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जर्जर हो चुके स्कूल भवन में पढ़ने से घबराते हैं बच्चे

सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकारी स्तर पर शिक्षा में सुधार लाने के लिए प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 06:24 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 06:24 PM (IST)
जर्जर हो चुके स्कूल भवन में पढ़ने से घबराते हैं बच्चे
जर्जर हो चुके स्कूल भवन में पढ़ने से घबराते हैं बच्चे

सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकारी स्तर पर शिक्षा में सुधार लाने के लिए प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। शहर से लेकर गांव तक विद्यालयों का भवन निर्माण कराया जा रहा है। साथ ही विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। बावजूद सरकारी विद्यालय की व्यवस्था में सुधार होने का नाम नहीं ले रहा है। जिला मुख्यालय स्थित न्यू एरिया प्राथमिक विद्यालय दो का भवन काफी जर्जर हो चुका है। इस विद्यालय का संचालन मात्र दो कमरे में हो रहा है। सरकारी स्तर पर करीब 20 साल पूर्व विद्यालय भवन का निर्माण कराया गया था। लेकिन भवन की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है। विद्यालय के दोनों कमरे में बैठकर बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। जिसका छत का प्लास्टर टूटकर गिरता रहता है। जिसके कारण बच्चे काफी भयभीत रहते हैं और हमेशा दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। विद्यालय में शौचालय की व्यवस्था है। बरामदा पर रहने के कारण बाहर के लोग इसका उपयोग करते हैं। शौचालय का दरवाजा व कुंडी को भी उखाड़ दिया गया है। शौचालय में गंदगी का अंबार लगा है। स्कूली बच्चों को शौच त्याग के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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वर्ष 1978 में हुई थी स्थापना

- इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 1978 में हुई थी। भवन के अभाव में विद्यालय का संचालन न्यू एरिया मोहल्ला में कई स्थानों पर किया गया। करीब 20 साल पूर्व विभाग की ओर से भवन का निर्माण कराया गया। लेकिन भवन की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है।

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130 बच्चों का है नामांकन

- इस विद्यालय में 130 बच्चों का नामांकन है। जिसे विभाग की ओर से छात्रवृति,पोशाक व एमडीएम योजना का लाभ दिया जा रहा है।इसके अलावा बच्चों को मुफ्त किताब उपलब्ध कराया जा रहा है।

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चार शिक्षक है पदस्थापित

- इस विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के लिए चार शिक्षक पदस्थापित हैं। जिसमें एक प्रधानाध्यापक व तीन सहायक शिक्षक हैं। लेकिन भवन की स्थिति जर्जर रहने के कारण शिक्षकों को काफी परेशानी होती है। शिक्षकों को भी दुर्घटना होने का भय सताता रहता है।

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कहते हैं स्कूली बच्चे

- भवन की स्थिति काफी जर्जर है। कमरे का छत का प्लास्टर टूटकर कर गिरता रहता है। कमरे में बैठकर पढ़ाई करने में परेशानी होती है। दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।

पूनम कुमारी,छात्रा।फोटो-19.

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- विद्यालय परिसर में बना शौचालय का उपयोग बाहर के लोग करते हैं। शौचालय का दरवाजा व कुंडी को उखाड़ दिया गया है। गंदगी का अंबार लगा है। शौच त्याग के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।

अंजली कुमारी,छात्रा।फोटो-20.

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- कमरे में बैठकर पढ़ाई करने में परेशानी होती है। छत का प्लास्टर टूटकर गिरता रहता है। बच्चों को हमेशा दुर्घटना होने का भय बना रहता है। विद्यालय भवन की मरम्मत कराने पर अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।

छोटू कुमार,छात्र।फोटो-21.

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- विद्यालय भवन की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है। कमरे में बैठकर पढ़ाई करने में परेशानी होती है। भवन निर्माण को लेकर विभागीय अधिकारियों को पहल करनी चाहिए।

सागर कुमार,छात्र।फोटो-22

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कहते हैं शिक्षक

- विद्यालय की स्थापना वर्ष 1978 में हुई थी। भवन के अभाव में तत्कालीन प्रधानाध्यापक द्वारा न्यू एरिया के कई स्थानों विद्यालय का संचालन किया गया। करीब 20 साल पहले विभाग की ओर विद्यालय का भवन निर्माण कराया गया। लेकिन भवन की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है। कमरे का छत का प्लास्टर टूटकर गिरता रहता है। बच्चों को पठन-पाठन में काफी परेशानी होती है। हमेशा दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। विद्यालय बंद होने के बाद शौचालय का उपयोग बाहर के लोग करते हैं। शौचालय का दरवाजा व कुंडी को उखाड़ दिया गया है। गंदगी का अंबार लगा है। बच्चों के साथ शिक्षकों को भी काफी परेशानी होती है। प्रधानाध्यापक द्वारा विभागीय अधिकारी को समस्या से अवगत कराया गया है। लेकिन मामला जस का तस है।

निर्मला सिन्हा,सहायक शिक्षिका।फोटो-23.

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- जर्जर भवन में बच्चों को पढ़ाने में काफी कठिनाई होती है। दुर्घटना होने का भय सताता रहता है। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हालांकि प्रधानाध्यापक द्वारा भवन की मरम्मत कराने के लिए पत्र लिखा गया है। लेकिन अभीतक समस्या का समाधान नहीं हो सका है। अधिकारियों को इसपर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

इंदु सिन्हा,सहायक शिक्षिका।फोटो-24.


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