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अब ग्राम पंचायत के जिम्मे होगा राजकीय नलकूपों का संचालन

राजकीय नलकूपों की मरम्मत संचालन एवं रखरखाव का कार्य अब पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा। इसके पूर्व जिन निजी संस्था व व्यक्तियों को नलकूप दिया गया था उससे वापस लेकर पंचायत को हस्तांतरित किया जाएगा। इस कार्य में मुख्य दो अड़चनें आ रही थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 12:05 AM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 12:05 AM (IST)
अब ग्राम पंचायत के जिम्मे होगा राजकीय नलकूपों का संचालन
अब ग्राम पंचायत के जिम्मे होगा राजकीय नलकूपों का संचालन

राजकीय नलकूपों की मरम्मत, संचालन एवं रखरखाव का कार्य अब पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा। इसके पूर्व जिन निजी संस्था व व्यक्तियों को नलकूप दिया गया था उससे वापस लेकर पंचायत को हस्तांतरित किया जाएगा। इस कार्य में मुख्य दो अड़चनें आ रही थी। पहला बिजली बिल का भुगतान और दूसरा नलकूपों की मरम्मति। सका समाधान कर लिया गया है। यह बातें रविवार को लघु सिचाई प्रमंडल नवादा के कार्यपालक अभियंता राजेंद्र कुमार ने प्रखंड के अपषढ़ गांव स्थित विधायक अरुणा देवी के आवास पर बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि विभाग नलकूपों की स्वयं मरम्मती न कर पंचायतों से कराए तो कार्य का निष्पादन सरल व सुगम तरीके से हो सकेगा। वहीं रखरखाव भी बेहतर तरीके से किया जाएगा। चूंकि जन उपयोगी योजना मनरेगा आदि पहले से क्रियान्वित है, जिस कारण पंचायत राजकीय नलकूपों की मरम्मति अपने स्तर से करा सकती है। विभागीय अभियंता केवल तकनीकी एवं प्रशासनिक सहयोग प्रदान करेंगे। वहीं ऊर्जा विभाग द्वारा विभागीय आदेश में बिजली दर मात्र 75 पैसे प्रति यूनिट किया गया है। जिसमें एक नलकूप का मासिक बिजली बिल तकरीबन 2000 रुपये प्रतिमाह आने की संभावना है। अभियंता ने कहा कि राजकीय नलकूपों का संचालन एवं रखरखाव अब केवल पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा। प्रखंड के 47 नलकूपों को पंचायत को स्थानांतरित कर दिया गया है। जो चालू है उन्हें पंचायत संचालित करेगी और जो बंद है उसकी मरम्मत करा कर संचालित करेंगे। प्रथम चरण में बंद पड़े नलकूपों को हस्तांतरित किया गया है। चालू नलकूपों को द्वितीय चरण में हस्तांतरित किया जाएगा। पंचायतों को केवल इन नलकूपों का संचालन एवं रखरखाव करना है। सभी प्रकार की मरम्मती का खर्च विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। बिजली बिल का भुगतान पंचायत द्वारा किया जाएगा। ग्राम पंचायत को सिर्फ नलकूप संचालन, रखरखाव का जिम्मा दिया गया है। यह नलकूप राज्य सरकार की संपत्ति रहेगी तथा पंचायतों का कार्य असंतोषजनक पाए जाने पर विभाग कभी भी नलकूप को वापस ले सकती है। उन्होंने कहा कि नलकूप की मरम्मत में यदि 15 लाख रुपये से अधिक होगा तो कार्यान्वयन निविदा के माध्यम से विभाग द्वारा किया जाएगा। वहीं उक्त राशि से कम लागत की स्थिति में पंचायत द्वारा किया जाएगा। पंचायत को सिचाई का पटवन शुल्क स्वयं वसूलने का अधिकार होगा और वह दर भी स्वयं निर्धारित कर सकती है। उसी पटवन शुल्क से पंचायत का मोटर पंप या चैनल का रखरखाव करना होगा और पंप चालक का मानदेय उसी पटवन की आय से चुकानी होगी। इस बीच किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न होने पर या बिजली बिल अथवा अन्य किसी प्रकार का मतभेद होने पर जिला स्तर पर गठित समिति का निर्णय पक्षकारों को मानना बाध्य होगा। मॉनिटरिग जिला समिति में उपविकास आयुक्त,लघु जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता,जिला पंचायत राज पदाधिकारी, विभाग के सहायक व कनीय अभियंता व प्रखंड विकास पदाधिकारी होंगे। मौके पर विभाग के सहायक अभियंता अरविन्द कुमार चौधरी, पूर्व जिला पार्षद अखिलेश सिंह, जिप सदस्य अंजनी सिंह, मुखिया गौतम सिंह, राजकुमार सिंह, बिपिन सिंह, रतन सिंह,दिलीप राउत,सूर्य मणि उर्फ मुकेश कुमार, कार्यानंद सिंह,शंभु सिंह,राजेन्द्र प्रसाद यादव सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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