मांगों के समर्थन में रसोईयों ने किया कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन
गुरुवार को जिले भर के सरकारी स्कूलों से जुटी सैकड़ों रसोईयों ने कलेक्ट्रेट के समक्ष
गुरुवार को जिले भर के सरकारी स्कूलों से जुटी सैकड़ों रसोईयों ने कलेक्ट्रेट के समक्ष रोषपूर्ण प्रदर्शन किया। एक्टू से संबंध बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ के बैनर तले सैकड़ों रसोईयों ने कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार को जमकर सरकार के विरोध में नारे को बुलंद किया। इस कारण से कलेक्ट्रेट का मुख्य गेट करीब एक घंटे तब प्रभावित रहा। प्रदर्शनकारी रसोईयों ने मांग किया कि वे अपनी मांगों को लेकर बीते 11 दिनों से हड़ताल पर हैं। बावजूद सरकार उनकी नहीं सुन रही है। तमाम रसोइयों ने एकजुटता के साथ कहा कि उन सभी को सरकार सरकारी कर्मचारी का दर्जा दे। इसके साथ ही रसोइयों ने 18 हजार रुपये मानदेय भुगतान करने, 45वें, 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश के मद्देनजर रसोइयों को मजदूरों का दर्जा देने की मांग की। इसके अलावा 3 हजार प्रतिमाह पेंशन, इपीएफ, बीमा, चिकित्सा सुविधा देने की मांग की। इससे पहले अंबेदकर पार्क से जुलूस निकाला गया। नारेबाजी करते हुए समान काम के लिए समान वेतन देने की मांग की। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए खेग्रामस जिला सचिव अजित कुमार मेहता ने कहा कि गरीब-मजदूर विरोधी मोदी सरकार सभी मोर्चे पर विफल साबित हुई है। कॉपरपोरेट के पक्ष में कानून बनाकर मजदूरों का दोहन किया जा रहा है। भाकपा माले के जिला सचिव नरेंद्र प्रसाद ¨सह ने कहा कि सरकार की श्रम नीति ही बेमानी है। लिहाजा, मजदूरों को खूद की लड़ाई लड़कर संघर्ष करना होगा। इस मौके पर सावित्री देवी, सुदामा देवी, जगदीश प्रसाद चौधरी, लटन रविदास, अरूण कुमार, मालो देवी, रसोईया संघ की ललिता देवी, रेखा देवी, उषा देवी व अन्य ने योगदान दिया।