प्राथमिक विद्यालय रेलवे कॉलोनी का पता है प्रधान शिक्षक का आवास
शहर के लोगों के बीच जाना-पहचाना नाम है प्राथमिक विद्यालय रेलवे कॉलोनी। नाम के अनुसार विद्यालय रेलवे कॉलोनी में होनी चाहिए।
शहर के लोगों के बीच जाना-पहचाना नाम है प्राथमिक विद्यालय रेलवे कॉलोनी। नाम के अनुसार विद्यालय रेलवे कॉलोनी में होनी चाहिए। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से विद्यालय का पता बदल गया है, अब प्रधानाध्यापक का आवास का पता विद्यालय का पता बन गया है। जी हां, यह सच है। करीब 44 वर्ष पुरानी विद्यालय का रेलवे परिसर के विभिन्न स्थानों पर होते शहरवासियों ने देखा था। कभी मालगोदाम के समीप के मंदिर तो कभी पेड़ के नीचे संचालित हो रहा विद्यालय का पता पूरी तरह से बदल गया है। अब यह वार्ड 18 की बजाय मिर्जापुर मोहल्ले जो कि वार्ड 22 है में संचालित हो रहा है। स्थान प्रधानाध्यापक का आवास है। वजह अपना भवन नहीं होना है। यह हाल तब है जबकि शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। शहर से लेकर गांव तक के विद्यालय भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। शिक्षा में गुणवत्ता को लेकर लगातार कई स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। विद्यालयों में शिक्षण सामग्री से लेकर तमाम जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन इस विद्यालय की सूरत बदलने के लिए कोई काम नहीं हुआ। जगह के अभाव में बच्चों को जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करना पड़ता है। बच्चों की संख्या भी काफी कम रहती है। शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को छात्रवृति राशि, पोशाक राशि व एमडीएम योजना का लाभ दिया जा रहा है। 1974 में हुआ था विद्यालय की स्थापना
- प्राथमिक विद्यालय रेलवे कॉलोनी की स्थापना वर्ष 1974 में हुआ था। तब से अबतक भवन का निर्माण नहीं हो सका। रेलवे में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की मांग पर बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा विद्यालय की स्थापना की गई थी। स्थापना के बाद विद्यालय का संचालन मालगोदाम मोहल्ला स्थित रेलवे शिव मंदिर परिसर हो रहा था। बीस साल बाद रेल प्रशासन द्वारा स्कूल को वहां से हटा दिया गया। इसके बाद तत्कालीन प्रधानाध्यापक द्वारा आरपीएफ के अधिकारियों से अनुरोध कर बैरक परिसर में विद्यालय को संचालित किया जाने लगा। जहां करीब दस साल तक चलाया गया। उसके बाद रेलवे कॉलोनी परिसर स्थित पेड़ के नीचे भी एक साल तक विद्यालय संचालन हुआ। फिलहाल करीब तीन साल से प्रधान शिक्षिका के आवास पर विद्यालय संचालित हो रहा है। कहते हैं छात्र-छात्रा
- भवन के अभाव में बैठने में काफी परेशानी होती है। जमीन पर बैठकर पढ़ाई करना पड़ता है।
दीपक कुमार,छात्र। फोटो-17.
-----------------------
- भवन नहीं रहने के कारण प्रधान शिक्षिका के आवास पर विद्यालय का संचालन हो रहा है। जगह की काफी कमी है। पढ़ाई करने में काफी परेशानी होती है।
राजा कुमार,छात्र।फोटो-18.
-----------------------
- जगह के अभाव में नीचे बैठकर पढ़ाई करना पड़ता है। यहां शौचालय की व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण काफी परेशानी होती है। भवन निर्माण जरूरी है।
नंदनी कुमारी,छात्रा। फोटो-19.
-----------------------
- तीन साल से विद्यालय का संचालन प्रधान शिक्षिका के आवास पर हो रहा है। पेयजल व शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं रहने से परेशानी होती है। बच्चों की संख्या भी कम रहती है।
सुनीता कुमारी,छात्रा। फोटो-20.
-----------------------
कहते हैं शिक्षक
- विद्यालय भवन के अभाव में बच्चों को पढ़ाने में काफी परेशानी होती है। मजबूरन प्रधान शिक्षिका के आवास पर विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। जगह के अभाव में बच्चों को बैठने में काफी कठिनाई होती है। जिसके कारण बच्चों की संख्या भी कम रहती है। बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। भवन निर्माण के लिए विभागीय अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।
¨पकी कुमारी,सहायक शिक्षक। फोटो-15. कहते हैं प्रधान शिक्षिका
- 44 साल बीत जाने के बाद भी विभाग द्वारा भवन का निर्माण नहीं कराया गया है। भवन के अभाव में विद्यालय का संचालन कई स्थानों पर हो चुका है। करीब तीन साल से विद्यालय का संचालन मजबूरन अपने आवास पर कर रही हूं। जगह के अभाव में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। भवन निर्माण के लिए भूमि की जरूरत है। भूमि के लिए रेलवे के डीआरएम को आवेदन देकर अनुरोध किया गया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है। लेकिन, स्थिति जस का तस है।
तारा कुमारी, प्रधान शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय, रेलवे कॉलोनी।फोटो-16. कार्यरत कर्मी बच्चों की संख्या
कुल शिक्षक-04
कुल छात्र-124