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नवादा के ऋषि आनंद एसएससी की सीएचएसएल प्रतियोगिता परीक्षा में बने टॉपर

ऑल इंडिया में पाया प्रथम स्थान हिसुआ के भदसेनी गांव के हैं निवासी ----------------------- फोटो-41 -------------------------- संसू हिसुआ

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 11:52 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 11:52 PM (IST)
नवादा के ऋषि आनंद एसएससी की सीएचएसएल प्रतियोगिता परीक्षा में बने टॉपर
नवादा के ऋषि आनंद एसएससी की सीएचएसएल प्रतियोगिता परीक्षा में बने टॉपर

नवादा। प्रखंड के भदसेनी गांव निवासी बाल्मीकि प्रसाद के पुत्र ऋषि आनंद ने एसएससी द्वारा आयोजित सीएचएसएल परीक्षा 2017 में ऑल इंडिया में प्रथम स्थान पाकर गांव सहित जिले का नाम रोशन किया। टॉपर बनने पर माता-पिता, सगे-संबंधियों, मित्रों में काफी खुशी देखी जा रही है।

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ऋषि आनंद ने बताया कि 2008 में 92 फीसद अंकों के साथ डीएवी विद्यालय चाईबासा से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण किया। जबकि इंटर की परीक्षा डीपीएस बोकारो से 2010 में 93 फीसद अंक के साथ उत्तीर्ण हुआ। इसके बाद कुसैट इंजीनियरिग कॉलेज केरला से 85 फीसदी अंकों के साथ 2014 में बीटेक की परीक्षा पास किया। बीटेक में बेहतर अंक आने के कारण उन्हें कैंपस सिलेक्शन के तहत एलएनटी कंपनी दिल्ली में इंजीनियर के पद पर जॉब मिला। 2014 से 2017 तक एलएनटी कंपनी में इंजीनियर के रूप में कार्य किया। जॉब करते हुए हुए यूपीएससी की परीक्षा में भी अपीयर हुए थे। कम मॉ‌र्क्स आने के कारण उनका चयन यूपीएससी में नहीं हो पाया। लेकिन हौसला बुलंद रखते हुए ऋषि ने एसएससी द्वारा आयोजित सीएचएसएल 2017 परीक्षा में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाया तथा शुक्रवार को आए रिजल्ट में देश में प्रथम स्थान पाकर अपने गांव भदसेनी सहित जिले का नाम रोशन किया। उन्होंने बताया कि इस सफलता से वे उतने संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे द्वारा सेक्शन इंजीनियर प्रतियोगिता परीक्षा में भी उन्हें सफलता हासिल हुई है। मेडिकल भी हो चुका है। उन्होंने कहा कि सेक्शन इंजीनियर जॉब के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी हमारा प्रथम लक्ष्य होगा। यूपीएससी की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर वे देश सेवा करना चाहते हैं।

ऋषि आनंद दो भाई, एक बहन में सबसे छोटे हैं। बड़े भाई निकेश सिंह झारखंड के रामगढ़ में शिक्षक हैं। जबकि बहन पिकी कुमारी एक्सिस बैंक बेंगलुरु में पीओ के पद पर कार्यरत हैं। इनकी भाभी रमा कुमारी नगर के मध्य विद्यालय में शिक्षक हैं। पिता 2015 में जिला स्कूल चाईबासा से प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। माता मिथलेश देवी गृहणी हैं। ऋषि ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। उन्होंने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि लक्ष्य को निर्धारित कर नियमित रूप से अध्ययन किया जाए तो कोई भी लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रतियोगिता छोटा या बड़ा नहीं होता है। ऋषि पढ़ाई के साथ-साथ बैडमिटन का भी शौक रखते हैं।


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