ठनका गिरने से केजी रेलखंड पर चार घंटे परिचालन ठप
किउल-गया रेलखंड पर शुक्रवार को चार घंटे से ज्यादा समय तक ट्रेनों का परिचालन ठप रहा। दोपहर एक बजे के करीब तिलैया गेट के समीप ठनका गिरने से ओएचई(ओवर हेड इलेक्ट्रिक) वायर टूटकर गिरने के कारण यह स्थिति बनी।
किउल-गया रेलखंड पर शुक्रवार को चार घंटे से ज्यादा समय तक ट्रेनों का परिचालन ठप रहा। दोपहर एक बजे के करीब तिलैया गेट के समीप ठनका गिरने से ओएचई(ओवर हेड इलेक्ट्रिक) वायर टूटकर गिरने के कारण यह स्थिति बनी। ऐसे में कावंरियों अन्य यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। शाम पांच बजे के बाद टूटे तार को दुरुस्त किया जा सका। तब जाकर ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ। इस दौरान रेलखंड पर परिचालित ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी रही।
बताया जाता है कि दोपहर में बारिश के दौरान ठनका तिलैया जंक्शन गेट के समीप विद्युत प्रवाहित तार पर गिर पड़ा। जिसके बाद किउल-गया रूट पर ट्रेनों का परिचाल ठप हो गया। जानकारी के बाद रेल प्रशासन हरकत में आया और टूटे तार की मरम्मत कराने में जुट गए। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद टूटे तार को दुरुस्त किया गया। यातायात निरीक्षक एके सुमन ने बताया कि करीब चार घंटे ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ।
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जहां-तहां खड़ी रही ट्रेनें
-तार टूटने के बाद 13023 गया-हावड़ा एक्सप्रेस करजरा स्टेशन पर, 53615 जमालपुर-गया फास्ट पैसेंजर काशीचक स्टेशन पर घंटों खड़ी रही। गया-हावड़ा अपने निर्धारित समय 1:20 बजे की बजाय शाम में 5:56 बजे नवादा स्टेशन पर पहुंची। वहीं, जमालपुर-गया फास्ट पैसेंजर 11:45 की बजाय 4:48 बजे पहुंची। अन्य कई ट्रेनें किउल व गया से निर्धारित समय से नहीं खुल सकी।
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यात्रियों को हुई परेशानी
- ट्रेनों का परिचालन बाधित होने से यात्रियों को काफी परेशानी हुई। खासकर कांवरियों की परेशानी बढ़ी रही। नवादा स्टेशन पर सुल्तानगंज तक जाने के लिए गया-हावड़ा एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे नहर पर के राजेंद्र प्रसाद, बहेड़ा की रीता देवी, महेंद्र कुमार, नरेश कुमार आदि ने बताया कि चार घंटे से ट्रेन के इंतजार में बैठे उब गए हैं। कोलकाता जाने के लिए इसी ट्रेन का इंतजार कर रहे मो. शौकत अली, जुलेखा खातून आदि भी काफी परेशान दिखे।
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छूट गए सैकड़ों कांवरिया
-निर्धारित समय से करीब साढ़े चार घंटे विलंब से पहुंची गया-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन पर पहले से ही क्षमता से अधिक कांवरिया सवार थे। रिजर्व कोच से लेकर ट्रेन के इंजन तक यात्री चढ़े हुए थे। आरपीएफ जवानों ने इंजन से यात्रियों को उतारा। तब जाकर ट्रेन आगे बढ़ी। इस दौरान सैकड़ों कांवरिया ट्रेन में चढ़ने से वंचित रह गए। दरअसल दूसरी सोमवारी को जलाभिषेक करने को लेकर कांवरियों की भीड़ अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा थी।
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