जफरा गांव के गबरी तालाब जीर्णोद्धार को ग्रामीण हुए जागरूक
प्रखंड क्षेत्र के ओड़ो पंचायत अंर्तगत जफरा गांव स्थित गबरी तालाब के पास बुधवार को दैनिक जागरण की टीम पहुंची।
नवादा। प्रखंड क्षेत्र के ओड़ो पंचायत अंर्तगत जफरा गांव स्थित गबरी तालाब के पास बुधवार को दैनिक जागरण की टीम पहुंची। इसके साथ ही तालाब का पड़ताल किया गया। पड़ताल के क्रम में पाया कि चिल्लाती धूप व उमस भरी गर्मी में गांव के कई बुर्जुग व युवा तालाब के पास पहुंचकर जायजा ले रहे थे।तालाब की दुर्दशा देखकर लोग काफी ¨चतित दिखे। लोग आपस में बातचीत कर रहे थे कि तालाब का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है। अगर इस तालाब का जीर्णोद्धार कर दिया जाय तो ¨सचाई के लिए काफी उपयोगी हो सकता है। इसके साथ ही मवेशियों के लिए पानी पीने का साधन बन जाएगा। लोगों ने जागरण टीम से हुई बातचीत में बताया कि इस तालाब में सालोंभर पानी भरा रहता था। लेकिन कई साल से बारिश कम होने के कारण सूखा पड़ा है। गांव के लोगों द्वारा तालाब में कचरा फेंकने का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही तालाब की भूमि पर सरकारी विद्यालय का भवन निर्माण करा दिया गया। वहीं कुछ लोगों द्वारा तालाब की जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है। लोगों ने बताया कि तालाब में पानी भरा रहने से जलस्तर भी बरकरार रहता था। लेकिन सूखा रहने के कारण गांव का चापाकल से भी पानी गिरना बंद हो गया है। साथ ही आस-पास का कुंआ भी सूख गया है। लोगों के समक्ष पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। लोगों ने तालाब की साफ-सफाई कराने को लेकर जागरुकता अभियान चलाने का निर्णय लिया। इसके साथ ही सरकारी स्तर पर तालाब के जीर्णोद्धार के लिए प्रशासनिक पदाधिकारियों के समक्ष मांग रखने का भी निर्णय लिया गया।
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कब हुआ था तालाब का निर्माण
- लोगों ने बताया कि ओड़ो पंचायत के जफरा गांव स्थित गबरी तालाब का निर्माण जमींदारी के समय करीब एक सौ साल पहले कराया गया था। जो करीब दो एकड़ भू-भाग में फैला था। जिसमें सालोंभर पानी भरा रहता था। इस तालाब के पानी से आस-पास के खेतों की ¨सचाई होती थी। इसके साथ ही गांव में अगलगी की घटना होने पर तालाब का पानी आग पर काबू पाने में काफी उपयोगी माना जाता था। इसके साथ ही जलस्तर बरकरार रहता था। लेकिन तालाब की जमीन पर विद्यालय भवन का निर्माण करा दिया गया। वहीं गांव के कुछ लोगों द्वारा जमीन पर अतिक्रमण कर लिए जाने से काफी सिमट चुका है। इसके अलावे बाकी बचे तालाब की जमीन पर लोगों द्वारा कचरा फेंकने में उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही कई साल से तालाब सूखा पड़ा है।
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कहते हैं ग्रामीण
- गांव के लोगों के लिए गबरी तालाब काफी उपयोगी था। लेकिन तालाब सूखने के बाद चापाकल भी सूख जाता है। इसके साथ ही ¨सचाई का कार्य भी काफी प्रभावित होता है। तालाब की सफाई कराने के लिए ग्रामीणों के साथ सरकारी स्तर पर भी कार्य होना जरूरी है। सुखा पडा हुआ है। बिनोद ¨सह, जफरा। फोटो- 09
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- जमींदारी के समय गबरी तालाब की खुदाई करायी गई थी। तालाब के पानी से ग्रामीणों को काफी सहूलियत होती थी। इसके साथ ही ¨सचाई कार्य में काफी उपयोगी होता था। इसके जीर्णोद्धार को लेकर ग्रामीणों के साथ सरकारी स्तर भी पहल होनी चाहिए।
अर¨वद ¨सह, जफरा। फोटो-10
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- इस तालाब में सालोंभर पानी भरा रहता था। गांव में अगलगी की घटना होने पर तालाब का पानी आग बुझाने में काफी उपयोगी होता था। इसके साथ ही जलस्तर भी बरकरार रहता था। इसके जीर्णोद्धार को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जाय।
शिवशंकर ¨सह, जफरा। फोटो-11
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- तालाब में पानी रहने से किसानों को ¨सचाई कार्य में काफी सहूलियत होती थी। लेकिन तालाब सूखा रहने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसकी सफाई कराकर पानी भरने की व्यवस्था होती तो बेहतर होता।
अच्चुतानंद ¨सह, जफरा। फोटो-12
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- इस तालाब का निर्माण जमींदारी के समय कराया गया था। तालाब में पानी रहने से जलस्तर भी बरकरार रहता था। इसके साथ ही फसलों के पटवन कार्य में काफी उपयोगी होता है। तालाब की साफ-सफाई के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाय।
राहुल कुमार, जफरा। फोटो-13
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- गबरी तालाब में सालोंभर पानी रहता था। इस तालाब का पानी ¨सचाई कार्य के लिए वरदान माना जाता था। लेकिन तालाब पर विद्यालय भवन निर्माण हो जाने व अतिक्रमण कर लिए जाने से काफी सिमट चुका है। कई साल से सूखा पड़ा है। इसके जीर्णोद्धार के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाय।
ओमप्रकाश ¨सह, जफरा। फोटो-14