मुर्गी पालकों के लिए वरदान साबित होगा राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना
नवादा पकरीबरावां प्रखंड के डुमरावां पंचायत के भगवानपुर अनुसूचित टोला में बुधवार को एक कार्यक्रम आयोजित कर कई परिवारों को मुर्गीपालन के लिए चूजे दिए गए। डीडीसी वैभव चौधरी जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. तरुण कुमार उपाध्याय ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उदघाटन किया।
नवादा : पकरीबरावां प्रखंड के डुमरावां पंचायत के भगवानपुर अनुसूचित टोला में बुधवार को एक कार्यक्रम आयोजित कर कई परिवारों को मुर्गीपालन के लिए चूजे दिए गए। डीडीसी वैभव चौधरी, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. तरुण कुमार उपाध्याय ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उदघाटन किया। मुर्गी पालकों की आय बढ़ाने तथा उन्हें सस्ता व स्वस्थ्य चूजा उपलब्ध कराने की योजना बनी है। इसके लिए पशुपालन विभाग की राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना का लाभ युवाओं को दिया जाएगा। इस योजना का लाभ बीपीएल परिवारों (अनुसूचित जाति) को अनुदानित दर पर दिया जाएगा। इसमें प्रति परिवार 45 चूजे दिए जाएंगे। डीडीसी बैभव चौधरी ने लाभुकों को चूजे की सुरक्षा की जानकारी दी गई। लाभुकों को उच्च नस्ल के चूजे उपलब्ध कराए गए हैं। इन चूजों का विकास तेजी से होता है। तीन से चार माह में ये चूजे चार से पांच किलो के हो जाएंगे। चूजे को रखने के लिए लाभुकों द्वारा केज बनाया गया है। जिसके लिए लाभुकों के खाते में 15 सौ रुपए दिए गए हैं। लोगों से अपील की गई है कि किसी प्रकार की परेशानी होने पर प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी से संपर्क करें। दोनों अधिकारियों ने पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार एवं प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी डॉ. अभिषेक कुमार के कार्यों की सराहना की। लोगों को सूअर पालन एवं बकरी पालन की भी जानकारी दी गई। वहीं जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. तरुण कुमार उपाध्याय ने बताया कि सभी प्रखंडों के पशु चिकित्सा पदाधिकारी को अपने-अपने प्रखंडों से बीपीएल परिवारों की सूची मांगी गई थी। इसके बाद लाभुकों की सूची तैयार की गई है। मुर्गी पालन के लिए पिजड़ा व वाटर फीडर किसानों को मुफ्त में दिया जाना है। इसके बाद विभाग द्वारा उसे उसके खाते में रुपये भेजा जाएगा। इसके बाद ही लाभुकों को चूजा दिया जाएगा ताकि चूजों को सुरक्षित पिजड़ा में रखा जा सके। इस तरह से चूजों को बिल्ली या कुत्ता मारकर नहीं खाएगा। उनकी सुरक्षा हो सकेगी। चूजों को पानी पिलाने के लिए फीडर भी दिया जाएगा। नवादा के 1050 परिवारों को मुर्गीपालन से जोड़ा जाना है। जिले के पकरीबरावां प्रखण्ड से इसकी शुरुआत की गई है। यहां 102 परिवारों का चयन किया गया है। इससे पूर्व वैज्ञानिक डॉ0 विकास कुमार एवं डॉ0 धनन्जय कुमार ने कहा कि मुर्गी पालन, बकरी पालन, पशु पालन से सम्बंधित कई जानकारियां देते हुए पशुओं के रख रखाव एवं स्वास्थ्य से सम्बंधित दावा, मुर्गी के चूजे का विकास का परीक्षण दे कर लाभुकों किसानों एवं ग्रामीणों को इससे होने वाले आय एवं आत्मनिर्भर बनाने का टिप्स बताते हुए बेहतर जीवन यापन का बेहतर रोजगार बताया साथ ही इन्होंने कहा कि पशुपालकों को किसी प्रकार का सलाह ग्राम निर्माण मंडल सेखोदेवरा के वैज्ञानिकों से ले सकते है।
--------------- महीने में पांच हजार रुपये तक का मिलेगा रोजगार - अनुसूचित जाति के बीपीएल परिवारों को 10 रुपये की दर से 45 चूजा दिया जाना है। हर चूजा तीन माह बाद बड़ी मुर्गी बन हर रोज एक अंडा देने की स्थिति में होगी। अगर चार रुपये के हिसाब से एक अंडे की दर तय करें और 45 में से 40 मुर्गी ही यदि अंडा देती है तो हर रोज 40 अंडा का उत्पादन होगा। जिसकी बाजार कीमत 160 रुपये होगी। इस तरह से महीने में 12 सौ अंडों की कीमत करीब 48 सौ रुपये होगी। इससे औसतन हर माह पांच हजार रुपये का स्वरोजगार युवाओं को मिलेगा। मौके पर सहायक कुक्कुट पदाधिकारी डॉ. श्रीनिवास शर्मा, वैज्ञानिक डॉ. विकास कुमार, डॉ. धनन्जय कुमार, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी डॉ. अखिलेश कुमार एवं प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ. अभिषेक कुमार सहित अन्य लाभुक भी मौजूद थे।