सब्र का पुल टूटा तो श्रमदान कर ग्रामीण खुद बन रहे पुल
फोटो-10 -बुधौल पईन पर पुल नहीं होने से अंबढ़ी गांव के लोग थे परेशान -रात के समय मरीज को अस्पताल पहुंचाने में होती थी काफी दिक्कत -जिला प्रशासन से जनप्रतिनिधियों तक से गुहार लगाकर थक चुके थे ग्रामीण -------------- संसू हिसुआ ( नवादा )
नवादा। अब अंबढ़ी गांव बरसात के मौसम में भी अन्य गांवों या फिर मुख्यालय से नहीं कटेगा। रात के समय बीमार या प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को भी अस्पताल ले जाने में परेशानी नहीं होगी। क्योंकि, बुधौल पईन पर जब प्रशासन ने नहीं बनाया तो ग्रामीणों ने अपने श्रम और पैसे से पुल निर्माण शुरू कर दिया। पुल का काम लगभग पूरा हो चुका है। सब कुछ ऐसा ही चलता रहा तो पंद्रह दिन बाद पुल पर से आवागमन भी शुरू हो जाएगा। ग्रामीणों का जज्बा प्रशासन को यह अहसास कराने के लिए काफी है कि हम अपनी अति आवश्यकता को केवल प्रशासन के भरोसे नहीं छोड़ सकते।
ग्रामीण उदय चौधरी, अरविंद चौधरी, संजय चौधरी, दिलीप चौधरी, राजो महतो, मनोज मिस्त्री, विपिन कुमार सहित अन्य ग्रामीण बताते हैं, पईन पर पुल नहीं रहने से लोगों को काफी परेशानी होती थी। बरसात के दिनों में मुश्किल और बढ़ जाती थी। रात के समय किसी के बीमार होने पर अस्पताल पहुंचाने में काफी दिक्कत होती थी। कोई साधन नहीं रहने पर मरीज को खटिया पर लाद कर बुधौल लाना पड़ता था। बुधौल में ही गाड़ी की व्यवस्था होती थी, तब मरीज डॉक्टर के पास पहुंच पाता था। जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों तक से गुहार लगा चुके हैं पर समस्या जस की तस बनी थी। आश्वासन तो सभी देते थे, लेकिन आज तक पुल बनावाने के लिए कोई कदम नहीं उठा। पुल पर से आवागमन शीघ्र शुरू हो जाएगा। काम अंतिम चरण में है। लेंटर बांधा जा चुका है। आज ढलाई की जाएगी।
विदित हो कि 2015 विधानसभा और 2019 लोकसभा चुनाव में पुल नहीं तो वोट नहीं को लेकर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार भी किया था। इसके बाद भी किसी जनप्रतिनिधि ने समस्या का समाधान नहीं किया। इस वर्ष अच्छी बारिश को देखते हुए ग्रामीणों ने श्रमदान कर पुल बनाकर वर्षों से चली आ रही समस्या का समाधान कर दिया।
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-15 दिन बाद पुल पर से आवागमन भी हो जाएगा शुरू
- 25 फीट लंबा है पुल
-10 फीट है पुल की चौड़ाई
-12 दिन से निर्माण कार्य जारी
-3.50 लाख आई लागत
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