शाहपुर थानाध्यक्ष के कार्यकलाप की हो सीआइडी जांच
जिले के शाहपुर ओपी प्रभारी के कार्यकाल की सीआइडी जांच की मांग को लेकर मंगलवार को भाज।
जिले के शाहपुर ओपी प्रभारी के कार्यकाल की सीआइडी जांच की मांग को लेकर मंगलवार को भाजपा की काशीचक प्रखंड कमेटी ने रैन बसेरा में धरना दिया। धरना पर बैठे लोगों ने थानाध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए। वक्ताओं ने कहा कि शाहपुर थानाध्यक्ष राजद के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं और एनडीए समर्थित लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है। राजद समर्थकों को हत्या के जुर्म से बरी किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि महरथ गांव में दुर्गा पूजा समिति के सदस्यों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया था। बावजूद पूजा समिति के सदस्यों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करने की बात करते हुए मुकदमा दर्ज कर दिया गया। जबकि थानाध्यक्ष के चहेते लोगों ने ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया था। दंडाधिकारी की उपस्थिति में कार्यक्रम चल रहा था। खुद थानाध्यक्ष कार्यक्रम का आनंद ले रहे थे। अचानक उच्च अधिकारियों का फोन आने के बाद थानाध्यक्ष ने कार्यक्रम को बंद कराया और पूजा समिति के सदस्यों पर झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया। इसी तरह महरथ गांव के पंकज पासवान की हत्या में निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया है। भाजपा आंदोलन समिति के संयोजक जितेंद्र कुमार ¨सह, नवीन कुमार, रामनंदन ¨सह आदि ने कहा कि थानाध्यक्ष के कार्यकलाप से संबंधित जानकारी मुख्यमंत्री समेत तमाम आलाधिकारियों को दी गई। लेकिन कोई न्याय नहीं मिला। मुख्यमंत्री से थानाध्यक्ष के कार्यकाल की सीआइडी से जांच कराने, ओपी प्रभारी को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई करने और पदमुक्त करने की मांग की गई। धरना पर बैठे लोगों ने कहा कि दस दिनों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी। मौके पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे। धरना के पूर्व शहर में जुलूस निकाला गया। जो प्रजातंत्र चौक, विजय बाजार, भगत ¨सह चौक आदि स्थानों से होते हुए कलेक्ट्रेट गेट तक पहुंचा। जहां लोग रैन बसेरा में धरना पर बैठ गए। इस दौरान प्रशासन विरोधी नारेबाजी की गई। बता दें कि इसके पूर्व ओपी प्रभारी की कारगुजारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र जारी किया गया था। उच्चाधिकारियों को भी लिखित शिकायत की गई थी। कहीं से कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने पर कलेक्ट्रेट पर धरना दिया गया। धरना उपरांत मांगों का पत्र डीमए को सौंपा गया है।