बेंगलुरु में फंसे मजदूरों की घर वापसी
कर्नाटक सरकार ने दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए वहां फंसे नवादा जिले के अकबरपुर प्रखंड के प्रवासी मजदूरों को ट्रेन के माध्यम से घर वापसी करवाया है।
कर्नाटक सरकार ने दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए वहां फंसे नवादा जिले के अकबरपुर प्रखंड के प्रवासी मजदूरों को ट्रेन के माध्यम से घर वापसी करवाया है। दरअसल, 8 मई खबर छपने के बाद 8 मई को दैनिक जागरण के नवादा संस्करण में 'बेंगलुरु में फंसे मजदूर हलकान' शीर्षक से खबर छपी थी। ट्विटर के माध्यम से प्रकाशित खबर ट्वीट कर पीएमओ, सीएमओ बिहार और कर्नाटक एवं बेंगलुरु के एमपी को मजूदरों की समस्याओं से अवगत कराया गया था। जिसके बाद वहां की सरकार ने संज्ञान में लेते हुए वहां की प्रशासन को भेजकर फंसे सभी मजदूरों को खाना का पैकेट दिया गया। इसके बाद प्रशासन ने उनकी समस्या को सुनकर ट्रेन का टिकट उपलब्ध करवाया और बस के माध्यम से मेलूर स्टेशन लाया गया। मेडिकल टीम द्वारा सभी करी स्वास्थ्य जांच की गई। इसके बाद खाना का पैकेट और पानी का बोतल देकर ट्रेने से विदा किया। इन बातों को मजदूरों ने मोबाइल और वाट्सएप के माध्यम से दैनिक जागरण को साझा किया। उनके स्वजनों ने दैनिक जागरण का आभार जताया। प्रवासी मजदूर रविवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से रविवार को रवाना हुए हैं। दानापुर पहुंचने के बाद वहां से नवादा आएंगे। प्रवासी मजदूरों ने कहा- अब ई जनम में न जइबो परदेस
लॉकडाउन के बाद देश में मजदूरों व कामगारों की हालत काफी खराब हो गई है। इसी दौरान जब वहां फंसे मजदूरों की घर वापसी हो रही है तब उनका दर्द छलक पड़ा। सत्यम राम, विनय राम, सुबोध कुमार यादव, बब्लू राम, विजय मालाकार ने बताया कि वहां हालत काफी खराब थी। कोरोना संक्रमण से अगर बच भी जाते तो भूख से मर जाते। दोबारा बेंगलुरु जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब ई जनम में परदेस न जइबो। वे सभी बेंगलुरु की फैक्ट्रियों में काम करते थे। लॉकडाउन में काम बंद हो गया। इसके बाद जमा किए पैसे भी खर्च होने लगे।