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हड़ताल पर गए जिले के नियोजित शिक्षक, स्कूलों में पठन-पाठन ठप

बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर सोमवार से जिले के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। फलस्वरूप पठन-पाठन कार्य ठप पड़ गया। स्कूल पहुंचे विद्यार्थी ताला बंद देख वापस घर लौट गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 11:34 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 11:34 PM (IST)
हड़ताल पर गए जिले के नियोजित शिक्षक, स्कूलों में पठन-पाठन ठप
हड़ताल पर गए जिले के नियोजित शिक्षक, स्कूलों में पठन-पाठन ठप

बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर सोमवार से जिले के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। फलस्वरूप पठन-पाठन कार्य ठप पड़ गया। स्कूल पहुंचे विद्यार्थी ताला बंद देख वापस घर लौट गए। हड़ताली शिक्षकों ने सदर प्रखंड स्थित बीआरसी के समक्ष धरना दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। राज्य सरकार से समान काम के बदले समान वेतन और मूल शिक्षक का दर्जा देने की मांग की गई। नेतृत्व समन्वय समिति के जिला संयोजक अशोक कुमार सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि मांगों की पूर्ति होने तक हड़ताल जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के खिलाफ तुगलकी फरमान जारी किया जा रहा है। डीईओ ऐसा फरमान निकालना बंद करें। उन्होंने हड़ताल को पूरी तरह सफल रहने का दावा किया।

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बीआरपी व सीआरसीसी के साथ की बैठक

- समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने जिले में कार्यरत बीआरपी व सीआरसीसी के साथ बैठक की और हड़ताल को सफल बनाने के लिए कहा। जिला संयोजक अशोक ने कहा कि संवैधानिक अधिकार को लेकर शिक्षक हड़ताल पर हैं। अपनी चट्टानी एकता का परिचय देते हुए हड़ताल को सफल बनाएं। प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रामजी प्रसाद ने कहा कि डीईओ बीआरपी व सीआरसीसी को पत्र लिखकर शिक्षकों को प्रताड़ित करना बंद करें। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विनय प्रभाकर ने कहा कि किसी को डरने की जरुरत नहीं है। हड़ताल हमारा संवैधानिक अधिकार है। टीईटी-एसटीईटी शिक्षक संघ के जिला महासचिव नीरज कुमार ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से शिक्षक अपनी मांगों को रख रहे हैं। लेकिन शिक्षकों को बेवजह परेशान किया जा रहा है।

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धरना प्रदर्शन में कई शिक्षक हुए शामिल

- धरना-प्रदर्शन में विभिन्न शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के सुनील कुमार भारती, कुलेश्वर मेहता, दिनेश कुमार सिन्हा, पंकज कुमार, बीके सिंह, अयोध्या पासवान, अनिरुद्ध कुमार समेत अन्य शिक्षकों ने धरना में भाग लेकर मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की।

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हड़ताल के बावजूद खुले रहे कुछ विद्यालय

- हड़ताल के बावजूद जिले में कुछ विद्यालय खुले रहे और पठन-पाठन का काम जारी रहा। नगर के प्रखंड कॉलोनी स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति देखी गई और अध्ययन-अध्यापन काम जारी रहा। स्कूल की प्रधान शिक्षक मीना कुमारी बच्चों को पढ़ाती नजर आई। उन्होंने कहा कि वे हड़ताल पर नहीं हैं। इसी तरह अन्य कुछ विद्यालय में बच्चे पढ़ाई करते नजर आए।

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पैकेजिग के लिए

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डरा-धमकाकर हड़ताल कराने वालों पर होगी कार्रवाई : डीईओ संस, नवादा : जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार चौधरी ने कहा कि डरा-धमका कर शिक्षकों को हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य करने वाले लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐसी सूचना मिल रही है कि कई शिक्षक हड़ताल पर नहीं जाना चाहते हैं। लेकिन कुछ शिक्षक उन्हें डरा-धमका कर हड़ताल पर जाने के लिए विवश कर रहे हैं। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीआरपी व सीआरसीसी पर दबाव बनाया जा रहा है। जबकि बीआरपी व सीआरसीसी अपने इस रूप में काम करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर बीआरपी व सीआरसीसी हड़ताल शिक्षकों के दबाव में आएंगे तो उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। डीईओ ने कहा कि हड़ताल कमजोर हुआ है। कई शिक्षक हड़ताल पर नहीं जाना चाहते हैं।


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