श्रमिकों को प्रदत्त सुविधा उपलब्ध कराने की कसौटी पर खरा नहीं उतर रहा विभाग
भारत सरकार की श्रम अधिनयम कानून के प्रति विभाग अभिरुचि नहीं दिखा रही है। जिसके कारण जिल।
भारत सरकार की श्रम अधिनयम कानून के प्रति विभाग अभिरुचि नहीं दिखा रही है। जिसके कारण जिले के शत प्रतिशत कामगार मजदूरों को लाभ नहीं मिल पाया है। अबतक शत-प्रतिशत मजदूरों का निबंधन भी नहीं हो सका है। इस अधिनियम के तहत निबंधित कामगार मजदूरों के लिए सरकार द्वारा 13 योजनाएं चलाई जा रही है। लेकिन सभी मजदूरों का निबंधन नहीं होने से योजनाओं के लाभ से वंचित है। बता दें कि श्रम विभाग द्वारा कामगार मजदूरों के निबंधन के लिए प्रचार-प्रसार नहीं कराया जा रहा है। प्रचार-प्रसार के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले मजदूरों को इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
कर्मियों का है अभाव
- जिला श्रम विभाग कार्यालय में पदाधिकारियों के साथ कर्मियों का भी काफी अभाव है। सदर प्रखंड, कौआकोल, पकरीवरावां, सिरदला, नारदीगंज व मेसकौर प्रखंड में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी का पद रिक्त है। विभाग द्वारा एक पदाधिकारी को दो जगह का कामकाज की जिम्मेवारी सौंपी गई है। पदाधिकारियों व कर्मियों की वजह से भी कामकाज काफी प्रभावित हो रहा है।
कब से हुआ श्रम अधिनियम कानून
- केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 1996 में श्रम अधिनियम कानून लागू किया गया था। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा बिहार भवन सनिर्माण कर्मकार नियमावली वर्ष 2005 एवं संशोधन नियमावली को वर्ष 2016 में लागू किया गया। बिहार में पूर्णरूप से वर्ष 2016 से श्रम अधिनियम कानून को सख्ती से लागू किया गया। लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी मजदूरों को अधिनियम की पूर्ण जानकारी हासिल नहीं हो सकी है।
किन-किन मजदूरों का होना है निबंधन
- इस अधिनयम के तहत भवन एवं सड़क निर्माण, राज मिस्त्री, हेल्पर, बढ़ई, लोहार, पेंटर, बिजली मिस्त्री, गेट-ग्रिल एवं बे¨ल्डग, महिला कामगार मजदूरों का निबंधन करना है। इसके अलावा बांध, पुल, चौकीदार, रेलवे, टेलीफोन, हवाई अड्डा आदि निर्माण कार्य में लगे कामगार मजदूरों का निबंधन किया जाना है।
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निबंधन की क्या है प्रक्रिया
- इस अधिनयम के तहत कामगार मजदूरों को आवेदन के साथ तीन फोटो लगाना है। इसके अलावा आधार कार्ड एवं बैंक खाता की छायाप्रति संलग्न करना है। आवेदन में मजदूरों को अपना कार्य का विस्तार से जानकारी देना अनिवार्य है। निबंधन की अवधि पांच साल तक मान्य होगा। इसके बाद मजदूरों को निबंधन का नवीनीकरण कराना होगा।
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प्रत्येक पंचायत में 100 मजदूरों का होना है निबंधन
- इस अधिनयम के तहत जिले के प्रत्येक पंचायत में कम से कम 100 कामगार मजदूरों का निबंधन किया जाना है। इसके साथ ही अधिनियम के तहत मजदूरों को योजना का लाभ दिया जाना है।
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निबंधित मजदूरों को 13 योजनाओं का मिलेगा लाभ
- इस अधिनयम के तहत कामगार मजदूरों को सरकार की 13 योजनाओं का लाभ दिया जाना है। स्वाभाविक मृत्यु होने पर 1 लाख, दुर्घटना मृत्यु पर 4 लाख, बेटी की शादी पर 50 हजार रुपये, दिव्यांगता पेंशन प्रतिमाह 1 हजार, मातृत्व लाभ 10-10 हजार दो बच्चे के प्रसव तक दिया जाना है। इसके अलावा बच्चों की उच्च शिक्षा,स्वास्थ्य जांच, पेंशन योजना का लाभ समेत अन्य योजनाओं का लाभ दिया जाना है।
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अबतक 15 हजार मजदूरों को हुआ निबंधन
- इस अधिनियम के तहत श्रम विभाग कार्यालय नवादा में अबतक जिले के 15 हजार कामगार मजदूरों का निबंधन किया गया है। इसके साथ ही निबंधन के उपरांत 11 हजार मजदूरों को परिचय पत्र उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा योजनाओं से जोड़कर लाभ दिया जा रहा है। विभाग के अनुसार वर्ष 17 से नवम्बर 18 तक 7200 मजदूरों को इसके दायरे में लाया गया है। करीब 4 हजार मजदूरों को स्वास्थ्य लाभ के लिए 3-3 हजार रुपये दिए गए हैं।
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कहते हैं अधिकारी
- विभाग में पदाधिकारियों व कर्मियों का काफी अभाव है। जिले के सदर प्रखंड समेत छह प्रखंड में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी का पद रिक्त है। पदाधिकारियों की कमी वजह से एक पदाधिकारी को दो प्रखंड कार्य देखना पड़ रहा है। इसके कारण विभागीय कार्य प्रभावित हो रहा है। शत प्रतिशत मजदूरों का निबंधन कराने के लिए विभाग द्वारा हमेशा प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। जिले के मजदूर निबंधन कराने के प्रति जागरूक नहीं है। विभाग द्वारा प्रखंड व गांव स्तर पर शिविर लगाकर निबंधन का काम किया जा रहा है। विभाग द्वारा अबतक 15 हजार कामगार मजदूरों का निबंधन किया गया। इसके साथ ही 11 हजार मजदूरों को परिचय पत्र उपलब्ध कर दिया गया है। निबंधित मजदूरों को अधिनियम के तहत योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। जिले के हरएक मजदूरों का निबंधन कराने के लिए जगह-जगह शिविर लगाया जा रहा है।
अमरेंद्र नारायण, श्रम अधीक्षक, नवादा।