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नवरात्र की तैयारियों में जुटे श्रद्धालु, मां का आगमन हाथी पर

जिले में चैत्र मास का दूसरा पखवारा पूर्णत: धार्मिक होता है। हिन्दू मतावलम्बियों में लिये चैत्र का माह अति पवित्र माना जाता रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Mar 2018 06:32 PM (IST)Updated: Wed, 14 Mar 2018 06:32 PM (IST)
नवरात्र की तैयारियों में जुटे श्रद्धालु, मां का आगमन हाथी पर
नवरात्र की तैयारियों में जुटे श्रद्धालु, मां का आगमन हाथी पर

नवादा। जिले में चैत्र मास का दूसरा पखवारा पूर्णत: धार्मिक होता है। हिन्दू मतावलम्बियों में लिये चैत्र का माह अति पवित्र माना जाता रहा है। चैत्र शुक्ल पक्ष आरंभ होने के साथ नवरात्र आरंभ हो जाता है। इस क्रम में जगह-जगह दुर्गा व काली की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। इस वर्ष नवरात्रा 18 मार्च से आरंभ हो रहा है। समय नजदीक आते ही श्रद्धालु नवरात्र की तैयारियों में लग गए हैं। इस वर्ष नवरात्रा आठ दिनों का होगा तो मां का आगमन हाथी पर होगा। मां का आगमन हाथी पर होना शुभ माना गया है। हाथी पर आगमन अच्छी बारिश का द्योतक है। प्रस्थान भैसा पर होना अशुभ माना गया है। यानी कि रोग व महामारी फैलने की संभावना है।

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कलश स्थापना 11:36 बजे

- नवरात्र के लिए कलश स्थापना 18 मार्च को किया जाना है। सुबह 11 बजकर 36 मिनट से लेकर 12 बजकर 24 मिनट तक अभिजित मुहूर्त में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त माना गया है। कलश स्थापना के साथ ही आठ दिनों तक दुर्गा शप्तशति के मंत्रों से वातारण गुंजायमान होगा। इसके साथ ही चैती छठ की शुरूआत होगी।

निशा पूजा 24 व महाष्टमी 25 को

- इस बार निशा पूजा 24 मार्च को महाष्टमी 25 मार्च को मनाया जाण्गा। नवमी तथि के क्षय होने से इसी दिन सुबह 7 बजे के बाद श्रद्धालु नवमी का हवन करेंगे तो रामनवमी के अवसर पर मंदिरों व घरों में महावीरी पताका फहराया जाएगा। इसके साथ ही विभिन्न स्थानों पर रामनवमी जुलूस का आयोजन किया जाएगा। रामनवमी को ले मंदिरों की रंगाई पुताई का कार्य आरंभ किया गया है तो प्रशासन भी सुरक्षा को ले चौकसी बढ़ाने में लगी है।

21 मार्च से चैती छठ का होगा शुभारंभ

- सूर्योपासना का चर्तुदिवसीय महापर्व का शुभारंभ 21 मार्च को नहाय-खाय के साथ होगा। 22 मार्च को लोहंडा 23 मार्च को पहली अ‌र्घ्य व 24 मार्च को उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य निवेदन व प्रसाद वितरण के साथ छठ व्रत का समापन होगा। कुल मिलाकर जिले में मनाये जाने वाले चैती दुर्गा पूजा, छठ के साथ ही रामनवमी की तैयारियों में लग गये हैं। घरों से लेकर मंदिरों व गलियों की सफाई आरंभ कर दी गयी है तो अधिकांश षरों में वैष्णव धर्म का पालन करते हुए प्याज-लहसुन तक निषेध कर दिया गया है। नवरात्रा को ले मूर्ति निर्माण का कार्य किया जा रहा है।


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