अपने घर लौट रहे श्रमिकों के चेहरे पर दिख रही थी खुशी
लॉकडाउन में पैदल अथवा साइकिल से चेकपोस्ट पर दूसरे प्रदेशों से श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी है।
लॉकडाउन में पैदल अथवा साइकिल से चेकपोस्ट पर दूसरे प्रदेशों से श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी है। झारखंड की सीमा पर रजौली के चितरकोली स्थित बार्डर पर पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और झारखंड राज्य से श्रमिक पहुंच रहे हैं। सोमवार की सुबह भी दर्जनों लोग पहुंचे। जहां तैनात मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों ने सभी लोगों को रोककर मेडिकल जांच कराया। सभी की कैंप में थर्मल स्क्रीनिग भी की गई। उसके बाद वहां पर बने राहत शिविर में लोगों को बिठाकर चाय, नाश्ता कराया गया। फिर सभी को खाना भी खिलाया गया। उसके बाद सभी का लिस्ट बनाकर 132 लोगों के जत्थे को उनके जिले के लिए रवाना किया गया। बेगूसराय के 97, जमुई के 28, बांका के एक, लखीसराय के 6 लोगों को उनके गृह जिले के लिए बसों से भेजा गया। शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए सभी को बस में बिठाया गया। बस में ग्लूकोज, सैनिटाइजर, बिस्किट, पानी का बोतल कुछ दवाइयां भी दी गई। ताकि रास्ते में किन्ही को किसी तरह की परेशानी न हो। बताते चलें कि चेक पोस्ट पर दूसरे प्रदेश से आने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो और तेजी से काम आगे बढ़े इसके लिए जिला पदाधिकारी ने रजौली चेक पोस्ट पर वरीय उपसमाहर्ता संजीव रंजन, सुजीत कुमार और संतोष कुमार को भेजा है। जो चेकपोस्ट पर हर चीज की बारीकी से मॉनीटरिग कर रहे हैं। सरकार के आदेश के बाद दूसरे प्रदेश में फंसे बिहार के मजदूरों को घर आने का मौका मिला है। जिन्हें जो साधन मिल रहा है उसी से घर को लौट रहे हैं। कोई साइकिल तो कोई पैदल ही चल पड़े हैं। बार्डर पर पहुंचने के बाद उन लोगों की समस्या थोड़ी कम हो रही है। जिला प्रशासन की सुविधा पर लोग काफी खुश दिख रहे थे।