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कभी यहां का पानी था अभिशाप, अब दस पंचायतों को देगी नई जिदगी

नवादा। 1990 का दशक रजौली प्रखंड के हरदिया पंचायत की फुलवरिया जलाशय का पानी लोगों के लिए अभिशाप बन गया था। फुलवरिया जलाशय से सटे कचहरियाडीह गांव के लोग दिव्यांगता का शिकार होने लगे थे। ग्रामीणों के शरीर की हड्डियां कमजोर पड़ने लगी थी और टेढ़े-मेढ़े होने लगे थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 12:02 AM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 06:13 AM (IST)
कभी यहां का पानी था अभिशाप, अब दस पंचायतों को देगी नई जिदगी
कभी यहां का पानी था अभिशाप, अब दस पंचायतों को देगी नई जिदगी

नवादा। 1990 का दशक, रजौली प्रखंड के हरदिया पंचायत की फुलवरिया जलाशय का पानी लोगों के लिए अभिशाप बन गया था। फुलवरिया जलाशय से सटे कचहरियाडीह गांव के लोग दिव्यांगता का शिकार होने लगे थे। ग्रामीणों के शरीर की हड्डियां कमजोर पड़ने लगी थी और टेढ़े-मेढ़े होने लगे थे। डीएनए पर इफेक्ट पड़ने के चलते बच्चे दिव्यांग पैदा होने लगे थे। ग्रामीणों बताते हैं कि फुलवरिया डैम बनने के बाद यह समस्या हुई थी। तब इस खबर ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थी। केस स्टडी के लिए देश-विदेश के लोग पहुंचे। जांच में पाया गया कि इस गांव के पानी में फ्लोराइड की मात्रा काफी बढ़ गई है। जिसके चलते गांव में ऐसी समस्या उत्पन्न हुई। तब सरकार ने फौरी तौर पर कदम उठाते हुए फ्लोराइड मुक्त पेयजल की सुविधा उपलब्ध मिनी जलापूर्ति केंद्र की स्थापना की। तब जाकर स्थिति सुधार हुई।

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107 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का हुआ निर्माण

- जिस फुलवरिया जलाशय का पानी ग्रामीणों के लिए अभिशाप बन गया था। कचहरियाडीह समेत समेत आसपास के कई गांवों में बीमारी का संक्रमण फैलने लगा था। आज उसी जलाशय का पानी पूरी तरह शुद्ध मिलेगा और रजौली प्रखंड के दस पंचायतों में नई जिदगी देगा। 107 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कराया गया है। ट्रीटमेंट के बाद लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जाएगा। जल, जीवन हरियाली यात्रा पर 18 दिसंबर को रजौली पहुंच रहे सूबे के मुखिया नीतीश कुमार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन करेंगे। जिसके बाद कचहरियाडीह गांव सहित रजौली के दसों पंचायतों के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा। इस वाटर प्लांट से लोगों को फ्लोराईड मुक्त पानी मिल सकेगा, जिससे लोग रोग मुक्त होंगे।

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छह जोन में बांटकर दस पंचायतों में पहुंचाया जाएगा पानी

- पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता चंदेश्वर राम ने बताया कि रजौली प्रखंड के दस पंचायतों में हर घर शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाएगा। इसके लिए छह जोन बनाए गए हैं। भाईजी भित्ता, तिलैया, हरदिया, रतनपुर, टकुआटांड़ और डीह रजौली में पानी टंकी बनाया गया है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी रिफाइन कर छहों जोन तक पहुंचाया जाएगा। दसों पंचायत की 8750 घरों तक पानी पहुंचाया जाएगा। पाइप लाइन बिछाने का काम कर लिया गया है। 5265 घरों में कनेक्शन पहुंचा दिए गए हैं।

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आज भी छलक पड़ता है दर्द, बीमारी के चलते बेटे की नहीं हो सकी शादी

- मिनी वाटर प्लांट बनने के बाद कचहरिया डीह के लोगों की सेहत में सुधार हुआ। नई पीढ़ी स्वस्थ है। लेकिन अभी भी उस गांव के लोगों का दर्द बरकरार है। गांव में प्रवेश के साथ ही 55 वर्षीय किशुन रिखियासन मिले। वे अपने दिव्यांग बेटे संतोष कुमार के साथ बैठे हुए थे, जिसके दोनों पैर धनुषाकार हो गया था। किशुन से बातचीत करने पर पता चला कि 1988 में फुलवरिया में डैम का निर्माण हुआ था। इसके बाद गांव का पानी खराब हो गया। स्वाद तीखा लगने लगा और धीरे-धीरे लोगों के शरीर की हड्डियां टेढ़ी हो गई। इसी क्रम में उनका 35 वर्षीय पुत्र संतोष भी दिव्यांग हो गया। उन्होंने यह भी बताया कि दिव्यांग होने के चलते संतोष की शादी तक नहीं हो सकी। यह एकमात्र उदाहरण नहीं है, बल्कि गांव में कई बेटे-बेटियों की शादी नहीं हुई। लेकिन मिनी वाटर प्लांट बनने से फायदा हुआ। अब जन्म लेने वाले बच्चे स्वस्थ होते हैं। किशुन कहते हैं कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनने के बाद लोगों को काफी फायदा होगा।

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ढाई वर्षों से नहीं मिला ऑपरेट को मानदेय

- कचहरिया डीह में मिनी वाटर प्लांट के ऑपरेटर दिलीप यादव कहते हैं कि इस मिनी योजना से गांव के लोगों का फायदा हुआ। लेकिन अभी भी कई प्रकार की समस्याएं हैं। सोलर प्लांट होने के चलते बरसात के दिनों में इसे चालू करने में परेशानी होती है। वर्षों बाद भी जेनरेटर उपलब्ध नहीं कराया गया। फिलहाल स्टार्टर में खराबी आ गई है। वायरिग भी खराब हो गया है। टंकी फट जाने से पानी का रिसाव होता है। क्षेत्र में कुल 14 प्लांट हैं, सभी जगह यही स्थिति है। उन्होंने बताया कि पिछले ढाई वर्षों से सभी ऑपरेटरों को मानदेय भी नहीं दिया जा रहा है। जिससे काफी परेशानी होती है।

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इन पंचायतों को मिलेगा शुद्ध पेयजल

- हरदिया

- बहादुरपुर

- अमावां

- चितरकोली

- जोगिया मारण

- सिरोडाबर

- रजौली पूर्वी

- रजौली पश्चिमी

- टकुआटांड़

- धमनी

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कहते हैं अधिकारी

- घरों तक कनेक्शन पहुंचाने का 60 फीसद काम पूरा कर लिया गया है। 40 फीसद काम एक महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। पांच सालों तक के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन जिदल कंपनी द्वारा किया जाएगा।

चंदेश्वर राम, कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी, नवादा।


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