अधिकारियों को पहले ही मिल गई थी भनक
करीब डेढ़ घंटे तक उपद्रवी प्रखंड सह अंचल कार्यालय में बवाल काटते रहे।
(नवादा) : करीब डेढ़ घंटे तक उपद्रवी प्रखंड सह अंचल कार्यालय में बवाल काटते रहे। सबकुछ तहस-नहस कर दिया। बेखौफ उपद्रवियों ने सरकारी उपकरणों, दस्तावेजों, खिड़की-दरवाजों को तोड़ डाला। कार्यालय की छत पर पहुंचकर सोलर प्लेट को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इस पूरे हंगामे के बीच दिलचस्प तथ्य यह भी है कि स्थानीय अधिकारियों को पहले ही घटना की भनक लग गई थी। वरीय अधिकारियों को हंगामा की संभावना के मद्देनजर सूचित भी किया गया था। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया गया। सीओ अमरेश कुमार ने बताया कि लोगों से जानकारी मिली थी कि सम्हरीगढ़ के ग्रामीण पथ निर्माण को लेकर कार्यालय पहुंचकर विरोध करने वाले हैं। हालांकि जिस कदर उपद्रवियों ने बवाल काटा, उसका अंदेशा नहीं था। बावजूद ग्रामीणों का विरोध की जानकारी मिलने पर वरीय अधिकारियों को सूचित कर दिया गया था। घटना से डरे-सहमे कर्मियों ने कहा कि शायद सुरक्षा का इंतजाम कर दिया जाता तो कार्यालय में इतनी बड़ी अनहोनी नहीं होती।
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कुर्सी के नीचे दुबके रहे सीओ
- उपद्रवियों का तांडव देख सीओ अमरेश कुमार अपने चैंबर में कुर्सी के नीचे छिपकर अपनी जान बचाई। उनके हितैषियों ने कार्यालय के बाहर से ताला भी जड़ दिया था, जिसके चलते उपद्रवी अंदर नहीं जा पा रहे थे। उपद्रव मचा रहे लोगों को सीओ के हितैषियों ने यह कहकर वहां से चला दिया कि सीओ दफ्तर छोड़कर निकल चुके हैं। बावजूद उपद्रवियों का मन नहीं माना और कार्यालय के पीछे जाकर खिड़की को तोड़कर यह जानने का प्रयास किया कि सीओ अंदर हैं या नहीं। लेकिन कुर्सी के नीचे दुबके रहने के कारण सीओ उपद्रवियों को नजर नहीं आ सके। फिर एसपी के पहुंचने और उपद्रवियों को खदेड़ दिए जाने के बाद सीओ को कार्यालय से बाहर निकाला गया। इस दौरान सीओ डरे-सहमे कार्यालय में दुबके रहे।
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कुदाल-बेलचा लेकर पहुंचे थे उपद्रवी
- हंगामा के दौरान कई उपद्रवी अपने हाथों में कुदाल-बेलचा लेकर नारेबाजी कर रहे थे। कई लोग लाठियों से भी लैस थे। यह ²श्य साफ कर रहा था कि उपद्रवी पूरी प्ला¨नग कर प्रखंड कार्यालय पहुंचे थे। लोगों के बीच ऐसी चर्चा है कि रविवार को सम्हरीगढ़ गांव में बैठक भी हुई थी और ग्रामीणों को सख्त हिदायत दी गई थी कि हर घर से एक व्यक्ति को प्रदर्शन में शामिल होना है। जिस घर से कोई व्यक्ति शामिल नहीं होगा, उनसे जुर्माना भी वसूला जाएगा। हालांकि, इसमें कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है। लेकिन हंगामे के दौरान जो ²श्य था, उससे साफ झलक रहा था कि घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया है।
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मंजर देख सहमे थे कर्मी
- उपद्रव का मंजर देख प्रखंड सह अंचल कार्यालय के कर्मी काफी डरे-सहमे हुए थे। कर्मियों ने बताया कि रोह-कौआकोल पथ को जाम करने के बाद अचानक उपद्रवी कार्यालय में घुस गए और तोड़फोड़ करना शुरु कर दिया। लोग मारपीट पर उतारु थे। भीड़ का उग्र रुप रुप देख कई कर्मी इधर-उधर भाग गए तो रोजगार सेवक मुकेश कुमार ने शौचालय में छिपकर अपनी जान बचाई। कई कर्मियों ने यह भी बताया कि भागने के क्रम में भीड़ ने पीछा भी किया। स्थिति नियंत्रित होने के बावजूद कर्मियों के चेहरे पर खौफ साफ झलक रहा था।
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महिला एसपीओ ने दिखाई बहादुरी
- घटना के वक्त कार्यालय में मौजूद रही महिला एसपीओ साबो देवी व सिताब देवी ने खूब बहादुरी दिखाई। काफी देर तक उपद्रवियों के आगे डटकर खड़ी रही। एसपीओ ने बताया कि भीड़ सीओ पर हमला करना चाह रही थी। भीड़ को लग रहा था कि सीओ अपने चैंबर में ही हैं और दरवाजा को तोड़कर अंदर घुसना चाह रही थी। लेकिन दोनों चैंबर के बाहर दरवाजे डटी रहीं और भीड़ को अंदर नहीं घुसने दिया।
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पथ निर्माण को लेकर हुआ विवाद
- प्रखंड सह अंचल कार्यालय में तोड़फोड़ व आगजनी के पीछे पथ निर्माण मूल वजह बताई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा कौआकोल पथ से गेवाली तक करीब 1.15 किलोमीटर सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। करीब 66 लाख की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माण शुरु हुआ था। क्षेत्र के सम्हराइन पइन के किनारे पथ का निर्माण हो रहा था। जिसपर सम्हरीगढ़ के ग्रामीणों को आपत्ति थी। उक्त गांव के लोगों का कहना था कि पथ निर्माण के चलते पइन भर जाएगा। जिससे ¨सचाई बाधित होगी। वैसे वहां पर मिट्टी भराई का काम पूरा कर लिया गया है। ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता सुरेश चंद्र ने बताया कि ग्रामीणों की आपत्ति के बाद निर्माण कार्य बंद कर दिया गया है। जमीन मापी के लिए अनुरोध किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पइन को कोई नुकसान नहीं किया गया है। इधर, सीओ ने बताया कि डीएम के आदेश पर मापी का काम शुरु कराया गया था। लेकिन विरोध जताने वाले लोग नहीं पहुंचे थे। जिसके चलते मापी का काम पूरा नहीं हो सका।
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राजनैतिक प्रतिद्वंदता के चलते हुई घटना
- घटना के बाद ग्रामीणों के बीच चर्चा है कि राजनैतिक प्रतिद्वंदता के चलते घटना को अंजाम दिया गया है। इस बार गेवाली से मुखिया चुनकर आए हैं। गेवाली के ग्रामीणों को आजादी के बाद सड़क मार्ग नसीब नहीं है। पगडंडी के सहारे लोगों का आना-जाना होता है। अब सड़क निर्माण शुरु होना सम्हरीगढ़ के कई लोगों को भा नहीं रहा है। पथ निर्माण को रोकने के लिए पूरी साजिश रची गई।