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मौसम की बेरूखी से किसानों की बढ़ी परेशानी

मौसम की बेरूखी से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 06:29 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 06:29 PM (IST)
मौसम की बेरूखी से किसानों की बढ़ी परेशानी
मौसम की बेरूखी से किसानों की बढ़ी परेशानी

नवादा । मौसम की बेरूखी से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है। उनके माथे पर उभरी लकीरें परेशानी को बयां कर रही है। धान रोपनी का मुख्य महीना अषाढ़ करीब आधा बीत चुका है, लेकिन अभी तक धान के बिचड़े की भी बोआई नहीं हो सकी है। किसान नेता कामता प्रसाद ¨सह कहते हैं कि गत वर्ष आषाढ़ महीना का अंत होते-होते प्रखंड में करीब-करीब धान की रोपनी का काम समाप्त हो गया था। इस वर्ष आषाढ़ आधा बीतने को है लेकिन अभी तक किसानों ने धान के बिचड़ा तक नहीं डाला है। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रखंड में 40 फीसद से ज्यादा बिचड़ा की बोआई नहीं हुई है, जबकि धान रोपनी का मुख्य नक्षत्र पुनर्वस आधा से अधिक बीत चुका है। सुखाड़ की मंडराती काली छाया की आशंका से छोटे व खेतिहर मजदूरों का रोजी-रोटी के लिए पलायन दूसरे राज्यों में होने लगा है। ¨सह बताते हैं कि वर्षा नहीं होने से किसानों को भदई फसल से हाथ धोना पड़ा है। भदई फसल से किसानों को काफी राहत मिलती थी। सुखाड़ की आशंका को देखते हुए उन्होंने किसी भी तरह की वसूली पर रोक लगाने की मांग जिला प्रशासन से की है। रोजी-रोटी को लेकर उनके द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था कराने की भी मांग की है। किसान नेता की मानें तो यदि एक पखवारा यहीं स्थिति रही तो प्रखंड में सुखाड़ होना तय जाएगा। वर्षा नहीं होने से जल स्तर में तेजी से गिरावट आई है। जल स्तर में गिरावट आने से पंपिंग सेट से पानी निकलना भी बंद हो चुका है। ऐसे में धान कि रोपाई की बात कहना भी बेमानी के समान है। सुबह-सुबह किसान आसमान की ओर ताकते हैं, लेकिन पूर्वा हवा उनकी परेशानी को और बढ़ा देती है।

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