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लॉकडाउन में बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में नक्सली

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को लेकर 21 दिनों का लॉकडाउन है। इस दौरान थाना क्षेत्र के सभी पदाधिकारी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को प्रतिदिन नई-नई रणनीति पर काम कर रहे हैं ताकि इससे लोगों को निजात दिलाई जा सके। पुलिस-प्रशासन की व्यस्तता के बीच रजौली थाना क्षेत्र के घने जंगलों में हार्डकोर नक्सली प्रद्युम्न शर्मा का हथियारबंद दस्ता किसी खौफनाक मंसूबों को लेकर घूम रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 10:37 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 06:11 AM (IST)
लॉकडाउन में बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में नक्सली
लॉकडाउन में बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में नक्सली

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को लेकर 21 दिनों का लॉकडाउन है। इस दौरान थाना क्षेत्र के सभी पदाधिकारी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को प्रतिदिन नई-नई रणनीति पर काम कर रहे हैं, ताकि इससे लोगों को निजात दिलाई जा सके। पुलिस-प्रशासन की व्यस्तता के बीच रजौली थाना क्षेत्र के घने जंगलों में हार्डकोर नक्सली प्रद्युम्न शर्मा का हथियारबंद दस्ता किसी खौफनाक मंसूबों को लेकर घूम रहा है।

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पिछले 15 दिनों से जंगली इलाके में प्रद्युम्न शर्मा व अत्याधुनिक हथियार से लैस उसका दस्ता भ्रमण कर रहा है। शुक्रवार की रात नक्सलियों ने कई ईट-भट्ठा संचालकों से 50-50 हजार रुपये बतौर लेवी मांगी थी। जिन भट्ठों से लेवी मांगी गई है, वह भट्ठा घनी आबादी के आसपास है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नक्सलियों के हौसले कितने बुलंद हैं। ऐसे में ग्रामीणों में भी दहशत है। कई ग्रामीणों ने दबी जुबान से कहा, पिछले 10 वर्षो के बाद ऐसा हुआ कि नक्सली का दस्ता घनी आबादी में आकर लेवी मांग रहा है। लॉकडाउन की वजह से सभी कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ा है। ऐसे में नक्सलियों द्वारा लेवी मांगने पर लोग काफी सहमे हुए हैं। ईट-भट्ठों पर दूरदराज के मजदूर भी नक्सलियों की दस्तक से सहमे हैं। पूर्व से ही कोरोना के खौफ के साए में जी रहे लोगों के लिए यह एक नई मुसीबत बनकर सामने आई है। हालांकि लेवी मांगने की घटना सामने आने के बाद जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। नक्सलियों की तलाश में लगातार जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

बताते चलें कि जिस इलाके में नक्सलियों की चहलकदमी है, वह पहले नक्सलियों का केंद्र हुआ करता था। बड़ी संख्या में नक्सली दिन के उजाले में भी घूमते थे। इसी इलाके में सरकारी भूमि पर नक्सलियों का शहीद स्मारक भी है। सरकारी जमीन पर कब्जा कर नक्सली बंदूक के दम पर पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हार्डकोर नक्सलियों का शहीद स्मारक बना रखे हैं। यह स्मारक उधर से गुजरने वाले पुलिस टीम को हमेशा चुनौती देता है। मामला कई वर्ष पहले पुलिस के वरीय पदाधिकारी तक के संज्ञान में लाया गया। बावजूद इसके स्मारक को नहीं हटाया गया। एएसपी अभियान कुमार आलोक ने कहा, नक्सलियों की चहलकदमी पर पूरी तरह निगाह रखी जा रही है। किसी भी अप्रिय स्थिति से पहले उन पर नियंत्रण कर लिया जाएगा।


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