मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक युवक की मौत
थाना क्षेत्र के अमावां गांव स्थित तालबा में बुधवार की रात मूर्ति विसर्जन के दौरान एक युवक की डूबने से मौत हो गई।
थाना क्षेत्र के अमावां गांव स्थित तालबा में बुधवार की रात मूर्ति विसर्जन के दौरान एक युवक की डूबने से मौत हो गई। मृतक संजीव सिंह (40 वर्ष) अधरवारी पंचायत की मनहर गांव के निवासी थे। पैर फिसलने के कारण वे तालाब में गिर पड़े। उनके चीखने-चिल्लाने की आवाज प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान बज रहे ढोल-नगाड़ा में गुम हो गई। फलत: उनकी मौत हो गई।
कुछ देर बाद युवक के डूबने की खबर भीड़ तक पहुंची तो वहां अफरा-तफरी मच गई। सभी लोग इधर-उधर भागने लगे। स्थानीय लोगों ने पानी में छलांग लगाया और युवक को ढूंढ कर निकाला। शव की शिनाख्त होने के बाद खबर मनहर गांव पहुंची तो पूरे गांव में कोहराम मच गया। गांव से दर्जनों लोग अमावां पहुंचे और मृतक के शव को लेकर घर आए। घर परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। गुरुवार की सुबह एएसआइ अजय कुमार सिंह गांव पहुंचे और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए नवादा भेज दिया। मृतक के पुत्र गौरव कुमार ने बताया कि वे मेला देखने के लिए अमावां पहुंचे थे। तालाब के किनारे पर खड़े थे इसी दौरान उनका पैर फिसल गया और गहरे पानी में डूब गए। उन्होंने जान बचाने के लिए आवाज भी लगाई, जिसे कुछ महिलाओं ने सुना भी। लेकिन तब किसी ने ध्यान नहीं दिया। मृतक अपने पीछे अपनी पत्नी सीमा देवी समेत 3 बच्चों गौरव कुमार, सौरभ कुमार, कुणाल कुमार को छोड़ गए। सभी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। संजीव घर के कमाने वाले एकमात्र व्यक्ति थे। उनकी मौत के बाद परिवार बेसहारा हो गया है। गांव के लोगों को भी उसकी मौत से काफी गहरा सदमा पहुंचा है। पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। मौत की खबर सुनकर जिला परिषद सदस्य नरेश चौधरी, पंचायत की मुखिया गौकरण पासवान, पैक्स अध्यक्ष अशोक राय समेत दर्जनों लोग घर पर पहुंचे और शोक-संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाया।
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सुरक्षा की नहीं थी व्यवस्था
- बता दें कि आमावां दुर्गा मंडप से 100 मीटर की दूरी पर ही तालाब है। तालाब में लगभग 12 से 15 फीट पानी है। प्रशासन द्वारा उस तालाब में प्रतिमा विसर्जन करने का परमिशन दिया गया था। हर साल उसी तालाब में प्रतिमा का विसर्जन भी होता रहा है। लेकिन प्रशासन द्वारा तालाब के आसपास सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं कराई गई थी। इस घटना में कहीं न कहीं प्रशासनिक चूक हुई है। प्रशासन की व्यवस्था ने एक परिवार की जिदगी उजाड़ कर रख दी।