नाबालिग आरोपितों को नहीं जाना पड़ेगा नालंदा, नवादा में बाल सुधार गृह तैयार
विभिन्न मामलों में पकड़े गए नाबालिगों को अब नालंदा जिला नहीं जाना पड़ेगा। नवादा जिला मुख्यालय से सटे बुधौल गांव में बाल सुधार गृह बनकर तैयार हो गया है। तकरीबन छह करोड़ की लागत से भवन का निर्माण कराया गया है। अगले एक महीने में इसके चालू होने की उम्मीद है। भवन निर्माण विभाग से हैंडओवर की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि अभी भी कुछ काम बाकी है जो जल्द ही पूरा हो जाएगा। नवादा के बुधौल में बाल सुधार गृह चालू हो जाने के बाद प्रशासन को काफी सहूलियत होगी। फिलहाल नवादा के नाबालिग आरोपितों को नालंदा में बाल सुधार गृह में रखा जाता है और उन्हें किशोर न्याय पर्षद में पेशी के लिए नवादा लाया जाता है। नालंदा पुलिस को विशेष वाहन से उन्हें लेकर नवादा आना पड़ता है। फिर पेशी कराने के बाद वापस नालंदा ले जाना पड़ता है। फलस्वरूप उन बाल कैदियों को भी 35 किलोमीटर का सफर करने से छुटकारा मिलेगा।
विभिन्न मामलों में पकड़े गए नाबालिगों को अब नालंदा जिला नहीं जाना पड़ेगा। नवादा जिला मुख्यालय से सटे बुधौल गांव में बाल सुधार गृह बनकर तैयार हो गया है। तकरीबन छह करोड़ की लागत से भवन का निर्माण कराया गया है। अगले एक महीने में इसके चालू होने की उम्मीद है। भवन निर्माण विभाग से हैंडओवर की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि अभी भी कुछ काम बाकी है, जो जल्द ही पूरा हो जाएगा। नवादा के बुधौल में बाल सुधार गृह चालू हो जाने के बाद प्रशासन को काफी सहूलियत होगी। फिलहाल, नवादा के नाबालिग आरोपितों को नालंदा में बाल सुधार गृह में रखा जाता है और उन्हें किशोर न्याय पर्षद में पेशी के लिए नवादा लाया जाता है। नालंदा पुलिस को विशेष वाहन से उन्हें लेकर नवादा आना पड़ता है। फिर पेशी कराने के बाद वापस नालंदा ले जाना पड़ता है। फलस्वरूप उन बाल कैदियों को भी 35 किलोमीटर का सफर करने से छुटकारा मिलेगा।
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50 नाबालिगों को रखने की है क्षमता
- नवनिर्मित बाल सुधार गृह में 50 नाबालिगों को रखने की क्षमता है। यहां बाल आरोपितों को शिक्षा देने की व्यवस्था रहेगी। इंडोर खेल मसलन वॉलीबॉल, लूडो, कैरम आदि खेल किट उपलब्ध कराए जाएंगे। उन नाबालिगों के कौशल विकास के लिए कई प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाने की भी व्यवस्था की जाएगी।
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नालंदा में रह रहे नवादा के दस बच्चे
- विभिन्न मामलों में पकड़े गए दस नाबालिगों को नालंदा जिला स्थित बाल सुधार गृह में रखा जा रहा है। किशोर न्याय पर्षद में पेशी के लिए तय तिथि पर नवादा लाया जाता है। वहीं जघन्य मामलों में पकडे़ गए चार नाबालिगों को शेखपुरा जिला स्थित प्लेस ऑफ सेफ्टी में रखा जा रहा है। गौरतलब है कि पूर्व में गया जिला स्थित बाल सुधार गृह में नाबालिग आरोपितों को रखा जाता था। वहां गया और नवादा सहित औरंगाबाद, जहानाबाद व अरवल के बच्चों को भी रखा जाता था। उस केंद्र पर 50 नाबालिगों को रखने की क्षमता थी। बीच के दौर में नाबालिगों की संख्या में इजाफा हो गया। जिसके बाद पिछले साल 16 सितंबर से नवादा जिले के नाबालिग आरोपितों को नालंदा जिले के बाल सुधार गृह में शिफ्ट कर दिया गया।
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किशोर न्याय पर्षद में लंबित हैं 589 मामले
- किशोर न्याय पर्षद, नवादा में फिलवक्त 589 मामले लंबित हैं। जिसके आलोक प्रतिदिन सुनवाई की कार्रवाई की जाती है। सदर प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय के प्रथम तल पर किशोर न्याय पर्षद का कार्यालय संचालित है। न्यायिक पदाधिकारी सहित दो सदस्य सुधा रानी और पुष्पा कुमारी मामले की सुनवाई करते हैं। अब पूर्ण अवधि में किशोर न्याय पर्षद का कार्यालय संचालित होता है।
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कहते हैं अधिकारी
- बाल सुधार गृह के भवन निर्माण का कार्य पूरा हो गया है। फर्नीचर का काम कराया जाना बाकी है, जिसे जल्द पूरा करा लिया जाएगा। विभाग से पत्राचार किया जाएगा। इसके बाद अधीक्षक समेत अन्य पदों पर बहाली की जाएगी। उम्मीद है अगले एक महीने में नवादा में बाल सुधार गृह चालू हो जाएगा।
संतोष कुमार झा, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, नवादा।