Move to Jagran APP

स्टेट डेस्क ध्यानार्थ-भानेखाप माइंस में छापेमारी, विस्फोटक सहित अन्य सामान बरामद

थाना क्षेत्र के उग्रवाद प्रभावित भानेखाप में अवैध तरीके से अभ्रक खनन की सूचना पर गुरुवार की अहल।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 05:56 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 08:51 PM (IST)
स्टेट डेस्क ध्यानार्थ-भानेखाप माइंस में छापेमारी, विस्फोटक सहित अन्य सामान बरामद
स्टेट डेस्क ध्यानार्थ-भानेखाप माइंस में छापेमारी, विस्फोटक सहित अन्य सामान बरामद

थाना क्षेत्र के उग्रवाद प्रभावित भानेखाप में अवैध तरीके से अभ्रक खनन की सूचना पर गुरुवार की अहले छापेमारी की गई। वन विभाग की टीम ने सुरक्षाबलों के सहयोग से छापेमारी की। डीएफओ अवधेश कुमार ओझा और एएसपी अभियान कुमार आलोक के नेतृत्व में हुई कार्रवाई में चार कंप्रेसर, दो ट्रैक्टर, दो पावर जिलेटिन, एक डेटोनेटर व तार बरामद किया गया। इस दौरान खनन क्षेत्र में अवैध रुप से निर्मित झोपड़ियों को भी ध्वस्त कर दिया गया। हालांकि छापेमारी की भनक लगते ही खनन माफिया व मजदूर वहां से फरार हो गए।

loksabha election banner

डीएफओ ने बताया कि भानेखाप माइंस में बड़े पैमाने पर अवैध खनन की सूचना मिल रही थी। इसके आलोक में एएसपी अभियान के सहयोग से वन विभाग की टीम ने छापेमारी की। जिसमें 4 कम्प्रेशर, दो ट्रैक्टर, दो पावर जिलेटिन, एक डेटोनेटर व तार बरामद किए गए हैं। वहीं लखन पंडित, वीरू पंडित, बड़े मियां, इस्लाम मियां आदि लोगों की झोपड़ियों को तोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि जांच के क्रम में पता चला है कि एक ट्रैक्टर व एक कम्प्रेशर मशीन हरि पंडित, एक ट्रैक्टर व एक कम्प्रेशर मशीन लखन पंडित, एक कम्प्रेशर मशीन संजू भुइयां और एक कंप्रेसर मशीन सुरेंद्र भुइयां की है। वाहन मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। पुलिस के पहुंचने से पहले खनन माफिया ने ट्रैक्टरों को खनन क्षेत्र से हटा कर गांव में खड़ा कर दिया था, ताकि छापेमारी टीम को अवैध उत्खनन की ताजा जानकारी नहीं मिल सके। लेकिन जवानों ने गांव में लगे ट्रैक्टरों को खोज कर खनन करने के मामले में जब्त कर लिया।

नहीं थम रहा अवैध खनन का गोरखधंधा

- गौरतलब है कि भानेखाप स्थित अभ्रक माइंस में एसएसबी, एसटीएफ व स्वाट जवानों द्वारा लगातार छापेमारी किए जाने के बावजूद अवैध उत्खनन का कार्य नहीं थम रहा है। छापेमारी के अगले दिन ही खनन माफिया सक्रिय हो जाते हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि छापेमारी करने के पूर्व खनन माफिया को अन्य स्त्रोतों से जानकारी उपलब्ध करा दी जाती है। जिसके कारण नवादा से लगभग 45 किलोमीटर का सफर कर छापेमारी के लिए पहुंचने वाली टीम के वहां पहुंचने से पहले ही खनन माफिया व मजदूर वहां से फरार हो जाते हैं। छापेमारी टीम में एसटीएफ के सब इंस्पेक्टर विश्वजीत कुमार, एसएसबी के सब इंस्पेक्टर संतोष कुमार, रजौली थाने के एसआइ संजय कुमार सिन्हा समेत वन विभाग के अधिकारी व कर्मी शामिल थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.