मौसम की बेरुखी से किसान बेचैन
पूस महीने का एक पखवारा गुजर जाने के बाबजूद पर्याप्त ठंड नहीं पड़ने से किसानों में बेचैनी हैं।
पूस महीने का एक पखवारा गुजर जाने के बाबजूद पर्याप्त ठंड नहीं पड़ने से किसानों में बेचैनी देखी जा रही है। कनकनी के आभाव में खेत में लगे गेहूं, चना, मसूर, मटर आदि रबी फसलों की समुचित वृद्धि एवं विकास नहीं हो पा रहा है। सबसे बुरी गत धान के खेतों में बगैर जुताई के बोई गई दलहनी फसलों की है जो पर्याप्त नमी के आभाव में मृतप्राय हो चला है। विगत कई महीनों से बारिश नहीं होने के कारण किसान खेतों में नमी की कमी की समस्या झेल रहे हैं। अब पूस के महीने में मौसम की बेरुखी से किसानों का धैर्य टूट रहा है। खेत की जुताई, खाद, बीज,कीटनाशक व ¨सचाई में घर की पूंजी लगा चुके किसानों के समक्ष ठंड की कमी से ़खराब होते रबी फसलों को बचाने का कोई उपाय नहीं है। फाल्गुन महीना शुरू होते ही शुष्क पछुआ हवा चलने से रबी फसल बगैर दाने विकसित हुए पकना शुरू कर देते हैं। ऐसे में महज डेढ़ माह के भीतर रबी फसलों के पौधे विपरीत मौसम में कितना विकसित होंगे सहज अनुमान लगाया जा सकता है। लिहाजा, रबी फसल की कम पैदावार से सशंकित किसानों में बेचैनी झलक रही है।