नक्सल क्षेत्रों में पंचायत चुनाव कराना होगा चुनौती
नवादा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के योद्धा अखाड़े में उतरने लगे हैं। जिले में आठ चरणों के होन
नवादा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के योद्धा अखाड़े में उतरने लगे हैं। जिले में आठ चरणों के होने वाले चुनाव में से तीन चरणों का नामांकन अंतिम दौर में है। चौथे चरण के लिये अधिसूचना 10 मार्च को जारी होगी। इन सबों से इतर जिला प्रशासन के लिये शांतिपूर्ण चुनाव कराना एक बड़ी चुनौती है। वैसे सरकार की ओर से विधानसभा चुनाव की तर्ज पर चुनाव कराने का दावा किया जा रहा है लेकिन ठीक इसके विपरीत अबतक जिले को बल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। ऐसे में नक्सल प्रभावित सात प्रखंडों में शांतिपूर्ण चुनाव कराना जिला प्रशासन के लिये चुनौती है।
हाल के दिनों में कौआकोल प्रखंड व रजौली प्रखंडों में जिस तरह नक्सलियों ने बारदातें की है उससे एकबार फिर
खून खराबे की स्थिति उत्पन्न होने लगी है। प्रत्याशियों द्वारा भी संगठनों से सम्पर्क साधने व उनका समर्थन हासिल करने का प्रयास आरंभ कर दिया गया है। वैसे जिला प्रशासन ने इस पर अपना मंथन आरंभ किया है लेकिन अबतक के हालात अच्छे नजर नहीं आ रहे हैं। चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिये 20 कम्पनी अतिरिक्त बल की मांग की गयी है लेकिन अबतक एक भी कम्पनी उपलब्ध नहीं करायी गयी है जिससे सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं।
वैसे सर्वाधिक तनातनी मुखिया जैसे मालदार पद के लिये है। हालांकि सरकार ने जिस तरह पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में ईजाफा किया है उससे सभी पद महत्वपूर्ण हो गये हैं। कई स्थानों पर चुनाव में न खड़ा होने की धमकियों का दौर आरंभ हो गया है। कुल मिलाकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चुनाव कराना प्रशासन के लिये चुनौती है। फिलहाल जिले में तैनात दो कम्पनी अर्द्धसैनिक बलों के सहारे नक्सल क्षेत्र में छापामारी अभियान चलाया जा रहा है।