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गांव-कस्बों में कुपोषण के खात्मा के लिए जनजागरुकता जरूरी : श्रवण कुमार

समाज कल्याण विभाग की ओर से मंगलवार को हरिश्चंद्र स्टेडियम नवादा में जिलास्तरीय पोषण मेला का आयोजन किया गया। इस मेला का उद्घाटन जिले के प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने दीप जलाकर किया। इस दौरान राष्ट्रीय पोषण माह का गुब्बारा भी आसमान में उड़ाया गया। समारोह में पहुंची सभी सेविका सहायिका सीडीपीओ पर्यवेक्षिका व आम जनों से मंत्री ने कहा कि कुपोषण को लेकर राज्य सरकार चितित है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 11:06 PM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 06:33 AM (IST)
गांव-कस्बों में कुपोषण के खात्मा के लिए जनजागरुकता जरूरी : श्रवण कुमार
गांव-कस्बों में कुपोषण के खात्मा के लिए जनजागरुकता जरूरी : श्रवण कुमार

समाज कल्याण विभाग की ओर से मंगलवार को हरिश्चंद्र स्टेडियम नवादा में जिलास्तरीय पोषण मेला का आयोजन किया गया। इस मेला का उद्घाटन जिले के प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने दीप जलाकर किया। इस दौरान राष्ट्रीय पोषण माह का गुब्बारा भी आसमान में उड़ाया गया। समारोह में पहुंची सभी सेविका, सहायिका, सीडीपीओ, पर्यवेक्षिका व आम जनों से मंत्री ने कहा कि कुपोषण को लेकर राज्य सरकार चितित है। इससे मुक्ति के लिए पोषण से संबंधित अनेकों योजनाएं चलाई जा रही है। जिसमें सबसे अग्रणी भूमिका आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाएं, जीविका की दीदियां निभा रहीं हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि गांव-कस्बों में कुपोषण के खात्मा के लिए जनजागरुकता बहुत जरूरी है। सेविकाएं और समूह की महिलाएं इसमें लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान से ही माताओं को बेहतर खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। सरकारी अस्पताल में मुफ्त में आयरन व कैल्सियम की गोलियां दी जाती है। इसके साथ ही हर तरह का एएनसी जांच भी किया जाता है। यह सब लाभ लें। प्रसव के बाद अपने बच्चे को छह माह तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाएं। छह माह के बाद बच्चों को पूरक आहार के रूप में दलिया आदि देना शुरू करें। मां खुद और अपने बच्चे की स्वच्छता को लेकर भी जागरूक रहें।

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शिक्षा से दूर भागेगा कुपोषण

-जिला के प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सरकार सभी बेटियों की शिक्षा पर जोर दे रही है। पहले नवमी कक्षा में महज 1.70 लाख बेटियां पढ़ती थी। मुख्यमंत्री ने साइकिल योजना लाई। लड़कियां स्कूल जाने लगी। अभी 9 लाख छात्राएं नवमी कक्षा में पढ़ने स्कूल जा रही हैं। उन्होंने किशोरावस्था में भी बच्चों को सही तरह का पोषण आहार लेने पर जोर दिया। साथ ही कहा कि शिक्षा के जरिए भी कुपोषण को दूर किया जा सकता है। इस पोषण मेला को डीएम कौशल कुमार, सहायक समाहर्ता साहिला, जिला परिषद अध्यक्ष पिकी भारती, पूर्व विधायक प्रदीप कुमार ने भी संबोधित किया। दूसरी ओर कार्यक्रम में मंत्री ने जीविका के 965 स्वयं सहायता समूहों को 13 करोड़ 12 लाख का ऋण से संबंधित डमी चेक भी दिया।

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विभिन्न विभाग के स्टॉल ने लोगों का ध्यान खिचा

-पोषण मेला के आयोजन को लेकर स्टेडियम मैदान में एक दर्जन से अधिक स्टॉल लगाए गए थे। इनमें जीविका, आईसीडीएस, शिक्षा, स्वास्थ्य, यूनिसेफ, पंचायती राज, मनरेगा, आत्मा, मत्स्य विभाग, पीएचईडी आदि के स्टॉल शामिल थे। एमडीएम व पोषण वाटिका का भी स्टॉल लगाया गया था। मंत्री श्रवण कुमार, डीएम व दूसरे अधिकारियों ने बारी-बारी से सभी स्टॉल पर जाकर निरीक्षण किया। डीपीओ रश्मि रंजन ने समारोह में आए हुए सभी अतिथियों, पदाधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में विभाग की ओर से बड़े स्क्रीन पर तीन जागरूकता फिल्में भी दिखाई गई। स्वास्थ्य विभाग के स्टॉल पर केयर के जिला प्रबंधक नरेंद्र कुमार, फातिमा नजमी भी सक्रिय दिखे। पूरे आयोजन में मंच का संचालन श्रवण वर्णवाल ने किया।

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गांव-टोले में कुपोषित बच्चों की सही संख्या जानने के लिए कराएं जांच

-पोषण मेला में पहुंचे मंत्री श्रवण कुमार ने डीएम से कहा कि जिले के गांव-टोले में कुपोषित बच्चों की संख्या का पता लगाएं। इसके लिए जांच कराने को कहा। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों को लेकर कहा कि यह नियमित रूप से खुलना चाहिए। मंत्री ने कहा कि जिस भी गांव में ज्यादा कुपोषित महिलाएं या बच्चे मिलते हैं इसका मतलब होगा कि वहां केंद्र सही से काम नहीं कर रहा है। इसके बाद जवाबदेही तय की जाएगी।


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