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बिहार में सरकारी जमीन पर नक्सलियों ने बनाए 'शहीद स्मारक', यहां देते श्रद्धांजलि

बिहार में प्रतिबंधित भाकपा माओवादी नक्सलियों ने मारे गए साथियों के 'शहीद स्मारक' बना लिए हैं। यहां नक्‍सली उन्‍हें खुलेआम श्रद्धांजलि देते हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 13 May 2018 11:46 AM (IST)Updated: Mon, 14 May 2018 10:21 PM (IST)
बिहार में सरकारी जमीन पर नक्सलियों ने बनाए 'शहीद स्मारक', यहां देते श्रद्धांजलि
बिहार में सरकारी जमीन पर नक्सलियों ने बनाए 'शहीद स्मारक', यहां देते श्रद्धांजलि

नवादा [राहुल कुमार]। बिहार के नवादा जिले में नक्सलियों ने सरकारी जमीन पर अपने साथियों की मौत के बाद शहीद स्मारक बना लिया है और निर्धारित तिथि को यहां पहुंचकर वो अपने साथियों की याद में उन्हें खुलेआम श्रद्धांजलि देने आते हैं। यह पता होने के बावजूद उनपर कार्रवाई नहीं होती। 

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पुलिस मुठभेड़ में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन के पांच हार्डकोर नक्सलियों की मौत के बाद साथियों को उन्‍हें शहीद का दर्जा देते हुए सरकारी जमीन पर उनके दो समारक बना दिए। इतना ही नहीं, नक्‍सली निधारित दिन उन्‍हें श्रद्धांजलि देने हर साल आते हैं, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है। मामला नवादा के रजौली व अकबरपुर में बनाए गए नक्‍सलियों के स्मारकों का है।

नवादा के रजौली स्थित फरकाबुजुर्ग पंचायत के हाथोचक में सिंचाई विभाग की जमीन पर कब्जा कर नक्‍सलियों ने अपने मारे गए साथियों का 'शहीद स्‍मारक' बना दिया। इसी तरह अकबरपुर थाना क्षेत्र के बसकंडा पंचायत के बड़की पसिया कॉलोनी में भी सरकारी भूमि पर माओवादियों ने स्मारक बना दिया है। यहां हर वर्ष नक्‍सली शहीद दिवस मनाते हैं। इन स्‍मारकों को हटवाने के लिए अगस्त 2016 में ही पुलिस का ध्यान आकर्षित करवाया गया, पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

नवादा जिले में ये दोनों स्मारक पुलिस के लिए कलंक से कम नहीं हैं। आश्चर्य यह है कि पुलिस कार्रवाई के नाम पर बैकफुट पर है। एक तरफ केंद्र व राज्य सरकारें नक्सलियों को जड़ से उखाड़ फेंकने का दंभ भर रही हैं, तो दूसरी तरफ नक्सलियों के शहीद स्मारक को तोडऩे में पुलिस और प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं।

पहला स्मारक

रजौली व अकबरपुर थाना क्षेत्र के सरकारी भूमि पर कुछ वर्ष पूर्व स्मारक का निर्माण कराया गया। पुलिस मुठभेड़ में मारे गये साथियों के नाम पर स्मारक में एक सप्ताह कैंप कर नक्सलियों ने इसका निर्माण कराया था। हाथोचक स्थित सिचाईं विभाग की भूमि पर बने स्मारक में प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के चार नक्सलियों का नाम दर्ज हैं। इनमें जिले के वारसलीगंज थाना क्षेत्र के माफी गांव के टोला हाड़ीबिगहा के रामाशीष यादव, रजौली थाना क्षेत्र के गंगटा गांव के रतन यादव, रजौली थाना क्षेत्र कें मांगोडिह का इंदल राम और रजौली थाना क्षेत्र के भूपतपुर गांव के चंद्रिका राम के नाम शामिल हैं। इन चारों में दो की मौत वर्ष 2002 में रोह थाना क्षेत्र के हरषितपुर में पुलिस मुठभेड़ में हुई थी।

दूसरा स्मारक

अकबरपुर थाना क्षेत्र में बने नक्सलियों के दूसरे स्मारक पर पूर्व एरिया कमांडर रघुवंश प्रसाद का नाम दर्ज है, जो गया जिले के टेकारी थाना क्षेत्र के खैरा गांव का रहने वाला था।

मनाते हैं शहीद दिवस

भाकपा माओवादी नक्सली जुलाई माह के अंतिम दिन व अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में हर वर्ष स्मारक पर शहीद सप्ताह का आयोजन करते हैं। इसके अलावा जब भी नक्सली दस्ते का मूवमेंट इधर से होता है, सभी सिर झुकाकर शहादत को सलाम करते आगे बढ़ते हैं।

एसडीपीओ ने मामले से यूं झाड़ा पल्‍ला

इस बाबत रजौली के एसडीपीओ संजय कुमार य‍ह कहते हुए पल्‍ला झ़ाड़ते हैं कि मामला सरकारी भूमि से जुड़ा है, इसलिए इस बारे में अनुमंडल पदाधिकारी ही कुछ बता सकते हैं। लेकिन, उनके इलाके में नक्‍सली घोषित तिथि को दोनों स्‍मारकों पर आकर श्रद्धांजलि देते हैं तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई क्‍यों नहीं करती, इस बाबत उन्‍होंने बोलने से परहेज किया।


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