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राजसत्ता हथियाने को स्वार्थ की राजनीति कर रही सत्तारूढ़ व विपक्षी पार्टियां

नागरिक अधिकार संघर्ष समिति की नवादा जिला इकाई का एकदिवसीय सेमिनार रविवार को न्यू एरिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 06:27 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 06:27 PM (IST)
राजसत्ता हथियाने को स्वार्थ की राजनीति कर रही सत्तारूढ़ व विपक्षी पार्टियां
राजसत्ता हथियाने को स्वार्थ की राजनीति कर रही सत्तारूढ़ व विपक्षी पार्टियां

नागरिक अधिकार संघर्ष समिति की नवादा जिला इकाई का एकदिवसीय सेमिनार रविवार को न्यू एरिया स्थित श्रीकृष्ण ¨सह स्मारक भवन सभागार में हुआ। इस दौरान समिति से जुड़े प्रबुद्ध लोगों ने सिद्धांतहीन राजनीति एवं जन आकांक्षाएं विषय पर पर अपने-अपने विचार रखे। सेमिनार की अध्यक्षता अध्यक्ष मंडल के साथी किसान नेता बालेश्वर प्रसाद एवं शहरी गरीब संघ के संयोजक दिनेश ¨सह ने की। सेमिनार में आए बुजुर्गों ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा स्थिति में देश की राजनीतिक दशा लगातार अपने मुद्दों से भटकती जा रही है। प्रगतिशील लेखक संघ के जिला सचिव अशोक समदर्शी ने कहा कि आज सत्तापक्ष हो या विपक्ष सभी राजसत्ता हथियाने में निजी स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने सिद्धांतहीन राजनीति और जन आकांक्षाओं को मौजूदा दौर में सूक्ष्म ढंग से परिभाषित करते हुए कहा कि सल्तनत की भूख और स्वाद दोनों बदल गई है। जनता के बीच बार-बार ऐसे मुद्दे उछाले जा रहे हैं जिससे आम आदमी के मुद्दे दिशाहीन होती जा रही है।

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पूंजीपति घरानों के इशारे पर काम कर रही केंद्र व राज्य की सरकार

दिनेश ¨सह ने कहा कि पूंजीपति घराने के इशारे पर केंद्र व राज्य ककी सरकारें जनता की मूल समस्याओं से किनारे हो जा रही है। देश में रोजी-रोटी का जो मुद्दा है उससे ध्यान भटकाया जा रहा है। सेमिनार में दिनेश कुमार अकेला ने कहा कि सभी चुनावबाज पार्टियां सिद्धांतहीन ही नहीं असंवैधानिक भी हो चुकी है। शंभु विश्वकर्मा ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में 2014 का प्रवेश कोढ़ में खाज की तरह हुआ। जनता पर दमन, अत्याचार, भूख, गरीबी बढ़ता गया। जन आकांक्षाओं के की दिशा बदलकर राम मंदिर, गाय-गोबर, गंगा की ओर मोड़ दिया गया। आंदोलन की दिशा धार्मिक, जातीय व नस्लीय होकर रह गई।

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रत्नाकर ने लोहिया के समय को किया याद

-वारिसलीगंज के वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार रामरतन ¨सह रत्नाकर ने विषयवस्तु की साहित्यक राजनीतिक विवेचना प्रस्तुत करते हुए लोहिया के समय को याद किया। सेमिनार को सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक सुरेश प्रसाद ¨सह, कम्यूनिस्ट नेता प्रो. नरेश चंद्र शर्मा, उमेश प्रसाद, नरेश प्रसाद ¨सह, विपीन कुमार ¨सह, श्यामनारायण ¨सह, मुकलेश प्रसाद, परमानंद ¨सह, बेदामी देवी, शंकर ¨सह ने भी संबोधित किया। इस मौके पर सांस्कृतिक टीम के साथी ¨बदु व्यास, रामबली व्यास, नरेंद्र प्रसाद ¨सह व अन्य उपस्थित थे। मंच संचालन शंभु विश्वकर्मा व दिनेश कुमार अकेला ने किया।


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