ऋण वितरण में तेजी लाएं बैंक अधिकारी : डीएम
- केसीसी वितरण की अपेक्षित प्रगति नहीं मिलने पर जताया असंतोष - प्रवासियों को भी ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने का दिया निर्देश --------------- फोटो-18 -------------- संवाद सहयोगी
नवादा । समाहरणालय सभागार में मंगलवार को डीएम यशपाल मीणा ने बैंक अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बैंक प्रबंधकों से लोन की स्थिति के बारे में जानकारी ली। केसीसी ऋण वितरण की कमजोर प्रगति पर गहरा असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केसीसी ऋण वितरण गांव के किसानों के लिए अतिआवश्यक है, इसलिए अधिक से अधिक ऋण वितरण करें ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सकें। उन्होनें जेएलजी ऋण वितरण की स्थिति के बारे में भी जाना।
डीडीएम नाबार्ड ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जेएलजी के माध्यम से लोन का वितरण नहीं हो रहा है। इस संबंध में सभी बैक प्रबंधकों को ग्रुप बनाकर लोन करने के लिए कहा गया। डीएम ने स्वयं सहायता समूहों को ऋण वितरण की स्थिति पर संतोष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि हमारे जिले में प्रवासी श्रमिक एवं किसान जो लॉकडाउन में अन्य राज्यों से आए हैं, उनको भी ऋण देना है ताकि वे स्वरोजगार प्राप्त कर अपनी जीविका चला सकें। डीएम ने पीएमइजीपी लोन के बारे में कहा कि आप आवेदन को सर्विस एरिया के कारण रिजेक्ट न करें, बल्कि उसे संबंधित सेवा क्षेत्रों में भेज दें ताकि ऋण आवेदन करने वालों को लोन मिल सके। उन्होंने सभी बैंक प्रबंधकों से बारी-बारी से उक्त बिंदुओं पर चर्चा की तथा प्राथमिकता के आधार पर कर्ज बांटने को कहा। उन्होंने पीडीआर केस के बारे में भी चर्चा की तथा इस पर बैठक बुलाने के लिए प्रत्येक माह की 10 तारीख को समय रखा गया। सीडी रेशियो के बारे में चर्चा कर उसको भी बढ़ाने का निर्देश दिया गया। गोटरी, पीगरी, गव्य विकास एवं फिसरीज आदि व्यवसायियों पर भी लोन देने का निर्देश दिया गया। नाबार्ड के प्रबंधक ने कहा कि जिले में चार लाख भूमिहीन किसान हैं, उन्हें भी कर्ज देना है। कादिरगंज में बुनकरों को भी फाइनांस करने की बात कही गई। आरसेटी के निदेशक को दो वर्षों में प्रशिक्षित लोगों से संपर्क करने को कहा गया तथा उसका फीडबैक तैयार करने को कहा गया ताकि उन्हे ऋण का लाभ देकर रोजगार मुहैया कराई जा सके। उप विकास आयुक्त वैभव चौधरी ने सभी बैंक प्रबंधकों कृषि लोन संबंधित आवश्यक निर्देश दिए। मौके पर विभिन्न बैंकों के अधिकारी उपस्थित थे।