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नप सफाईकर्मियों की हड़ताल जारी, शहर में कूड़े-कचरों का अंबार

सरकार की ओर से छह फरवरी को नगर परिषद के दैनिक सफाईकर्मियों को हटाने का आदेश दिया गया था। इसके साथ ही सफाई कर्मियों को हटाने के लिए नगर विकास विभाग के मंत्री द्वारा पत्र भी जारी किया गया था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 10:19 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 10:19 PM (IST)
नप सफाईकर्मियों की हड़ताल जारी, शहर में कूड़े-कचरों का अंबार
नप सफाईकर्मियों की हड़ताल जारी, शहर में कूड़े-कचरों का अंबार

सरकार की ओर से छह फरवरी को नगर परिषद के दैनिक सफाईकर्मियों को हटाने का आदेश दिया गया था। इसके साथ ही सफाई कर्मियों को हटाने के लिए नगर विकास विभाग के मंत्री द्वारा पत्र भी जारी किया गया था। इसकी जानकारी मिलते ही नगर परिषद कार्यालय नवादा में कार्यरत सफाईकर्मी सात फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। साथ ही कामकाज ठप कर दिया। सफाईकर्मियों की हड़ताल से शहर की स्थिति नारकीय बनी हुई है। पूरा शहर कूड़े-कचरों में तब्दील हो चुका है। शहर में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है। लोगों को नगर बाजार की सड़कों से गुजरना मुश्किल हो गया है। राहगीरों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

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शहर के पुरानी कचहरी रोड, पुरानी कलाली रोड, मेन रोड, स्टेशन रोड, अस्पताल रोड समेत अन्य इलाकों में सड़कों पर कचरा पसरा है। इस रास्ते गुजरने वाले लोगों को कचरों की ढेर से होकर आना-जाना पड़ रहा है। इसके अलावा नगर के मोहल्लों में भी गंदगी का अंबार लगा है। बता दें कि इसके पूर्व सरकार की ओर से दैनिक सफाईकर्मियों की सेवा समाप्त करने का 28 फरवरी को भी आदेश जारी किया गया था। इसके बाद 29 फरवरी से नप के सफाईकर्मियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। साथ ही नवादा के सफाई कर्मियों ने नगर परिषद कार्यालय के मेन गेट में तालाबंदी कर कामकाज ठप कर दिया था। साथ ही छह दिनों तक कार्यालय के मेन गेट पर लगातार धरना-प्रदर्शन किया था। उस वक्त भी शहर की स्थिति नारकीय बन गई थी। इसके बाद सरकार की ओर से तीन फरवरी को आदेश जारी किया गया और दैनिक वेतनभोगियों की सेवा के लिए 31 मार्च तक का मोहलत दिया गया था। तीन फरवरी को नप पदाधिकारी व वार्ड पार्षदों के साथ वार्ता के बाद सफाई कर्मियों की हड़ताल समाप्त हुई थी। इसके साथ ही चार फरवरी से नप के सफाईकर्मी अपने काम पर वापस लौट गए थे। शहर की साफ-सफाई कार्य भी शुरू हो चुकी थी। सफाई कार्य शुरू होते ही सबसे पहले सरकारी कार्यालय व आवास परिसर में सफाई कराई गई। इसके अलावा शहर के कुछ कचरा प्वाइंट से कचरा का उठाव कराया जा रहा था। दो दिनों से लगातार सफाई कार्य में कर्मी जुटे थे। जब तक पूरे शहर की सफाई होती इसी बीच में नगर विकास विभाग के मंत्री द्वारा दैनिक वेतनभोगी सफाईकर्मियों को सेवा से हटाने का पत्र जारी कर दिया गया और फिर से नप के दैनिक सफाईकर्मी हड़ताल पर चले गए। चार दिनों से लगातार सफाई कर्मियों की हड़ताल जारी है। हड़ताल से शहर कूड़े-कचरों के ढेर में तब्दील हो चुका है। लेकिन नप कार्यालय की ओर से अभी तक शहर की सफाई के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।

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151 दैनिकसफाई कर्मी हैं कार्यरत

- नप कार्यालय नवादा में 8 सफाई र्मी स्थायी रूप से कार्यरत हैं। इसके अलावा दैनिक वेतनभोगी सफाईकर्मियों की संख्या कुल मिलाकर 151 हैं। उन्होंने बताया कि चार दिनों से दैनिक वेतनभोगी सफाईकर्मियों के साथ स्थायी रूप से कार्यरत सफाई मजदूर भी हड़ताल पर चले गए हैं। बता दें कि सरकार की ओर से जारी पत्र में स्थायी रूप से कार्यरत सफाई मजदूरों को भी 1 अप्रैल से आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कराने का निर्देश जारी किया गया है। जिसे श्रम विभाग की ओर से निर्धारित दैनिक मजदूरी राशि का भुगतान किया जाएगा। इसकी जानकारी मिलने के बाद स्थायी रूप से कार्यरत सफाई कर्मी भी हड़ताल में शामिल हो गए।

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आपात स्थिति में सफाई की नहीं है कोई वैकल्पिक व्यवस्था

- नप कार्यालय की ओर से शहर की साफ-सफाई के लिए दैनिक सफाई कर्मी की सुविधा है। आपात स्थिति से निपटने के लिए सफाई की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। सफाई कर्मियों के हड़ताल पर रहने से शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाती है। और शहर के चारों ओर गंदगी का अंबार लग जाता है।

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एक अप्रैल से आउटसोर्सिंग से होगी शहर की साफ-सफाई

- एक अप्रैल से पूरे बिहार में आउटसोर्सिंग से साफ-सफाई की व्यवस्था शुरू होनी है। इसके लिए सरकार की ओर से निर्देश जारी कर दिया गया है। नप कार्यालय नवादा की ओर से शहर की साफ-सफाई व्यवस्था को तीन जोन में बांटा गया है। इसके साथ ही तीन ठेकेदार को साफ-सफाई की जिम्मेवारी सौंपी जाएगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। नगर के 1 से 11, 12 से 18 एवं 19 से 33 वार्ड तक तीन जोन में बांटा गया है। इसके लिए तीन ठेकेदार को सफाई की जिम्मेवारी सौंपी जाएगी।

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लोग खुद करा रहे हैं सफाई

- सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण गली-मोहल्ले तक में कूड़ा-कचरा पसर गया है। आलम ये कि जिन्हें जरूरी है उसी सफाईकर्मी को अपना पैसा देकर साफ-सफाई करा रहे हैं। न्यू एरिया निवासी डॉ. संतोष कुमार कहते हैं कि घर के पास कचरा प्वाइंट बना हुआ है। रोज कचरा का ढेर लग जाता है। उसे साफ करवाना जरूरी होता है। खुद का पैसा वहन कर कूड़ा उठवा रहे हैं। ऐसा कई लोग कर रहे हैं।

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कहते हैं सफाई कर्मी

- नगर परिषद कार्यालय में स्थायी रूप से कार्यरत सफाई कर्मी बालेश्वर मोची, सौदागर दास, ईश्वरी दास समेत कई लोगों ने बताया कि 20 साल से काम कर रहे हैं। सरकार की ओर से हम सबों को हटाने का आदेश जारी किया गया है। जब तक आदेश वापस नहीं लिया जाएगा हड़ताल पर रहेंगे। इसके साथ ही दैनिक मजदूरी पर कार्य कर रहे दर्जनों सफाई कर्मियों ने बताया कि हमलोग करीब 15-20 साल से काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से हम सबों की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया गया है। जब तक सरकार की ओर से आदेश वापस नहीं लिया जाएगा हड़ताल जारी रहेगा।

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कहते हैं अधिकारी

- सरकार की ओर से दैनिक सफाईकर्मियों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया गया है। कार्यालय में स्थायी रूप से कार्यरत सफाई मजदूर व दैनिक वेतनभोगी सफाईकर्मी चार दिनों से हड़ताल पर चले गए हैं। जिसके कारण शहर में गंदगी का अंबार लगा है। ऐसे वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्रयास किया जा रहा है। शहर के लोगों को बहुत जल्द गंदगी की समस्या से निजात दिलाया जाएगा।

देवेंद्र सुमन, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद नवादा।


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