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इस गर्मी भी नहीं बुझेगी ग्रामीणों की प्यास

प्रखंड क्षेत्र के हरदिया पंचायत की फुलवरिया जलाशय के समीप विश्व बैंक की मदद से बहुद्देशीय ग्रामीण जलापूर्ति केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है। तीन वर्ष बीतने के बाद भी अब तक कार्य पूरा नहीं किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 08:04 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 06:23 AM (IST)
इस गर्मी भी नहीं बुझेगी ग्रामीणों की प्यास
इस गर्मी भी नहीं बुझेगी ग्रामीणों की प्यास

प्रखंड क्षेत्र के हरदिया पंचायत की फुलवरिया जलाशय के समीप विश्व बैंक की मदद से बहुद्देशीय ग्रामीण जलापूर्ति केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है। तीन वर्ष बीतने के बाद भी अब तक कार्य पूरा नहीं किया गया है। लक्ष्य था 2018 में सभी गांवों में पानी पहुंचाने का, लेकिन कार्य अबतक पूरा नहीं हुआ। यहां के लोग किसी तरह प्यास बुझा रहे हैं। प्रखंड के 10 पंचायतों की 91 गांव को लाभांवित करने की है योजना है।

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बताते चलें कि प्रखंड के कई पंचायतों की पानी में फ्लोराइड कि मात्रा पाई गई है। हरदिया पंचायत की कचहरियाडीह रजौली,दिबौर, मसई, पार रजौली आदि कई गांवों की पानी में अत्यधिक मात्रा में फ्लोराइड की मात्रा रहने से यहां के लोगों में उस पानी को पीने से फ्लोरोसिस का खतरा बढ़ता जा रहा था। गांवों में फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से फ्लोरोसिस एवं अन्य जल विषाक्तता से जुड़ी बीमारियां लोगों को घेरती जा रही थी। इन बीमारियों से ग्रस्त होने वालों में बच्चों की संख्या अधिक थी। फ्लोरोसिस एक ऐसी बीमारी है, जो बच्चों की हड्डियों एवं दांतों को कमजोर बना देती हैं। यहीं नहीं, पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा रहने के कारण महिलाओं को थायराइड और गुर्दे से संबंधित बीमारियां हो रही थी, लोग दिव्यांग हो रहे थे। जिसपर रोक थाम के लिए विश्व बैंक की मदद से जलापूर्ति केंद्र का निर्माण किया जा रहा था। यह जलापूर्ति योजना रजौली वासियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है। जलापूर्ति योजना पर काम धीमी गति से चल रहा है।

जिदल कंपनी को इस कार्य का जिम्मा दिया गया है। 95.73 करोड़ की लागत से योजना पर काम हो रहा है। कार्य 18 सितंबर 16 से प्रारंभ हुआ। 30 जून 17 को कार्य समाप्त कर देना था। लेकिन यह कार्य तय अवधि में किसी कारणवश पूरा नहीं किया जा सका। तब कार्य कि अवधि बढ़ाकर 18 मई कर दिया गया था। लेकिन उक्त अवधि में भी काम पूरा नहीं हुआ। पिछले वर्ष भी 31 मार्च 19 तक आम लोगों को इसका लाभ मिलने का भरोसा दिलाया गया था। बताते चलें कि रजौली का इलाका जंगल और पहाड़ से घिरा हुआ है।निर्माण के शुरूआती दौर में नक्सलियों की हरकतों से संवेदक को काम बंद करना पड़ा था। एसटीएफ की तैनाती के बाद कार्य आगे बढ़ा। लेकिन कार्य आजतक पूरा नहीं हो सका है।

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इन पंचायतों को होना है लाभ

-इस योजना से प्रखंड के 16 पंचायतों में से 10 पंचायतों चिकरकोली, हरदिया, शिरोडावर, टकुआटांड़, रजौली पूर्वी, रजौली पश्चिमी, अमावां पूर्वी, बहादुरपुर, धमनी,जोगियामारण पंचायतों की 91 गांव के हजारों लोग लाभान्वित होंगे। लोग अब भी टकटकी लगाए हुए हैं कि कब योजना पूरी होगी और कब उन्हें पानी नसीब होगा। कई गांव से कनेक्शन के लिए शुल्क भी जमा ले लिया गया है।

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क्या कहते हैं लोग

- 10 गांव के गरीबों से कनेक्शन का शुल्क ले लिया गया। फिर भी लोगों की प्यास नहीं बुझ रही है। ग्रामीणों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

राजेन्द्र सिंह,चितरकोली। फोटो-17

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-हर घल नल जल योजना के तहत कनेक्शन देने के नाम हमलोगों से दो साल पहले ही एसटी-एसी से 225 रुपये तो जेनरल कैटेगरी से 425 रुपये भी ले लिया गया है। उपर से यह योजना हांथी का दांत साबित हो रहा है।

पवित्री देवी,टकुआटांड़। फोटो-16

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-हमलोग पानी के लिए भटक रहे हैं। नदियों में गढ्ढे कर पानी पीते हैं। विभाग पाइप बिछाने में ही लगी हुई है। पानी कब नसीब होगा कहना मुश्किल है।

रामेश्वर सिंह,हरदिया निवासी। फोटो-15

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क्या कहते हैं संवेदक के बीपीएम

-तकनीकी खामियों की बजह से अभी तक कार्य पूर्ण हो सका है। कार्य प्रगति पर है। लगभग सभी पानी टंकियों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। गांव में पाइप बिछाने का काम किया जा रहा है। जल्द ही इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा। उसके बाद जल्द ही इस जलापूर्ति केंद्र से लोगों को पानी मिलने लगेगा।

प्रशांत पांडा,बीपीएम,जिदल कंपनी।

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क्या कहते हैं अधिकारी

-आवंटित राशि खर्च की जा चुकी है। राशि के अभाव में कार्य बाधित है। सरकार से राशि की मांग की गई है। राशि मिलते ही कार्य पूर्ण कराया जाएगा।

राहुल कुमार,एसडीओ,पीएचईडी।


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