए पीएचसी सिरदला भेजा गया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे सदर अस्पताल भेज दिया गया। इस बीच सिरदला थाने की पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची। मृतक व घायल के बाद स्वजन भी पहुंच गए। थानाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा ने बताया कि पोस्टमार्टम करा शव उनके स्वजनों को सौंप दिया गया है। दुर्घटनाग्रस्त ट्रैक्टर को पुलिस जब्त कर थाना ले गई है।
शिक्षा सेवक दिलीप राजवंशी ने बताया कि मृतक के पीछे 60 वर्षीय वृद्धा मां, पत्नी, पुत्री मनीषा कुमारी, जुली कुमारी और पुत्र गुड्डू कुमार हैं। धर्मेद्र घर का अकेला कमाऊ सदस्य था, उसकी मौत से स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। घटना के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मुआवजा की मांग की है। तेज हो गई बालू की ढुलाई :
31 दिसंबर के बाद बालू की संभावित संकट व कीमत बढ़ने की आशंकाओं से घिरे लोग जरूरत के अनुसार स्टॉक करने में लगे हैं। ऐसे में दिन-रात बालू की ढुलाई नदी घाटों से हो रही है। दिनभर काम से थके चालक को पुन: सुबह छह बजे से काम में लग जाते हैं। ऊपर से ठंड व घना कोहरा चालकों को परेशान करता है। ऐसे में हादसे होते हैं। ट्रैक्टर दुर्घटना के वक्त भी इलाके में घना कोहरा था।