अधिकारियों की अनुपस्थिति में कार्यालय के कर्मियों में नहीं दिखती काम की तत्परता
सरकारी कार्यालय के प्रधान पदाधिकारी यदि किसी कारण वश कार्यालय में नहीं हैं तो ऐसा देखा जाता है कि लोगों का काम प्रभावित होता है।
सरकारी कार्यालय के प्रधान पदाधिकारी यदि किसी कारण वश कार्यालय में नहीं हैं तो ऐसा देखा जाता है कि लोगों का काम प्रभावित होता है। कार्यालय के कर्मी जिनके उपर काम निपटारे की बराबर की जवाबदेही होती है वे कम रुचि दिखाते हैं। खामियाजा आम लोगों को इधर-उधर भटककर उठाना पड़ता है। सरकारी कर्मी आम जनों की बातों को ध्यान से सुनने, उन्हें जानकारी देकर संतुष्ट करने जैसी जवाबदेही से बचते नजर आते हैं। कुछ इसी तरह का नजारा सोमवार को नवादा प्रखंड सह अंचल कार्यालय में देखने को मिली। कई लोगों की शिकायत है कि आम जनता को कई बार कुछ इस तरह से सुनना पड़ता है -जाइए बाद में आइएगा, साहब नहीं हैं, पंचायत में जाइए, हम बैठल हैं ? अप्पन काम छोड़के पहले आपही का देखें ..। लिहाजा, इस तरह की बातों से लोगों को मायूसी हाथ लगती है। सामने दिखा सन्नाटा, अंदर पहुंचा तो समस्याओं की फेहरिस्त लंबी थी
-दैनिक जागरण की टीम सोमवार को दिन में 2 बजकर 10 मिनट पर कार्यालय के अंदर पहुंची। मुख्य दरवाजा पर कोई कर्मी नहीं दिखे। सामने दिवाल पर मोटी अक्षरों में लिखा था विनम्रता मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है। यहां से दाएं व बाएं बीडीओ व सीओ की चेंबर है। दोनों ही साहब के चेंबर उस वक्त बंद मिले। जानकारी मिली की साहब इंटर की परीक्षा में बतौर मजिस्ट्रेट ड्यूटी पर हैं। यहां से आगे बढ़ते ही निर्वाचन शाखा के कार्यालय में एक कर्मी कुर्सी पर बैठकर झपकी ले रहा था। कैमरा का फ्लश चमकते ही उनकी नींद खुल गई। वे झटपट उठ बैठे। यहां से अंचल की मुख्य शाखा की ओर बढ़े तो यहां कई आम जन अपनी-अपनी जमीन से संबंधित परेशानियों के साथ मिले। रैयती जमीन पर हो रहा कब्जा, नहीं मिल रहे सीओ
-कार्यालय में एक महिला व उसके संग रहे पति ने कहा कि हुजूर, रैयती जमीन पर विरोधी कब्जा कर रहे हैं। तो एक अन्य महिला ने अपने ही रिश्तेदार पर जमीन की रसीद गलत तरीके से कटवाने की शिकायत की। थोड़ी ही देर में एक और ग्रामीण युवक मिले। उन्होंने कार्यालय के एक कर्मचारी पर महीनों से दाखिल खारिज का मामला लटकाकर रखने का आरोप लगाया। बीते नवंबर महीने में दाखिल खारिज के लिए दिए गए आवेदन की कॉपी भी दिखाई। यहां से आगे कंप्यूटर सेक्शन की ओर बढ़ ही रहे थे कि वहां से निकलती दो वृद्ध महिलाओं ने डबडबाई आंखों से अपनी आपबीती सुनानी शुरू कर दी। एक विधवा पेंशन के लिए कार्यालय पहुंची थी। अभी मीडिया उस महिला की बात सुन ही रही थी कि पीछे से कंप्यूटर रूम के एक स्टाफ ने नजदीक आकर अपनी बात कहनी शुरू कर दी। महिला रो-बिलख रही थी। कार्यालय के अंदर सामान्य शाखा में कई कर्मी अपनी-अपनी कुर्सी पर बैठकर मामले का निपटारा कर रहे थे। खाली कुर्सियों पर जवाब मिला, कईयों को मिली है परीक्षा ड्यूटी
-अंचल व प्रखंड के दोनों ही कार्यालय में कई स्टाफ दिखे तो कईयों की कुर्सियां खाली थी। कार्यालय से बाहर निकलकर जब खुले में आया तो प्रखंड सभागार के सामने दर्जन भर कादिरगंज क्षेत्र की ग्रामीण महिलाएं हाथों में आवेदन लेकर पुलिसवाले से बात करते दिखे। नजदीक पहुंचकर जानकारी ली तो वे कृषि अनुदान का लाभ लेने के लिए सही कार्यालय को खोज रही थी। नवादा ब्लॉक में अब प्रखंड कृषि कार्यालय काम नहीं करता है लिहाजा वे परेशान दिखीं। बाद में इन्हें प्रखंड कार्यालय में ही जाने का सुझाव दिया गया। आरटीपीएस काउंटर के अंदर सभी कर्मी काम करने में मशगुल थे। काउंटर की खिड़कियां बंद थी। जानकारी मिली की दोपहर 2 बजे के बाद काउंटर बंद करके ऑफिस का काम निपटाते हैं। मनरेगा व आपूर्ति शाखा के कार्यालय में अधिकारी नहीं मिले। वहां के स्टाफ ने बताया कि साहब परीक्षा ड्यूटी में हैं। लोगों ने कहा
-मेरी 1 एकड़ 58 डिसमील जमीन है। इसका रसीद और पर्चा अब तक नहीं मिला है। दूसरे का जमीन बताया जा रहा है। इसके लिए कई बार अंचल कार्यालय आकर परेशान हो चुकी हूं।
अजनसिया देवी, बुधौल(फोटो:6)
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मैनें भदौनी में घर बनाने के लिए 1 साल पहले साढ़े 3 डिसमील जमीन खरीदी है। रैयती जमीन है। बावजूद विरोधी जमीन पर कब्जा होने नहीं दे रहे हैं। डराया-धमकाया जाता है।
विभा कुमारी, मिर्जापुर(फोटो:9)
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मैं अपने 13 साल के बच्चे को दिव्यांग योजना के तहत ट्राई साईकिल का लाभ दिलाने के लिए आवेदन करने आया हूं। उसने पहले कभी भी ट्राइसाईकिल योजना का लाभ नहीं लिया है।
सुरेंद्र कुमार, भगवानपुर(फोटो:10)
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मेरे हिस्से की 7 एकड़ जमीन पर परिवार के लोग गलत तरीके से रसीद कटा लिए हैं। कई बार कार्यालय आई हूं। सीओ साहब से भेंट नहीं हो पा रही है। बहुत परेशान हूं।
नीलम देवी, समाय(फोटो:8)
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मैनें अपनी जमीन का दाखिल खारिज के लिए 21 नवम्बर 2017 को ही आवेदन दे रखा है। कार्यालय के कर्मचारी द्वारा उनके आवेदन को लंबित रखा जा रहा है। सीओ से मिलने आए थे लेकिन भेंट नहीं हो सकी।
कृष्ण बहादुर ¨सह, गोनावां(फोटो:11)
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करीब एक साल पहले मेरे पति की मौत हो गई। घर में दो वक्त की रोटी जुटाने वाला भी कोई नहीं है। वृद्धा पेंशन के लिए आई हूं। कंप्यूटर सेक्शन के कर्मी से आरजू-मिन्नत की है। बहुत गरीबी है, मदद चाहिए।
सोनमंती देवी, रामगढ़(फोटो:7)
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क्या कहते हैं अधिकारी-
इंटर परीक्षा की ड्यूटी में रहने के कारण इधर भी व्यस्त रहना पड़ता है। बावजूद समय निकालकर कार्यालय का काम भी निपटाता हूं। सभी कर्मियों को अपनी-अपनी पूरी जवाबदेही के साथ काम करने का निर्देश है। जो भी व्यक्ति किसी काम से कार्यालय यदि आते हैं तो उनकी बातों को ध्यान से सुनना व यथासंभव उनका निपटारा करना हरेक कर्मी की ड्यूटी है। लापरवाही पाए जाने पर कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
कुमार शैलेंद्र, बीडीओ, नवादा सदर
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कार्यालय के जरूरी काम से कभी कभार बाहर भी जाना पड़ता है। जमीन से संबंधित मामलों के निपटारे में नवादा अंचल का परफॉमेंटस अव्वल रहा है। जमीन से जुड़े कई विवादित मामलों में उनका अधिकार नहीं होता। मसलन रैयती जमीन में वे बहुत ज्यादा नहीं कर सकते। कई जमीन मामलों में तकनीकी पहलू होता है। हां, आम जनों को उनके सवालों को सुनने के बाद सही से समझाना-बुझाना चाहिए। इस बारे में कर्मियों को भी समय-समय पर निर्देश दिया जाता है।
अभय कुमार, सीओ सदर अंचल नवादा
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ग्राफिक्स:
प्रखंड कार्यालय में कर्मियों की संख्या- 14
अंचल कार्यालय में कर्मियों की संख्या-12