होम गार्ड जवान सहित चार को आजीवन करावास
हत्या के एक मामले में एक ही परिवार के चार सदस्यों को आजीवन कारावास तथा अर्थ दंड की सजा सुनाई गई।
नवादा। हत्या के एक मामले में एक ही परिवार के चार सदस्यों को आजीवन कारावास तथा अर्थ दंड की सजा सुनाई गई। सजा पाने में एक होम गार्ड का जवान भी है शामिल है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश रूद्र प्रकाश मिश्र ने यह सजा शनिवार को मेसकौर थाना क्षेत्र के बेलवान गांव निवासी होमगार्ड जवान कृष्णा चौहान, छोटन चौहान, तुलसी चौहान तथा बुटा चौहान को सुनाई। मामला सिरदला ( मेसकौर ) थाना कांड संख्या-13/09 से जुड़ा है।
अपर लोक अभियोजक राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि घटना 31 जनवरी 09 की सुबह 6 बजे की है। उसी गांव निवासी लखन चौहान का पुत्र राज कुमार चौहान शौच के लिए गांव स्थित नंद निबिया आहर गया था। जबकि उसके पिता लखन मसूर का फसल देखने के लिए उसी ओर निकले थे। बधार में हल्ला सुनने पर लखन चौहान आहर के ¨पड पर गए तो देखा कि उसके पुत्र जहां राजकुमार के गला में माफलर बांधकर आरोपित तुलसी चौहान व उसका पुत्र बुटा चौहान घसीट रहा था और आरोपित कृष्णा चौहान व छोटू चौहान उसका पैर पकड़ कर खींच कर पहाड़ी की ओर ले जा रहा था। लखन चौहान के वहां पहुंचने पर सभी आरोपित राज कुमार को बेहोशी की हालत में छोड़ कर फरार हो गए। जिसे इलाज के लिए मंझवे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए। वहां से सदर अस्पताल नवादा लाया गया। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
घटना के बाद मृतक पुत्र के पिता के बयान पर कांड अंकित किया गया। जिसमें घटना में शामिल चार लोगों को अभियुक्त बनाया गया। अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने दारा चौहान तथा सुरेन्द्र चौहान को भी अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया, जिसका अनुसंधान जारी है। पुलिस द्वारा चिन्हित गवाहों का बयान अपर लोक अभियोजक ने अदालत में दर्ज कराया। गवाहों के बयान के आधार पर न्यायाधीष ने चारों आरोपितों को भादवि की धारा 302/149 के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा प्रत्येक आरोपितों को 20-20 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा भी सुनाई गई। अर्थदंड की राशि मृतक की पत्नी सुनीता को देने का आदेश दिया गया है। अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर एक वर्ष का साधारण कारावास की अतिरिक्त सजा सुनाई गई।
इसके पूर्व सजा के बिन्दु पर बहस करते हुए अपर लोक अभियोजक राजेश कुमार सिन्हा ने अधिक से अधिक सजा देने की अपील न्यायालय से की। वहीं सूचक के अधिवक्ता सुखदेव चौहान ने काठोर से कठोर सजा देने का अनुरोध करते हुए आर्थिक दंड दिए जाने का भी अनुरोध किया। जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता उदय ¨सह ने कहा कि सभी आरोपितों का पूर्व में कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है। इसलिए कम से कम सजा देने का निवेदन किया। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने उक्त सजा सुनाई।
न्यायालय पर है अस्था
- सजा सुनने के बाद होम गार्ड जवान कृष्णा चौहान ने कहा कि इस घटना में वह शामिल नहीं था। रंजिश के कारण उसका नाम दे दिया गया। घटना के दिन वह ड्यूटी समाप्त कर घर आया था। वर्तमान में वह सीतामढ़ी थाना क्षेत्र में पदस्थापित था। उसका कोई अपराधिक चरित्र नहीं रहा है। न्यायालय पर आस्था जताते हुए उच्च न्यायालय में अपील करने की बात कही।