आउटडोर खेल में स्कूली बच्चे नहीं ले रहे दिलचस्पी
स्वस्थ्य दिमाग के लिए आउटडोर खेल आवश्यक है।
स्वस्थ्य दिमाग के लिए आउटडोर खेल आवश्यक है। जिले के विद्यालयों में इसे बढ़ावा देने का कार्य किया भी जा रहा है। बावजूद इसके खेलना-कूदना कम होता जा रहा है। जिले के विद्यालयों में खेल पीरियड में बच्चे आउटडोर खेल में रूचि नहीं ले रहे हैं। इसके पीछे स्कूली शिक्षक भी कम जिम्मेवार नहीं है। वे स्कूल से भागने के चक्कर में खेल पीरियड का उपयोग ही नहीं करते। परिणाम है कि बच्चे खेल के समय स्कूल से घर जाने की जल्दी में रहते हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में इस प्रकार की समस्याएं आम हो गई है। मोबाइल बढ़ा रहा मुश्किलें
- मोबाइल के बढ़ते प्रचलन से भी समस्या उत्पन्न हो रही है। स्कूली बच्चे स्कूल से छूटते ही खेल की बजाय मोबाइल में लग जाते हैं। घंटों मोबाइल में वे अपना समय बर्बाद करते हैं। मोबाइल की लत के कारण वे खेल जैसे अति महत्वपूर्ण व्यायाम जिससे मानसिक तंदुरूस्ती मिलती है से वंचित होते जा रहे हैं। ऐसे में उनका शारीरिक व मानसिक विकास अवरूद्ध हो रहा है। इसके लिए अभिभावक से लेकर शिक्षक तक समान रूप से जिम्मेवार है। खेल के हैं फायदे
- खेल के जरिए घर के साथ बाहर के की दुनियां से भी रू ब रू होने का मौका मिलता है। यह शरीर को फिट रखने में मददगार तो है ही बीमारियों से भी बचाता है। खेल बच्चों के बीच आत्मविश्वास बढ़ाने का भी काम करता है। कहते हैं चिकित्सक
-बच्चों के साथ खुद को शामिल कर खेल के प्रति प्रेरित किया जा सकता है। पढ़ाई का बोझ बढ़ने से भी बच्चे खेल के प्रति रूचि लेने से कतराने लगे है। बच्चों के लिए खेल भी उतना ही आवश्यक है जितना शरीर के लिए पौष्टिक का आहार का होना।
डॉ. कमल कुमार किशोर, मनोचिकित्सक, नवादा।