स्कूली बसों में नहीं लगाया जा रहा जीपीएस व स्पीड गवर्नर
आदेश के बावजूद स्कूली बसों में जीपीएस और स्पीड गवर्नर नहीं लगाया जा सका है। ओवरलो¨डग रोकने की मंशा से परिवहन विभाग ने यह आदेश जारी किया था।
आदेश के बावजूद स्कूली बसों में जीपीएस और स्पीड गवर्नर नहीं लगाया जा सका है। ओवरलो¨डग रोकने की मंशा से परिवहन विभाग ने यह आदेश जारी किया था। जनवरी महीने से बगैर जीपीएस व स्पीड गवर्नर लगे स्कूली बसों को जब्त और आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है। लेकिन अबतक आदेश को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। गौरतलब है कि परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बिना स्पीड गवर्नर व जीपीएस के स्कूली बसों के परिचालन पर रोक लगाने का आदेश निर्गत किया था। इसके पूर्व दिसम्बर माह में सभी विद्यालयों के बसों की परमिट व फिटनेश की जांच का आदेश निर्गत किया था। उन्होंने बगैर जीपीएस व स्पीड गवर्नर लगे बसों को जब्त करने का आदेश दिया था। इसके पीछे परिवहन विभाग की मंशा बसों में ओवरलो¨डग समाप्त करना था। ओवरलोड स्कूली बस पकड़े जाने पर जुर्माना लगाना भी था। आर्थिक दंड के बावजूद ओवरलोडिग पाए जाने पर परमिट निरस्त करने का आदेश निर्गत किया गया था। विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा था कि हर हाल में ओवरलो¨डग पर रोक लगाया जाए। इसके साथ ही अभिभावकों से ओवरलोड वाहनों पर बच्चों को न चढ़ाने की अपील की गई थी।
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सीट से अधिक सवार किए जा रहे बच्चे
- स्कूली बसों में बच्चों ठूस-ठूस कर ले जाया जा रहा है। निर्धारित सीट से काफी अधिक बच्चे ले जाए जा रहे हैं। सीट नहीं होने की स्थिति में बच्चों को खड़े ले जाया रहा है। ऐसे में बसों में बैठने को ले बच्चों के बीच अफरातफरी रहती है। इसके साथ ही टेम्पो व ई-रिक्शा में बच्चों को जैसे तैसे ले जाया जा रहा है। इसके लिए परिवहन विभाग ने सभी स्कूलाी बसों की जांच कर आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश निर्गत किया था लेकिन अबतक इसका अनुपालन जिले में नहीं कराया जा रहा है। ऐसे में परिवहन विभाग का आदेश बेअसर साबित हो रहा है तो विद्यालयों की मनमानी जारी है।
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कहते हैं अधिकारी
- विभाग का आदेश प्राप्त हुआ है। आदेश का अनुपालन जल्द ही कराया जाएगा। इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां आरंभ की गई है।
ब्रजेश कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, नवादा।