अगलगी के शिकार परिवारों को आपदा प्रबंधन देगा क्षतिपूर्ति
गर्मी का मौसम परवान पर है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र अगलगी की घटना स्वभाविक है।
गर्मी का मौसम परवान पर है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र, अगलगी की घटना स्वभाविक है। आए दिन कहीं न कहीं अगलगी की घटना हो रही है। अगलगी कि घटना होने पर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा लोगों को नुकसान के हिसाब से क्षतिपूर्ति किया जाता है। लेकिन अपेक्षित लाभ पीड़ित परिवार नहीं उठा पाते हैं। इस मामले में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में जागरुकता की कमी है।
कच्चा मकान वाले लोग हो या पक्के मकान वाले। राज्य सरकार कुछ ना कुछ क्षतिपूर्ति की राशि सब को उपलब्ध कराती है। सीओ संजय झा ने बताया कि अगलगी की घटना होने पर मकान समेत अन्य सामग्रियों के जल जाने की स्थिति में पीड़ित लोगों के समक्ष खाने के लाले पड़ जाने की स्थिति में सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति के तौर सम्मानजनक राशि देने का प्रावधान है। यह राशि प्रभावित घर वाले लोगों द्वारा सीओ के पास आवेदन देने के बाद उसकी जांच के उपरांत एसडीओ की स्वीकृति पर चेक के माध्यम से प्रभावित परिवार को राशि दी जाती है।
सीओ ने बताया कि अगलगी की घटना होने पर पीड़ित परिवार को 3 हजार रुपये नगद दिया जाता है। कच्चा मकान में आग लगने पर उसके रिपेयरिग के लिए 3200 रुपये, बर्तन नष्ट होने पर 2 हजार रुपये, कपड़ा जल जाने पर 1800 रुपये, एक बकरी या गाय का एक बछड़ा जल जाने पर 16 हजार रुपये, बैल के जलने पर 25 हजार रुपये, दुधारू गाय के जल कर मर जाने पर 30 हजार रुपये क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान है। जिन लोगों के पक्के मकान हैं और उनमें अगलगी होने पर वैसे परिवारों को 5200 रुपये नगद क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान है। सीओ ने कहा कि बिहार सरकार की जमीन पर जिन लोगों ने कब्जा कर मकान बना लिया है, या उनके मकान में किसी प्रकार की अगलगी की घटना होती है तो उन्हें कोई भी लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन अगर वह गरीब परिवार से हैं, निर्धन व असहाय है तो उन्हें आंशिक लाभ मिल सकता है। मामले की जांच कर उनका भुगतान किया जाएगा।
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