स्वदेशी उत्पाद को अपनाने से देश की अर्थव्यवस्था होगी सुदृढ़
कोरोना महामारी को लेकर डेढ़ माह से लगातार पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है। लॉकडाउन के कारण छोटे-बड़े सभी उद्योग धंधा बंद पड़ा है। कल-कारखानों में काम करने वाले मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं। सरकारी स्तर पर राजस्व की क्षति हो रही है और देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। सरकार की ओर से देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की पहल की गई है। स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
कोरोना महामारी को लेकर डेढ़ माह से लगातार पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है। लॉकडाउन के कारण छोटे-बड़े सभी उद्योग धंधा बंद पड़ा है। कल-कारखानों में काम करने वाले मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं। सरकारी स्तर पर राजस्व की क्षति हो रही है और देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। सरकार की ओर से देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की पहल की गई है। स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकल पर वोकल का नारा दिया है। साथ ही 20 लाख करोड़ रुपये का आíथक पैकेज देने का ऐलान किया है। स्वदेशी उत्पाद से जुड़े उद्योगपतियों को ऋण देकर आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। पीएम ने देशवासियों से अपील की है कि स्वदेशी उत्पाद को अपनाएं। पीएम के ऐलान के बाद स्वदेशी उत्पाद के प्रति व्यवसायियों में काफी खुशी देखी जा रही है।
शुक्रवार की सुबह 10 बज रहे थे। दैनिक जागरण की टीम शहर के कई व्यवसायियों से मिलकर बातचीत की। व्यवसायियों ने बताया कि कोविड-19 को लेकर डेढ़ माह से लॉकडाउन चल रहा है। लॉकडाउन के कारण छोटे-बड़े सभी उद्योग धंधा बंद पड़ा है। देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। पीएम द्वारा लोकल पर वोकल का नारा दिया गया है। अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही पीएम द्वारा बड़े राहत पैकेज का ऐलान किया गया है। लेकिन सरकारी स्तर पर स्वदेशी उत्पाद से जुड़े उद्योगपतियों को सहायता प्रदान करने की जरूरत है। बैंक से उद्योगपतियों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था करनी होगी। समय से ऋण उपलब्ध होने से स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा मिलेगा। और स्थानीय उद्योगपति बड़े पैमाने पर व्यवसाय को आगे बढ़ा सकेंगे। साथ ही अपने परिवार से दूर रहकर दूसरे राज्यों में काम करने वाले मजदूरों को भी काम मिलेगा। मजदूरों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। -------------------
- जिले में भवन निर्माण के लिए सीमेंट,छड़ व फूड प्रोसेसिग प्लांट आदि की काफी कमी है। दूसरे राज्यों से लाने में काफी महंगा पड़ता है। अगर सरकार व जिला प्रशासन की ओर से सहयोग मिला तो नवादा में सीमेंट,छड़ आदि का फैक्ट्री लगाने का काम करेंगे। और फूड प्रोसेसिंग के तौर पर दाल का प्लांट लगाया जाएगा। पीएम ने लोकल पर वोकल का नारा दिया है। साथ ही बड़ी राहत पैकेज का ऐलान किया है। जो सराहनीय कदम है।
रवि गुप्ता, सदस्य, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज नवादा। फोटो-11 - नवादा में स्थानीय स्तर फूड प्रोसेसिग प्लांट की काफी कमी है। यहां के व्यापारियों को दूसरे राज्यों से कई खाद्य सामग्री मंगवाना पड़ता है। ट्रांस्पोर्टिग चार्ज भी अधिक लगता है। अगर सरकार व जिला प्रशासन की ओर से सहायता प्रदान किया गया तो नवादा में चावल मील खोलने का काम करेंगे। इससे स्थानीय किसानों को फायदा मिलेगा। और मजदूरों को भी रोजगार मिल सकेगा। पीएम ने देशवासियों से स्वदेशी उत्पाद अपनाने की अपील की है। आíथक पैकेज का भी ऐलान किया है। जो स्वागत योग्य है।
अरुण कुमार, व्यवसायी नवादा। फोटो-04 - जिला स्तर पर एक भी कपड़ा मील नहीं है। यहां के व्यापारियों को दूसरे राज्यों से कपड़ा मंगवाना पड़ रहा है। दूसरे राज्यों से मंगवाने में काफी महंगा पड़ रहा है। अगर सरकार व जिला प्रशासन का सहयोग मिला तो कपड़ा का प्लांट लगाने का काम करेंगे। साथ ही खादी वस्त्र से जुड़े बुनकरों को सहायता प्रदान किया जाय तो स्वदेशी उत्पाद का बढ़ावा मिलेगा। और यहां के मजदूरों को रोजगार हासिल हो सकेगा। पीएम ने अर्थव्यस्था को पटरी पर लाने के लिए बड़ी राहत पैकेज का ऐलान किया है। जो सराहनीय कदम है।
अरविद कुमार, कपड़ा व्यवसायी नवादा। फोटो-02 - नवादा में फूड प्रोडक्ट्स प्लांट की काफी कमी है। यहां के व्यापारियों को दूसरे राज्य व जिलों से मंगवाने में काफी महंगा पड़ता है। अगर सरकार व जिला प्रशासन का सहयोग मिला तो नवादा में आटा का प्लांट लगाने का काम करेंगे। इससे स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा मिलेगा। सस्ता भी मिलेगा। पीएम ने लोगों को आत्मनिर्भर बनने व स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की है। साथ ही राहत पैकेज का ऐलान भी किया है। जो स्वागत योग्य है।
विनय कुमार, किराना व्यवसायी। फोटो-03