फुलवरिया जलाशय से 168 किमी तय कर लोगों के घरों तक पहुंचेगा पीने का पानी
रजौली में शुरू होने जा रही बहुप्रतिष्ठित पेयजल योजना वाटर ट्रीटमेंट प्लान अपनी कामयाबी के राह पर अग्रसर है। गुरुवार को जलाशय से पानी को लाने का एक और ट्रायल किया गया।
नवादा । रजौली में शुरू होने जा रही बहुप्रतिष्ठित पेयजल योजना वाटर ट्रीटमेंट प्लान अपनी कामयाबी के राह पर अग्रसर है। गुरुवार को जलाशय से पानी को लाने का एक और ट्रायल किया गया। फुलवरिया जलाशय से पानी को रिसेटलिग टैंक तक लाया गया। इस दौरान जिदल कंपनी के सीईओ रिषभ सेठी, उपाध्यक्ष सुनील दयाल, डीएम कौशल कुमार, पीएचईडी के एक्सक्यूटिव चंदेश्वर राम व विभाग के अन्य अभियता उपस्थित थे। विभागीय जानकारी के मुताबिक फुलवरिया जलाशय से ग्रामीणों के घरों तक पानी को पहुंचने में 168 किमी. की तय करनी होगी। जलाशय से स्प्रीक्लिग टैंक तक पानी को आने में 2 किमी. लगेंगे। इसके बाद 6 टावर में पानी भरने में कुल 22 किमी. लगेंगे। यहां से क्लियर पाइप के जरिए टावर से गांव तक पानी वितरण प्रणाली को तय करने में 145 किमी. का रास्ता तय करना होगा। इतनी दूर से पानी को पहुंचने में जलाशय के पानी को कई टैंकों से होकर गुजरना पड़ेगा। पानी को शुद्ध करने के लिए इसमें ऑक्सीजन हवा भी मिलाई जाएगी।
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अभी 12 गांवों के 12 सौ घरों तक पानी पहुंचाने की कोशिश में जुटा है विभाग
सीएम नीतीश कुमार की रजौली यात्रा को लेकर इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को चालू कराने के काम में दिन-रात तेजी देखी जा रही है। देर शाम तक विभागीय कर्मी इसमें लगे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक 15 दिसंबर को एक और ट्रायल रन किया जाएगा। जिसमें पानी को शुद्धिकरण करते हुए ग्रामीणों के घरों में लगे नल तक पहुंचाया जाएगा। शुरूआती तौर पर जोगियामारन पंचायत के 9 गांव व रजौली पश्चिमी इलाके के 3 गांवों कुल मिलाकर 12 गांवों के करीब 12 सौ घरों तक पानी पहुंचाया जाएगा। इसके बाद निरंतर काम लगा रहेगा। शेष अन्य गांव व टोलों में भी पानी जल्द पहुंचना शुरू हो जाएगा। योजना के अनुसार इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से इलाके के 90 गांवो की कुल 8 हजार 775 घरों तक शुद्ध पानी पहुंचाना है। विश्व बैंक के सहयोग से पूरी होने जा रही इस योजना पर कुल लागत 109 करोड़ रुपये है।
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किन-किन उपकरणों से होकर गुजरेगा पानी
फुलवरिया जलाशय से प्री सेटलिक टैंक-एइरेटर-स्लोकुलेटर-ग्रेविटी सैंड फिल्टर से अंडर ग्राउंड टैंक तक। यहां से मास्टर ईएसआर। इसके बाद जोनल ईएसआर होते हुए वितरण प्रणाली के रास्ते ग्रामीणों के घर में लगे नल तक पानी पहुंचेगा।
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ग्राफिक्स:
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की पूरी योजना
-योजना की लागत राशि: 109 करोड़
मेंटेनेंस- 5 साल तक
जलाशय से पानी की दूरी-
जलाशय से स्प्रींक्लिग टैंक तक- 2 किमी.
6 टावर को भरने में दूरी- 22 किमी.
टावर से गांव तक पानी का वितरण प्रणाली दूरी- 145 किमी.
शुद्ध पानी से लाभांवित होने वाली लक्षित आबादी: 52 हजार
कुल गांव-टोला: 90
लाभांवित होने वाले घरों की संख्या: 8 हजार 775