गटर में साजो-सामान, नहीं है खेल का मैदान
राजकीय कन्या इंटर विद्यालय नवादा की छात्राओं के बीच पेयजल की समस्या है।
राजकीय कन्या इंटर विद्यालय नवादा की छात्राओं के बीच पेयजल की समस्या है। पानी की सुविधा के लिए यहां नल से सप्लाई का पानी ही एकमात्र साधन है। यहां का एक चापाकल महीनों से खराब है। तो पहाड़ी चापाकल लगाने के लिए शुरू हुई कवायद महीनों से आधा अधूरा है। छात्राओं का कहना है शुद्ध पेयजल के लिए विद्यालय में आरओ जैसी व्यवस्था होनी चाहिए। बिजली जैसी सुविधाएं विद्यालय तक पहुंची हैं। लेकिन अब भी यहां के अनेक वर्ग में पंखा नहीं लगा है। विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य बैजंती कुमारी ने बताया कि इंटर की कक्षाओं के लिए बने नए भवन में अब तक वाय¨रग नहीं हुई है। इसे लेकर दिक्कत है। परीक्षा के समय में तार खींचकर लाइन दिया जाता है। विद्यालय में नौवीं से इंटर तक की पढ़ाई की व्यवस्था है। यहां कुल 919 छात्राएं नामांकित हैं। इनमें माध्यमिक कक्षा में 560 छात्राएं नामांकित हैं। जबकि इंटर की कक्षाओं में 359 छात्राएं नामांकित हैं। शौचालय जैसी सुविधा की बात करें तो यहां 6 शौचालय हैं। पुरुष शिक्षकों के लिए शौचालय की सुविधा मुकम्मल नहीं दिखती। 1960 के दशक में बने विद्यालय के कई कमरे जर्जर
-राजकीय कन्या इंटर विद्यालय, नवादा की स्थापना 1960 के दशक में हुई। तब से इस स्कूल में कई विकास के काम हुए। कई नए भवन भी बने। बावजूद विद्यालय के कई पुराने कमरे आज जर्जर हाल में हैं। कार्यालय उपयोग में लाए जा रहे 4 कमरे खस्ताहाल हैं। इनकी जगह नए भवन के निर्माण की जरूरत है।
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खेल मैदान नहीं होने से छात्राओं में मायूसी
- किसी भी विद्यालय में खेल मैदान वहां की खूबसूरती में चार चांद लगाती है। इस मामले में राजकीय कन्या इंटर विद्यालय फिसड्डी है। यहां के शिक्षक से लेकर छात्राएं सभी को यह कमी खलती है। विद्यालय शिक्षिकाओं ने बताया कि यहां खेल के कई सामान उपलब्ध हैं। बैडबॉल से लेकर फुटबॉल आदि सभी हैं। लेकिन खेलने के लिए मैदान ही नहीं है। यहां जिम के लिए सामग्री भी उपलब्ध है। लेकिन इसके लिए पर्याप्त जगह नहीं है।
अन्य विद्यालय की तुलना में सुसज्जित है लैबरूम
-जिले के अनेक सरकारी विद्यालयों में जहां विज्ञान प्रयोगशाला व पुस्तकालय की स्थिति खराब दिखती है। वहीं राजकीय कन्या इंटर विद्यालय इस मामले में बहुत ही सुंदर दिखता है। यहां व्यवस्थित रूप में छात्राएं हर दिन अपने विज्ञान के विषयों में प्रैक्टिल करती हैं। कमी जो दिखती है वह है जगह की। एक ही कमरे में 9वीं से लेकर 12वीं तक की छात्राएं बारी-बारी से प्रैक्टिकल करती है। विद्यालय में कंप्यूटर भी हाल ही में उपलब्ध कराया गया है। लेकिन रेगुलर शिक्षक नहीं रहने से परेशानी है।
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क्या कहती हैं छात्राएं
विद्यालय में पेयजल की व्यवस्था अच्छी नहीं है। चापाकल भी खराब है। हमारे विद्यालय में आरओ लगना चाहिए।
सलोनी कुमारी, छात्रा (फोटो: 15)
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खेल का मैदान नहीं रहने से खेलकूद की गतिविधियों में काफी परेशानी होती है। इस बारे में सरकार को ध्यान देना चाहिए।
आरती कुमारी, छात्रा (फोटो: 16)
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शौचालय की सुविधा है। लेकिन पानी की सुविधा ठीक नहीं है। विद्यालय के कई कमरों में पंखा भी नहीं लगा है।
कुमारी मुस्कान, छात्रा (फोटो: 17)
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विद्यालय में नियमित रूप से कक्षाएं संचालित होती हैं। खेल मैदान उपलब्ध हो जाए तो काफी लाभ होगा।
शिवानी कुमारी, छात्रा (फोटो: 18) प्रैक्टिकल की बहुत ही अच्छी व्यवस्था है। एक ही कमरे में हर तरह के उपकरण लगे हुए हैं। शिक्षक प्रैक्टिकल कराते हैं।
अर्पिता कुमारी, छात्रा (फोटो: 26) विद्यालय में हर तरह की सुविधा है। जो नहीं है वह खेल मैदान की । यह सुविधा हमारे भी विद्यालय में होनी चाहिए।
अनुराधा कुमारी, छात्रा (फोटो: 27) क्या कहते हैं शिक्षक विद्यालय में पेयजल की थोड़ी दिक्कत है। सप्लाई के सहारे ही पानी मिलता है। एक पहाड़ी चापाकल जो गाड़ा जाना था वह अब तक नहीं पूरा हो सका है।
कुमारी नीलम, विज्ञान शिक्षक (फोटो: 20) विद्यालय में खेलकूद का मैदान होना चाहिए। विद्यालय के मुख्य गेट के पास जो खाली जमीन है यदि वह विद्यालय को उपलब्ध करा दिया जाए तो यह सुविधा मिल सकती है।
प्रदीप पासवान, सामाजिक विज्ञान शिक्षक (फोटो: 21)
हमारे विद्यालय की एक खासियत यह है कि यहां की छात्राएं पाठयक्रम के अलावा संगीत में भी रुचि रखती हैं। इन्हें हारमोनियम, तबला वादन का भी ज्ञान दिया जाता है।
रविशंकर कुमार, संगीत शिक्षक (फोटो: 22) क्या कहती हैं ¨प्रसिपल
विद्यालय में पुराने भवन की जगह नई भवन बननी जरूरी है। यहां कुछ वर्गकक्ष के लिए भी भवन और होना चाहिए। यहां पानी की थोड़ी दिक्कत है। इस बारे में विभाग को जानकारी दी गई है। विद्यालय में खेलकूद के लिए एक मैदान भी होना चाहिए। नए इंटर भवन में बिजली की वाय¨रग अब तक नहीं हो सकी है। विद्यालय में सभी कक्षाएं नियमित रूप से संचालित होती है। प्रैक्टिकल की कक्षाएं भी होती हैं। विद्यालय के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत हूं।
बैजंती कुमारी, प्रभारी ¨प्रसिपल, राजकीय कन्या इंटर विद्यालय नवादा। (फोटो: 19)