कठपुतली नाटक के माध्यम से छात्राओं ने गांधी के आदर्शों को जाना
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित मोहन से महात्मा कठपुतली नाटक का मंचन गुरुवार को इराकी उर्दू कन्या इंटर विद्यालय में किया गया।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित 'मोहन से महात्मा' कठपुतली नाटक का मंचन गुरुवार को इराकी उर्दू कन्या इंटर विद्यालय में किया गया। इस नाटक के माध्यम से छात्राओं को महात्मा गांधी के जीवन के हरेक पहलु को बड़ी ही रोचकता के साथ दर्शाया गया। विद्यालय की छात्राओं ने पूरी उत्सुकता के साथ नाटक के हर किरदार को देखा। मोहन दास करमचंद गांधी से महात्मा तक का सफर किस तरह से तय हुआ और किस तरह से इस महात्मा का दुखद अंत हुआ, इन सारी चीजों का चित्रण बड़े ही अच्छे तरीके से नाटक के कलाकारों ने किया। कठपुतली का नाटक देखकर सभी छात्राएं काफी खुश दिखीं। छात्राओं ने कहा कि नाटक देखने से उन्हें कई तरह की बुराईयों से बचने की सीख मिली। साथ ही जीवन में सत्य की राह पर चलने की भी सीख मिली। कठपुतली नाटक का मंचन वाराणसी के क्रिएटिव पपेट थियेटर की ओर से किया गया। इस नाटक के आयोजन मौके पर नाटक निर्देशक मिथलेश दूबे, विद्यालय की शहनाज बानो, उमूल खैर, जिशान अली, मो. जेयाउद्दीन अंसारी, वसीमा खातून, अतीफ हुसैन, मिनहाज, साजिद हुसैन, मुस्तकीन आलम, इरफान खान, कन्हाई पंडित, कलाकार अनिल कुमार राय, पंकज कुमार, गोविद कुमार, सुरज कुमार, विशाल कुमार, मिथलेश कुमार आदि उपस्थित थे।
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बापू ने पूरी दुनिया को दिया सत्य, अहिसा व प्रेम का संदेश: प्रो. इलियासउद्दीन
-नाटक के अंत में विद्यालय के गणमान्य शिक्षक व कमेटी के पदाधिकारियों ने अपनी राय रखी। जहां छात्राओं ने इस तरह के नाटक को अपने लिए ज्ञान देने वाला बताया। तो शिक्षकों ने भी इसे बच्चियों के लिए काफी ज्ञानपरक कहा। प्रो. इलियासउद्दीन ने अपने संबोधन में नाटक का मंचन कर रहे सभी कलाकारों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि नाथुराम गोडसे ने भले ही गांधी की हत्या कर दी थी। लेकिन महात्मा गांधी के विचार आज भी पूरी दुनिया में सत्य, अहिसा और प्रेम का संदेश देते हैं। उन्होंने देश की मौजूदा माली हालत की ओर भी ध्यान दिलाया। जिसमें गरीबी को लेकर चिता जाहिर की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी अभियान की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने जिले में उच्चतर शिक्षा की बदतर हालात को लेकर अफसोस जताया। प्रो.इलियासउद्दीन ने कहा कि केएलएस कॉलेज हो या आरएमडब्ल्यू कॉलेज। कहीं भी पढ़ाई की समुचित व्यवस्था नहीं है। इस ओर सरकार का ध्यान जाना बहुत जरूरी है। कार्यक्रम के अंत में यूनूस साहब ने भी अपनी बात रखी।