सकरी के लाल पानी से शुरू हुई धान रोपनी, विलंब को ले उपज कम होने की चिंता
किसानों की मेहनत किसानों की मेहनत
सकरी के लाल पानी से शुरू हुई धान रोपनी, विलंब को ले उपज कम होने की चिंता
संवाद सूत्र, रोह नवादा: कुंज-कुंजैला के ग्रामीणों ने अपने साहस का परिचय देकर सकरी नदी के लाल पानी को अपने खेतों तक पहुंचाकर धान की रोपनी शुरू कर दी है। परंतु इस बात को लेकर चिंता भी है कि देर से फसल की रोपनी होने के कारण पैदावार कहीं कम न हो जाए। गांव के दर्जनों किसानों ने अपनी हिम्मत के बल पर सकरी नदी का पानी पइन के सहारे अपने गांव के खेतों तक लाकर अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। जो काम किसानों के लिए सरकार को करनी थी वह काम किसान खुद कर इतिहास रच रहे हैं। किसान पूरी लगन के साथ धान की रोपनी शुरू कर दिए हैं। गांव के किसानों का कहना है कि हमलोगों ने अपनी पूंजी खर्च कर की है। पर डर इस बात को लेकर है कि फसल की रोपाई देर से होने के कारण कम पैदावार हुआ तो अर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ेगा। जिस कारण दोहरी मार किसानों झेलनी पड़ सकती है।
किसानों की जिद, चाहे जो भी हो अंजाम, रोपनी पूरी करके ही लेंगे दम
कुंज-कुंजैला के किसानों ने कहा कि चाहे कुछ भी हो पर हमारी हिम्मत कम नहीं होगी। धान की फसल रोपकर ही दम लूंगा। चाहे नुकसान जो भी हो जाए। किसानों के द्वारा किए जा रहे इस कार्य को लेकर आसपास के गांवों में खूब चर्चा हो रही है। साथ लोग इससे प्रेरित होकर और गांव के किसान भी नदी की ओर चल दिए हैं। ताकि खेतों तक पानी पहुंचाई जा सके और जो धान की रोपाई हुई है उसे सुरक्षित रखा जा सके। स्थानीय किसान राजेंद्र महतो, अनिरुद्ध सिंह, मनोज सिंह आदि ने कहा कि कई साल बाद भादो महिना में धान की रोपाई हो रही है। हर साल आखिरी जुलाई त धान की रोपाई हो जाती थी। जिससे पैदावार भी खूब होती थी। परंतु इस बार लगता है कि धान की रोपाई हो जाने के वाबजूद मौसम अनुकूल नहीं रहने से कम पैदावार के साथ आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।