सड़क हादसे में किशोर की हुई मौत, मां-नानी घायल
जिले के पटना-रांची राजमार्ग 31 पर हरदिया सेक्टर ए से आगे अशोक वाटिका होटल के समीप शनिवार सुबह 9 बजे सड़क किनारे खड़े तीन लोगों को अनियंत्रित पिकअप ने कुचल दिया।
जिले के पटना-रांची राजमार्ग 31 पर हरदिया सेक्टर ए से आगे अशोक वाटिका होटल के समीप शनिवार सुबह 9 बजे सड़क किनारे खड़े तीन लोगों को अनियंत्रित पिकअप ने कुचल दिया। इसमें 12 वर्षीय किशोर सूरज कुमार की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि उसकी मां मुन्नी देवी और नानी राजकुमारी देवी जख्मी हो गई। आसपास के लोगों ने दोनों को इलाज के लिए तत्काल अनुमंडल अस्पताल रजौली में भर्ती कराया। जहां डॉ. राजीव कुमार ने दोनों का प्राथमिक उपचार किया। दोनों की स्थिति खतरे से बाहर बताई गई है। घटना के बाद आक्रोशित लोग सड़क पर उतर आए। जमा कर प्रदर्शन करने लगे। सूचना मिलते ही बीडीओ प्रेम सागर मिश्रा, अपर थानाध्यक्ष राजेश कुमार दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों को समझाकर शांत कराया। बाद में सदर अस्पताल नवादा में पोस्टमार्टम करा शव स्वजनों को सौंप दिया गया। मृतक किशोर मूलत: हिसुआ थाना क्षेत्र के तुंगी-मंझवे गांव निवासी देवानंद साव का पुत्र था। वह अपनी मां के साथ रजौली थाना क्षेत्र रामदासी गांव में अपने ननिहाल में रहता था।
----------------
कैसे हुई दुर्घटना
- घायल राजकुमारी देवी ने बताया कि बेटी व नाती के साथ सड़क किनारे खड़ी थी। घर जाने के लिए सड़क पार करना था। तभी रजौली की ओर से आ रही तेज रफ्तार पिकअप ने हम लोगों को कुचल दिया। घटना में नाती की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। जबकि मां-बेटी घायल हो गई।
-------------------
दिया गया 20 हजार रुपये
- दुर्घटना की खबर के बाद आसपास के लोग सड़क पर जमा हो गए और जाम लगा वाहनों का परिचालन ठप कर दिया। सूचना के बाद बीडीओ व अपर थानाध्यक्ष से लोगों ने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद देने की गुहार लगाई। जिसके बाद बीडीओ ने मृतक के स्वजनों और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि सरकार की तरफ से मिलने वाला सारा लाभ दिलाया जाएगा। तत्काल 20 हजार रुपये पारिवारिक लाभ योजना के तहत उपलब्ध कराया गया। घटनास्थल पर उपस्थित पंचायत की मुखिया पिटू साव ने भी मदद का आश्वासन दिया है।
-------------------
मां का रो-रोकर हो रहा बुरा हाल
- बेटे की मौत के बाद मां मुन्नी देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। रोते-रोते वह बराबर बेहोश हो जा रही थी। होश आने पर अपने बच्चे को इधर-उधर ढूंढने लगती थी। मृतक के स्वजन काफी गरीब परिवार के हैं। दो जून की रोटी के लिए पूरा परिवार दिन रात मेहनत करते हैं। अभावों के बीच अपने बच्चे को पाल पोस रहा था। लेकिन बदकिस्मती ने उसके एक सहारे को चंद मिनटों में छीन लिया।