गैस रिफिलिग से आग के मुहाने पर रजौली शहर
रजौली अनुमंडल मुख्यालय में गैस रिफिलिग का धंधा करने वालों के लिए नियम कानून का कोई मायने नहीं रखता है। रजौली क्षेत्र में रबड़े सिलेंडर से छोटे गैस सिलेंडरों में रिफिलिग का धंधा तेजी से फलफूल रहा है।
रजौली अनुमंडल मुख्यालय में गैस रिफिलिग का धंधा करने वालों के लिए नियम कानून का कोई मायने नहीं रखता है। रजौली क्षेत्र में रबड़े सिलेंडर से छोटे गैस सिलेंडरों में रिफिलिग का धंधा तेजी से फलफूल रहा है। इसके चलते शहर आग के मुहाने पर खड़ा है। ऐसा नहीं कि इस अवैध कारोबारियों की मनमानी से प्रशासनिक अमला अनजान है। जानकारी के बाद भी इसपर रोकथाम का प्रयास नहीं किया जाता है। रजौली शहर के पुरानी बस स्टैंड, बजरंग बली चौक, संगत मोड़,बाइपास क्षेत्र में करीब आधा दर्जन गैस रिफिलिग की दुकानें बेरोक-टोक चल रही है। हालांकि यह धंधा शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के कस्बा तक पांव पसार चुका है। गैस रिफिलिग करने वाले कारोबारियों का संपर्क गैस एजेंसी के मालिक तक होता है, जिससे उन्हें एजेंसी से आसानी से गैस सिलेंडर उपलब्ध हो जाता है। सब कुछ जानने के बावजूद भी रजौली पुलिस इसके विरुद्ध कार्रवाई करने से परहेज करती है। कार्रवाई न होने से इन कारोबारियों का हौसले बुलंद है। गैस रिफिलिग का यह कारोबार लोगों को दुर्घटना की दावत दे रहा है। गगन कुमार, शशिभूषण सिंह आदि ने कहा कि गैस रिफिलिग के धंधे से जहां दुर्घटना की संभावना बनी रहती है, वहीं इससे निकलने वाला गैस आस-पास के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। प्रशासन को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। रामरतन गिरी ने कहा कि बड़े सिलेंडर से छोटे सिलेंडर में गैस रिफिलिग करना हानिकारक है। इससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है। रजौली क्षेत्र में गैस रिफिलिग के कारोबार से संबंधित शिकायत मिली थी। शीघ्र ही रजौली में विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। इस धंधे में लिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
चंद्रशेखर आजाद, एसडीएम