जंगल में बनाए गए गेट को खनन माफिया ने तोड़ा, नौ आरोपित
सवैयाटाड़ पंचायत की वन क्षेत्र में वन विभाग द्वारा जंगल के अंदर जाने वाले रास्ते पर गेट बनाकर उसमें जंजीर लगाया गया था।
सवैयाटाड़ पंचायत की वन क्षेत्र में वन विभाग द्वारा जंगल के अंदर जाने वाले रास्ते पर गेट बनाकर उसमें जंजीर लगाया गया था। वन परिक्षेत्र में मोटर वाहन न जा सके इसी उद्देश्य यह गेट बना जंजीर लगाया गया था। वन विभाग के इस कार्य से खनन माफिया को अवैध खनन व परिवहन में रूकावट आने लगी। जिसके खनन माफिया ने गेट और जंजीर को तोड़ दिया और जंगल में अवैध खनन फिर से शुरू कर दिया। मामले की जानकारी के बाद वन विभाग के फॉरेस्टर ने रजौली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें 9 लोगों महेश राय, आनंद राय, रमेश यादव, बरहदेव सिंह, बिरजू सिंह, तुलसी सिंह, मनसूर मियां, सबडर मियां, दुर्गा सिंह को आरोपित किया गया है। सभी पर सरकारी गेट को तोड़ने के आरोप लगाए गए हैं।
बता दें कि रजौली वन क्षेत्र को वन श्रेणी का दर्जा प्राप्त है और इसी को लेकर रजौली वन क्षेत्र में किसी भी मोटर वाहन व आदमी की चहल कदमी पर रोक लगाने को लेकर यह गेट बनाकर उसे लॉक किया गया है। लेकिन जंगल में अवैध रूप से खनन करने वाले माफिया को यह जंजीर रास नहीं आ रही है। उन्हें वन विभाग के सख्त कानून की कोई परवाह नहीं है। यह बात भी सही भी है क्योंकि इन माफिया के विरुद्ध वन विभाग और पुलिस ने पूर्व में भी कई एफआइआर किए, लेकिन कोई असर नहीं पड़ा। दरअसल, प्राथमिकी दर्ज करने के बाद कभी भी पुलिस ऐसे धंधेबाजों की धरपकड़ के लिए कभी कोई कार्रवाई की ही नहीं। इस बावत थानाध्यक्ष सुजय विद्यार्थी ने कहा कि लिखित आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है। आरोपितों की जल्द गिरफ्तारी होगी।