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पीएचसी में ओपीडी के अलावा नहीं मिलती है कोई सुविधा

दो वर्ष पूर्व रजौली प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को हरदिया स्वास्थ्य उप केंद्र में शिफ्ट कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 09:07 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 09:07 PM (IST)
पीएचसी में ओपीडी के अलावा नहीं मिलती है कोई सुविधा
पीएचसी में ओपीडी के अलावा नहीं मिलती है कोई सुविधा

दो वर्ष पूर्व रजौली प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को हरदिया स्वास्थ्य उप केंद्र में शिफ्ट कर दिया गया। पीएचसी तो शिफ्ट हो गया, लेकिन लोगों को आज तक जरुरी सुविधाएं नहीं मिल सकीं। डीएम कौशल कुमार, सिविल सर्जन डॉ. श्रीनाथ प्रसाद और विधायक प्रकाश वीर की उपस्थिति में हरदिया स्थित स्वास्थ्य उप केंद्र में पीएचसी शिफ्ट किया गया था। उद्घाटन के मौके पर मरीजों के इलाज के लिए तमाम प्रकार की सुविधा प्रदान करने का आश्वासन दिया गया था। बावजूद आजतक पीएचसी में केवल ओपीडी की सुविधाएं लोगों को मिल सकी हैं। फलस्वरुप लोगों को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल रजौली पहुंचना पड़ता है। हरदिया के मुन्ना सिंह, अशोक पंडित, रामेश्वर पंडित, शुकुल पंडित, भोला राजवंशी, मनोज राजवंशी, बाले राजवंशी, डेलवा गांव की पूर्व मुखिया मुना देवी, रामदेव भुइयां, कोकिल सिंह, चोरडीहा के रामबालक यादव, मेघु यादव, लखन यादव, श्रीचंद यादव आदि दर्जनों ग्रामीणों का कहना है कि यह अस्पताल लोगों के लिए छलावा साबित हुआ। चाहे प्रसव कराना हो, बंध्याकरण कराना हो या फिर नियमित टीकाकरण, इन सभी सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए लोगों को रजौली मुख्यालय पहुंचना पड़ता है। 

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एक बजे के बाद बंद हो जाती है ओपीडी सेवा

- हरदिया पीएचसी में दोपहर एक बजे ओपीडी सेवा भी बंद हो जाती है। ड्यूटी करने वाले चिकित्सक व कर्मी एक बजे अस्पताल बंद कर वापस लौट जाते हैं। फिर अगले दिन सुबह नौ बजे ही चिकित्सक से मुलाकात हो पाती है। ऐसी स्थिति में लोगों को अपना इलाज कराने में परेशानी होती है। सबसे ज्यादा परेशानी दुर्घटना में घायल होने वाले मरीजों को होती है।

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कहते हैं सिविल सर्जन

- चिकित्सक व एएनएम की कमी के कारण हरदिया में प्रसव व इमरजेंसी सेवा की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। चिकित्सक व एएनएम की कमी दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है। आवश्यक संसाधनों के पूरा होते ही प्रसव व इमरजेंसी सुविधा बहाल कर दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग से इमरजेंसी सुविधा की स्वीकृति मिलने के साथ-साथ सुविधा प्रदान करने के लिए भवन निर्माण के लिए राशि की भी जरुरत है। राशि मिलने के बाद भवन निर्माण कराया जाएगा।

डॉ. श्रीनाथ प्रसाद, सिविल सर्जन, नवादा।


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