विद्यालय भवन निर्माण में गड़बड़ी की हुई जांच
प्रखंड के बारत पंचायत की आदर्श मध्य विद्यालय बैजनाथपुर के भवन निर्माण हुए अनियमितता।
नवादा। प्रखंड के बारत पंचायत की आदर्श मध्य विद्यालय बैजनाथपुर के भवन निर्माण हुए अनियमितता की जांच करने गुरुवार को जिला व अनुमंडल के कई पदाधिकारी पहुंचे। बतादें कि भवन निर्माण में हुई अनियमितता की जांच की मांग को ले पंचायत की मुखिया कन्हैया कुमार बादल मंगलवार से विद्यालय के समीप अनिश्चित कालीन उपवास पर बैठे हैं। इसी का नतीजा रहा कि एसडीएम रजौली शंभु शरण पांडेय, एसडीपीओ उपेंद्र कुमार यादव, शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना मिथिलेश कुमार सिन्हा एवं डीपीओ सर्व शिक्षा चिन्ता देवी एवं विभागीय इंजीनीयर संजय कुमार जांच करने पहुंचे। जांचोपरांत शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि भवन का निर्माण बहुत गलत तरीके से कराया गया है। इसकी समुचित जांच कराई जाएगी। उक्त पदाधिकारी ने कहा कि विद्यालय भवन बनाने का जिम्मा शिक्षा समिति के पास था, जिसकी निगरानी का जिम्मा विभागीय जेई शंकर कुमार को दिया गया था। उनकी लापरवाही का नतीजा है यह अर्धनिर्मित है। अधिकारियों ने सभी बिन्दुओं पर बारीकी से जांच कराने और दोषी पाए जाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की बात कही। अधूरे भवन के निर्माण को पूरा करने के लिए जिम्मेवार लोगों से राशि की वसूली कराई जाएगी। इस बीच विद्यालय के प्रधानाचार्य मनोज कुमार ने भी उपस्थित पदाधिकारियों को बताया कि अवकाश प्राप्त पूर्व प्रधानाचार्य चन्द्रमौली प्रसाद ¨सह को नोड्यूज नहीं दिया गया है। इसके लिए उनके द्वारा मुझे टॉर्चर किया गया तथा बर्बाद करने की धमकी दी गई। ग्रामीणों ने पदाधिकारियों से जानना चाहा कि नोड्यूज के बावजूद पूर्व प्रधानाचार्य को पेंन का लाभ कैसे प्राप्त हो रहा है। ग्रामीणों के सवाल पर कहा कि इस विषय में मुझे अभी कोई जानकारी नहीं है। जांच के उपरांत ही पता चल पाएगा कि हकीकत क्या है। सूत्रों की मानें तो मेसकौर प्रखंड के पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी इन्द्रजीत राणा के निलंबन के बाद कुछ दिनों के लिए सिरदला प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अशोक ¨सह को मेसकौर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। उसी दौरान पूर्व प्रधानाचार्य ने पहुंच के बल पर उक्त पदाधिकारी से नोड्यूज सर्टिफिकेट प्राप्त किया था। बहरहाल, पूरी जांच के बाद ही पूरा माजरा सामने आएगा।
इस बीच मुखिया का अनिश्चितकालीन उपवास तीसरे दिन भी जारी रहा। वहां पहुंचे एसडीएम व एसडीपीओ ने अनशन तोड़वाने का प्रयास किया, लेकिन मुखिया अड़े रहे। मुखिया पूरी जांच व कार्रवाई होने तक अनशन पर डटे रहने की बात कह रहे हैं।