हर वर्ष वाहनों के फिटनेस लेने की बाध्यता से मिली मुक्ति
जिले के व्यावसायिक वाहन मालिकों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें अपने वाहनों के लिए प्रति वर्ष फिटनेस लेने की बाध्यता से मुक्ति मिल गई है।
जिले के व्यावसायिक वाहन मालिकों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें अपने वाहनों के लिए प्रति वर्ष फिटनेस लेने की बाध्यता से मुक्ति मिल गई है। नए नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। नए प्रावधान के अनुसार अब आठ वर्षों तक कॉमर्शियल वाहनों को वार्षिक फिटनेस जांच से राहत मिल गई है। अब वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र दो वर्ष के लिए मान्य रहेगा। पूर्व के नियमों के अनुसार नए या फिर पुराने वाहनों को दो वर्ष के बाद प्रतिवर्ष फिटनेस प्रमाण पत्र लेना आवश्यक होता था। अब नए वाहनों के पंजीकरण के समय दो वर्ष के लिए वाहन को परिचालन के योग्य माना जाएगा।
नए वाहनों को पहला फिटनेस दो वर्षों के बाद पुन: दो वर्षों के लिए दिया जाएगा। वाहनों के पंजीकरण की तिथि से दो वर्षों के लिए उसे परिचालन के लिए योग्य माना जाएगा। यह प्रक्रिया तबतक चलती रहेगी जबतक वाहन की आयु आठ वर्ष न हो जाए। आठ वर्ष के बाद ऐसे वाहनों को पुन: प्रतिवर्ष फिटनेस प्रमाण पत्र लेना होगा। ऐसे में अब वाहन मालिकों को प्रतिवर्ष परिवहन कार्यालय का चक्कर लगाने से मुक्ति मिल गई है। इस बावत जिला परिवहन पदाधिकारी ब्रजेश कुमार ने बताया कि नए नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। अब इसका लाभ वाहन मालिकों को मिलना शुरू हो गया है।