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घर में शौचालय नहीं बनाया तो चली जाएगी रसोईयों की नौकरी

नवादा। मध्याह्न भोजन योजना के तहत विभिन्न स्कूलों में कार्यरत रसोईयों के घर में शौचालय होना अनिवार्य कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 07:29 PM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 07:29 PM (IST)
घर में शौचालय नहीं बनाया तो चली जाएगी रसोईयों की नौकरी
घर में शौचालय नहीं बनाया तो चली जाएगी रसोईयों की नौकरी

नवादा। मध्याह्न भोजन योजना के तहत विभिन्न स्कूलों में कार्यरत रसोईयों के घर में शौचालय होना अनिवार्य कर दिया गया है। घर में शौचालय नहीं रहने पर उनकी नौकरी चली जाएगी। इस बाबत मध्याह्न भोजन योजना बिहार पटना के निदेशक विनोद कुमार ¨सह ने पत्र जारी कर सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देश दिया है। उन्होंने 4 जुलाई को जारी अपने पत्र में कहा है कि स्वच्छता अभियान के तहत स्कूलों में कार्यरत रसोईयों के घरों को हर-हाल में शौचालय निर्माण को सुनिश्चित करने का कार्य 15 अगस्त तक पूरा कर लें। ऐसे में निर्धारित समय के अंदर जिन रसोईयों के घरों में शौचालय नहीं होगा, उनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। रसोईयों के घरों में शौचालय निर्माण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। क्योंकि निर्माण के बाद उसकी मध्याह्न भोजन की समपुष्टि के लिए बनाए गए। एमआइएस टैब में शौचालय की इंट्री करने का भी निर्देश दिया गया है।

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बता दें कि जिले के 1685 विद्यालयों में कुल 4735 रसोईया कार्यरत है। जिसमें सदर प्रखंड नवादा विभिन्न प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में 441, काशीचक प्रखंड में 163, नरहट में 103, कौआकोल में 345, वारिसलीगंज में 406, रजौली में 388, सिरदला में 405, पकरीवरावां में 385, अकबरपुर में 432, नारदीगंज में 250, मेसकौर में 269, हिसुआ में 315, रोह में 361 तथा गोविन्दपुर प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों में कुल 273 हैं।

सूत्रों के अनुसार जिले में चल रहे ओडीएफ कार्यक्रम के वावजूद जागरूकता के अभाव में आधे से अधिक रसोईयों के घरों में शौचालय नहीं है। अगर है भी तो वे उसका प्रयोग नहीं कर रही है। ऐसे में सभी रसोईयों के घरों में शौचालय निर्माण को सुनिश्चित करना विभाग के लिए एक कठिन चुनौती से कम नहीं होगा। क्योंकि विद्यालयों में कार्यरत रसोईयों आर्थिक रूप से सबल नहीं है। तथा विभाग के द्वारा भोजन बनाने के एवज में इतनी अधिक राशि भी नहीं दी जाती है कि बिना आर्थिक सहयोग के यह कार्य संभव है। ऐसे तो शौचालय निर्माण के बाद संबंधित विभाग के द्वारा बारह हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दिया जाता है। परन्तु यही राशि अगर पहले मिल जाए तो रसोईयों के घरों में शौचालय निर्माण का कार्य आसानी से किया जा सकता है। अब देखना यह है कि रसोईयों के घरों में निर्धारित समय सीमा तक शौचालय का निर्माण हो पाता है या कुछ रसोईयों को उनकी सेवा से मुक्त करने के लिए विभाग को मजबूर होना पड़ेगा।

इसके अलावा योजना व विकास विभाग के विकास आयुक्त शशि शेखर वर्मा ने भी विभिन्न सरकारी योजनाओं में संविदा पर बहाल अंगनबाड़ी सेविका,सहायिका, आशा व ममता स्वास्थ्य कार्यकर्ता, टोला सेवक व विकास मित्र के घरों में भी 15 अगस्त तक शौचालय निर्माण का कार्य हर हाल में पूरा कर लेने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि जिनके घरों में शौचालय नहीं है। वैसे घरों में प्रधानता के आधार में शौचालय का निर्माण कराया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। ताकि निर्धारित समय तक निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जा सके।


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