Move to Jagran APP

विद्यालय जाने के लिए दरिया पार करने की मजबूरी

- डोहड़ा गांव के समीप पंचाने नदी पर नहीं है पुल --------------------- - स्कूली बचों के साथ ही आमलोगों को भी होती है परेशानी ----------------- फोटो-03 -------------------- संसू नारदीगंज

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 12:55 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 06:09 AM (IST)
विद्यालय जाने के लिए दरिया पार करने की मजबूरी
विद्यालय जाने के लिए दरिया पार करने की मजबूरी

प्रखंड के डोहड़ा गांव में स्थित गायत्री-युगल इंटर विद्यालय में पढ़ाई करना बच्चों के लिए आसान नहीं है। बरसात के चार -पांच माह तो उनकी परेशानी बढ़ी रहती है। स्कूल के पास से गुजरने वाली पंचाने नदी पर पुल नहीं होना समस्या की मुख्य वजह है। बरसात का मौसम शुरू होते ही बच्चे या तो स्कूल नहीं जा पाते हैं या फिर जान जोखिम में डालकर पहुंच पाते हैं। परेशानी सिर्फ बच्चों को ही नहीं आम ग्रामीणों को भी हो रही है। लेकिन शासन-प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है।

loksabha election banner

डोहरा गांव ग्रामीण संपर्क पथ से जुड़ा हुआ है। बोधगया-राजगीर राजमार्ग 82 पर वनगंगा के समीप से डोहरा गांव तक जाने के लिए संपर्क पथ है। गांव से दक्षिण पंचाने नदी बहती है। स्कूल नदी के उसपार स्थित है। बरसाती नदी होने के कारण साल के चार-पांच माह तक नदी में पानी का प्रवाह होता है। नदी में जून-जुलाई से पानी का प्रवाह शुरू होता है तब नदी पार कर स्कूल जाना बच्चों के लिए परेशानी का पैदा करता है। कमोवेश शिक्षकों को भी इसी प्रकार की समस्या से दो चार होना पड़ता है।

----------------------

कई गांवों के बच्चें आते हैं स्कूल

- इस गांव में आसपास के दर्जन भर गांवों के बच्चे पढ़ने आते हैं। नदी के उत्तरी इलाके के गांवों डोहड़ा, चोरमा, सांगोवर, मधुवन, मोर्तनाजे, मुजफ्फरनगर, वनगंगा आदि गांवों के बच्चों को बरसात के दिनों में स्कूल जाने में परेशानी होती है। विद्यार्थियों के अलावा कार्यरत शिक्षक भी नदी में पानी रहने पर जान जोखिम डालकर विद्यालय पहुंचते हैं। विद्यालय में करीब 320 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। 12 शिक्षक, एक आदेशपाल के साथ एक लिपिक स्कूल में पदस्थापित हैं। पुल का निर्माण नहीं होने से विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी से स्पष्ट तौर पर स्थानीय लोगों में देखी जा रही है।

----------------------------

ग्रामीणों को भी होती है परेशानी

- एक ओर जहां नदी के उत्तरी छोर पर बसे गांवों के बच्चे को स्कूल जाने में परेशानी होती है तो दूसरी ओर नदी के दक्षिणी छोर पर स्थित हिरामन बिगहा, वरियो, बलवापर, बुच्ची, आंगे आदि गांवों के आम लोगों को बरसात के दिनों में प्रखंड मुख्यालय बाजार नारदीगंज आने-जाने में खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

----------------------------

पुल निर्माण से दो राजमार्गों का होता जुड़ाव

- डोहरा गांव के पास पंचाने नदी पर पुल का निर्माण होने से नदी के दोनों छोर पर स्थिति गांवों के लोगों को तो फायदा होगा ही संपर्क पथ का जुड़ाव दो राजमार्गों राजगीर बोधगया राजमार्ग 82 और पटना-रांची राजमार्ग 31 से भी हो जाता।

--------------------------

किसानों की समस्या का भी होता निदान

- नदी के दक्षिणी इलाके के गांवों में बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती होती है। लेकिन बरसात के दौरान चार-पांच माह तक आवागमन की सुविधा ग्रामीणों को नहीं मिल पाती है। ऐसे में किसानों का उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंच पाता है। जिससे उन्हें काफी नुकसान होता है।

--------------------

क्या कहते है ग्रामीण

- इस स्थल पर पुल निर्माण के लिए सांसद से विधायक तक को अवगत कराया गया। लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। नदी पार करने के क्रम में प्रतिवर्ष एक-दो लोग असमय काल कलवित भी हो रहे हैं।

मनोज कुमार यादव,डोहड़ा। फोटो-10

-------------------

- इस नदी पर पुल का निर्माण होने से स्थानीय लोगों को आवागमन में असुविधा हो रही है। सरकार को इस स्थल पर पुल का निर्माण आवश्यकरूप से करा देना चाहिए।

-सरिता देवी, डोहड़ा। फोटो-11

-----------------------

- आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो पाया है, ग्रामीणों की आंखें भी पथरा गई है,अगर यही स्थिति रही तो इलाके के लोग चुनाव में अपना वोट का वहिष्कार भी करने का मन बना रहे हैं।

-ललित यादव, डोहड़ा। फोटो-09

--------------------

- नदी के दक्षिणी किनारे बसे गांव के किसान सब्जी उत्पादन कर अपनी जीविकापार्जन करते हैं, पुल नहीं होने से किसानों के उत्पादित सब्जी व फसल मंडी तक नहीं पहुंच पाती है, जिससे आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ रही है।

-कमलेश कुमार कुशवाहा, हिरामनबिगहा। फोटो-08

--------------------

- विद्यालय में पढ़ने जाने के लिए बरसात के दिनों में नदी पार करना पड़ता है। विद्यालय आने-जाने में काफी परेशानी होती है, पुल का निर्माण होने से समस्या से निजात मिल जाती।

-सन्नू कुमारी छात्रा,नवम कक्षा। फोटो-06

--------------------

- सरकार विद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए कल्याणकारी योजना का लाभ दे रही है,लेकिन नदी में पुल का निर्माण नहीं होने से हमलोगों की पढ़ाई पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।

-सुमन कुमारी,छात्रा,नवम कक्षा। फोटो-07

--------------------

- बरसात के दिनों में नदी में पानी रहता है, स्थिति काफी भयावह बनी रहती है,नदी पार करने का कोई रास्ता भी नहीं है, ऐसे में पढ़ाई छूट जाती है।

-प्रिया कुमारी,छात्रा,नवम कक्षा। फोटो-05

---------------------

-पढ़ने का ललक रहने के बाद भी बरसात के दिनों में नदी को पार कर स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है, इस स्थिति में घर पर बैठकर पढ़ना मजबूरी बना रहता है, सरकार को हमलोगों की समस्या का समाधान करना चाहिए।

-जूली कुमारी,छात्र,नवम कक्षा। फोटो-04

---------------------

- नदी पर पुल होने से विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों, छात्रों के अलावा स्थानीय ग्रामीणों को आवगमन में सुविधा मिल जाती। विद्यालय में पठन-पाठन प्रभावित नहीं होता। नदी पर पुल निर्माण आवश्यक है।

-राजेश कुमार,प्रभारी प्राचार्य,गायत्री युगल इंटर विद्यालय डोहड़ा। फोटो-12

-----------------------

क्या कहते हैं अधिकारी

- पुल निर्माण के लिए विभागीय अधिकारी को अवगत कराया जाएगा, ताकि स्कूली बच्चों व ग्रामीणों की परेशानी दूर हो सके।

-राजीव रंजन,बीडीओ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.