मौसम के बिगड़े मिजाज से कीचड़मय हुई नवादा की सड़कें, राहगीर परेशान
पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी के बीच नवादा जिले की मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। शुक्रवार की सुबह से ही शहर में आसमान बादलों से ढका रहा।
पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी के बीच नवादा जिले की मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। शुक्रवार की सुबह से ही शहर में आसमान बादलों से ढका रहा। सुबह से ही रूक-रूककर कई बार जिले में बारिश हुई। दिन में करीब 11 बजे से आधा घंटा तक रिमझिम बरसात होते रही। इससे समूचे नवादा शहर में कीचड़ व गंदगी पसर गई। मेन रोड से लेकर राजेंद्र नगर, पटेल नगर, न्यू एरिया, पुरानी कचहरी रोड, इंदिरा चौक, स्टेशन रोड, सोनरपट्टी, विजय बाजार, कलाली रोड, गढ़पर हर तरफ गंदगी से लोगों को परेशानी हुई। शहर में गंदगी बढ़ जाने से खासकर कीचड़ रहने से बाजार निकले लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। अनेक जगह पर जलजमाव से भी लोगों को दो चार होना पड़ रहा है। स्कूली बच्चों, बुजुर्गों व महिलाओं को ज्यादा दिक्कत हो रही है। पूरे दिन रिमझिम बरसात होने से बाजार भी प्रभावित हुआ। पूरे दिन धूप नहीं निकली। मौसम के जानकारों की मानें तो अगले 24 घंटे तक इसी तरह से मौसम के बने रहने के आसार हैं।
रिमझिम बरसात से खेती को फायदा
जिला कृषि पदाधिकारी अर¨वद कुमार झा ने बताया कि जिले भर में गुरुवार को हुई रिमझिम बरसात से खेती को ज्यादा फायदा ही हुआ है। चूकि सुखाड़ की स्थिति जिले में है। लिहाजा, इस तरह की जितनी भी बारिश होगी इससे मिट्टी में नमी आएगी। पदाधिकारी ने बताया कि गुरुवार को महज 1 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई। प्रखंडों से भी छिटपूट बारिश होने की सूचना है। खेतीबारी के फायदे बताते हुए कृषि विज्ञान केंद्र, कौआकोल के कृषि वैज्ञानिक अर¨वद राय ने बताया कि गेहूं की खेती के लिए इस तरह का पानी बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। इससे मिट्टी में नमी आ जाने से पौधों में वृद्धि होती है। मिट्टी में मौजूद नाइट्रोजन पौधों तक समुचित तरीके से पहुंचता है। उन्होंने कहा कि सरसों के पौधे जिनमें दाना निकल रहा है उसमें थोड़ा नुकसान हो सकता है। लेकिन अभी उतनी भी बारिश नहीं हुई है कि फसल प्रभावित हो। अर¨वद राय ने भी कहा कि इस तरह का मौसम यदि एक दो दिन और रह जाता है तो इससे फायदा ही होगा।
कीचड़ व गंदगी के चलते इंटर परीक्षार्थियों को भी हुई परेशानी
-रिमझिम बरसात के बीच ही ज्यादातर इंटर परीक्षार्थी अपने-अपने केंद्रों पर परीक्षा देने पहुंचे। परीक्षा समाप्ति के बाद भी जब वे घर के निकले तो रास्ते में उन्हें सड़कों पर रहे कीचड़ व गंदगी से परेशान होना पड़ा। कई परीक्षार्थियों ने मौसम को देखते हुए अपने घर से छाता लेकर आए थे।